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गायत्री प्रजापति को राहत : धोखाधड़ी के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने की जमानत मंजूर - एमपी-एमएलए कोर्ट

पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति (Gayatri Prajapati) को एमपी-एमएलए कोर्ट (MP MLA Court) से राहत मिली है. धोखाधड़ी के एक मामले में कोर्ट ने गायत्री प्रजापति को जमानत दे दी है. कोर्ट ने साथ ही यह भी आदेश दिया है कि इस मुकदमे के विचारण के दौरान अभियुक्त अनावश्यक स्थगन अर्जी नहीं दाखिल करेगा.

गायत्री प्रजापति
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Published : Jul 30, 2021, 10:09 PM IST

लखनऊ : एमपी-एमलए कोर्ट (MP MLA Court) के विशेष जज पवन कुमार राय ने धोखाधड़ी आदि के एक मामले में निरुद्ध पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति (Gayatri Prajapati) की जमानत अर्जी सशर्त मंजूर कर ली है. कोर्ट ने अभियुक्त गायत्री को 50-50 हजार की दो जमानतें व इतनी ही धनराशि का निजी बंध पत्र दाखिल करने का आदेश दिया है.

कोर्ट ने साथ ही यह भी आदेश दिया है कि इस मुकदमे के विचारण के दौरान अभियुक्त अनावश्यक स्थगन अर्जी नहीं दाखिल करेगा. इस मुकदमे के गवाहों पर किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाएगा और न ही उन्हें प्रभावित करेगा. कोर्ट ने निर्देश दिये हैं कि अभियुक्त आरोप के स्तर पर सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रुप से उपस्थित रहेगा.


इस मामले की एफआईआर 17 दिसम्बर 2020 को गायत्री प्रजापति की कम्पनी के पूर्व निदेशक बृज भुवन चौबे ने थाना गोमनी नगर विस्तार में दर्ज करायी थी. इस एफआईआर में गायत्री प्रजापति, अनिल प्रजापति व एक अन्य महिला को नामजद किया गया था.

एफआईआर के मुताबिक खरगापुर स्थित उसकी पत्नी के नाम की जमीन धमकी देकर एफआईआर में नामजद महिला के नाम करा दी गयी. चित्रकूट निवासी इसी महिला ने गायत्री प्रजापति पर दुराचार की एफआईआर दर्ज करायी थी. आरोप है कि दुराचार के मुकदमे में अपने पक्ष में बयान देने के लिए गायत्री प्रजापति ने यह जमीन उसके नाम करा दी थी.

इसे भी पढ़ें - UP Assembly Election 2022 : सीएम योगी ही होंगे भाजपा का चेहरा !

लखनऊ : एमपी-एमलए कोर्ट (MP MLA Court) के विशेष जज पवन कुमार राय ने धोखाधड़ी आदि के एक मामले में निरुद्ध पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति (Gayatri Prajapati) की जमानत अर्जी सशर्त मंजूर कर ली है. कोर्ट ने अभियुक्त गायत्री को 50-50 हजार की दो जमानतें व इतनी ही धनराशि का निजी बंध पत्र दाखिल करने का आदेश दिया है.

कोर्ट ने साथ ही यह भी आदेश दिया है कि इस मुकदमे के विचारण के दौरान अभियुक्त अनावश्यक स्थगन अर्जी नहीं दाखिल करेगा. इस मुकदमे के गवाहों पर किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाएगा और न ही उन्हें प्रभावित करेगा. कोर्ट ने निर्देश दिये हैं कि अभियुक्त आरोप के स्तर पर सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रुप से उपस्थित रहेगा.


इस मामले की एफआईआर 17 दिसम्बर 2020 को गायत्री प्रजापति की कम्पनी के पूर्व निदेशक बृज भुवन चौबे ने थाना गोमनी नगर विस्तार में दर्ज करायी थी. इस एफआईआर में गायत्री प्रजापति, अनिल प्रजापति व एक अन्य महिला को नामजद किया गया था.

एफआईआर के मुताबिक खरगापुर स्थित उसकी पत्नी के नाम की जमीन धमकी देकर एफआईआर में नामजद महिला के नाम करा दी गयी. चित्रकूट निवासी इसी महिला ने गायत्री प्रजापति पर दुराचार की एफआईआर दर्ज करायी थी. आरोप है कि दुराचार के मुकदमे में अपने पक्ष में बयान देने के लिए गायत्री प्रजापति ने यह जमीन उसके नाम करा दी थी.

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