लखनऊः माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर से सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी के स्पोर्ट्स कोटे से लिए गए शस्त्र लाइसेंस पर धोखाधड़ी करके कई हथियार खरीदने के मामले में जमानत अर्जी को खारिज कर दी गई. एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश श्रीवास्तव ने कहा कि अभियुक्त पर लगे आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, जमानत नहीं दी जा सकती.
जमानत अर्जी का विरोध करते हुए एपीओ सोनू सिंह राठौर ने अदालत को बताया कि कोतवाली महानगर प्रभारी अशोक कुमार सिंह ने 12 अक्टूबर 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें कहा गया कि मेट्रो सिटी निवासी अब्बास अंसारी ने वर्ष 2012 में डीबीडीएल गन का लाइसेंस लिया था. इसके बाद अब्बास अंसारी ने अपना शस्त्र लाइसेंस दिल्ली के पते पर स्थानांतरित करवा लिया था. आरोप है कि अब्बास ने खुद को विख्यात निशानेबाज दिखाकर दिल्ली वाले शस्त्र लाइसेंस पर कई शस्त्र खरीद लिए. रिपोर्ट में कहा गया कि आरोपी ने लखनऊ पुलिस को बिना जानकारी और अनुमति के धोखाधड़ी कर लाइसेंस को दिल्ली स्थानांतरित करवा लिया.
बांदा जेल में बंद अब्बास अंसारी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत ने गत 22 दिसंबर 2022 को न्यायिक हिरासत में लिए जाने का आदेश दिया था. इसके पहले अदालत ने अब्बास अंसारी के खिलाफ गत 25 अगस्त 2022 को धारा 82 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत फरारी की उद्घोषणा का आदेश जारी किया था. निचली अदालत से लेकर उच्च न्यायालय तक अब्बास अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज की जा चुकी है. इसके बाद उन्होंने प्रयागराज की एक अदालत में उसने आत्म समर्पण कर दिया था. मामले के विवेचक के अनुरोध पर अदालत ने अब्बास अंसारी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तलब कर 22 दिसंबर को नए करेक्शन अभिरक्षा में लिए जाने का आदेश दिया था.
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