लखनऊ : धोखाधड़ी से एक शस्त्र लाइसेंस के आधार पर कई हथियार खरीदने के आरोपी मऊ सदर से सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की उस निगरानी याचिका को एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंश नारायन ने खारिज कर दिया है जिसमें अब्बास अंसारी ने निचली अदालत द्वारा डिस्चार्ज किए जाने की मांग वाली अर्जी को खारिज किए जाने के आदेश को चुनौती दी थी.
अब्बास अंसारी की ओर से निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि निचली अदालत ने उसे आरोपों से अवमुक्त (डिस्चार्ज) करने की मांग वाली अर्जी को बिना विधि सम्मत आदेश के 20 जुलाई 2023 को खारिज कर दिया था. आरोपी निगरानीकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया था कि वह राष्ट्रीय स्तर का निशानेबाज है. लिहाजा उसने बेहतर प्रशिक्षण के लिए दिल्ली से लाइसेंस का आवेदन किया था. जिस पर डीएम ने अनापत्ति भी दिया था और शर्तों के तहत आरोपी सात शस्त्र ले सकता है. यह भी कहा गया कि आरोपी निर्दोष है और उसने कोई भी अपराध नहीं किया है. जबकि अभियोजन की ओर से विशेष अधिवक्ता रमेश कुमार शुक्ला ने निगरानी का विरोध करते हुए कहा था कि आरोपी ने अपने पते के परिवर्तन की सूचना संबंधित अधिकारियों को नहीं दी और अपने गाजीपुर के मूल पते को सक्षम अधिकारियों से धोखे से छिपाया है.
इसके पूर्व एमपीएमएलए के विशेष एसीजेएम अम्बरीश श्रीवास्तव ने अब्बास अंसारी की डिस्चार्ज अर्जी को 20 जुलाई को खारिज कर दिया था. अभियोजन के अनुसार इस मामले की रिपोर्ट महानगर के प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार सिंह ने 12 अक्टूबर 2019 को दर्ज कराई थी कि मेट्रो सिटी निवासी अब्बास अंसारी ने 2012 में डीबीडीएल गन का लाइसेंस लिया था. इसके बाद अब्बास अंसारी ने अपना शस्त्र लाइसेंस दिल्ली के पते पर स्थानांतरित करवा लिया था. आरोप है कि अब्बास ने खुद को विख्यात निशानेबाज दिखाकर दिल्ली वाले शस्त्र लाइसेंस पर कई शस्त्र खरीद लिए. रिपोर्ट में कहा गया कि आरोपी ने लखनऊ पुलिस को बिना जानकारी व अनुमति के धोखाधड़ी कर लाइसेंस को दिल्ली स्थानांतरित करवाया लिया.
मजदूर हत्याकांड और गैंगस्टर मामले में मुख्तार अंसारी की आज होनी थी पेशी, नहीं आए गवाह