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सम्भल और महराजगंज में मेडिकल कॉलेज स्थापना को लेकर हुआ एमओयू

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर सम्भल एवं महराजगंज में पीपीपी मोड पर बनने वाले मेडिकल कॉलेज को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहली बार किसी मेडिकल कॉलेज की स्थापना पीपीपी मोड पर की जा रही है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
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Published : Apr 7, 2022, 11:00 PM IST

लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में गुरुवार को उनके सरकारी आवास पर सम्भल एवं महराजगंज में पीपीपी मोड पर बनने वाले मेडिकल कॉलेज के सम्बन्ध में पीपीपी पार्टनर के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. इस अवसर पर एमओयू दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बासन्तिक नवरात्रि के पावन अवसर पर बहुप्रतिष्ठित संस्थाओं सिद्धि विनायक ट्रस्ट, बरेली एवं शांति फाउण्डेशन ट्रस्ट, महराजगंज द्वारा प्रदेश में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना के कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है. प्रदेश में पहली बार किसी मेडिकल कॉलेज की स्थापना पीपीपी मोड पर की जा रही है. चिकित्सा शिक्षा विभाग इस कार्य को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाए.

अधिकारियों के साथ बैठक करते सीएम योगी.
अधिकारियों के साथ बैठक करते सीएम योगी.


मुख्यमंत्री ने कहा कि 16 जनपदों में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज के निर्माण युद्ध स्तर पर आगे बढ़ाया जाएगा. इसी क्रम में महराजगंज एवं सम्भल में 330-330 बेड के मेडिकल कॉलेज बनाने की कार्यवाही को पारदर्शिता के साथ नेशनल मेडिकल कमिशन की शर्तों के आधार पर आगे बढ़ाया जा रहा है. प्रदेश सरकार ने पीपीपी पार्टनर शांति फाउण्डेशन एवं श्री सिद्धि विनायक ट्रस्ट के लिए क्रमशः महराजगंज एवं सम्भल में वर्ष 2024 तक मेडिकल कॉलेज की स्थापना करने का लक्ष्य तय किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ एजुकेशन को और मजबूत करने के लिए 14 जनपदों में भी मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए एमओयू पारदर्शी तरीके से शीघ्र ही सम्पन्न होंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 से प्रदेश में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को लगातार मजबूत करने का कार्य किया है. आज उत्तर प्रदेश, देश में सबसे अधिक मेडिकल कॉलेज वाला राज्य बन चुका है. विगत 70 वर्षों में प्रदेश में मात्र 12 राजकीय मेडिकल कॉलेज थे. वहीं, विगत 05 वर्षों में प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना एवं राज्य के संसाधनों से 35 नये मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया है, जिनमें से 17 मेडिकल कॉलेज संचालित हो चुके हैं. 16 नये मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिनमें अगले सत्र से प्रवेश प्रारम्भ करने का प्रयास किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि देश में सबसे अधिक आबादी के राज्य उत्तर प्रदेश के 59 जनपदों में मेडिकल कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं या उनका निर्माण किया जा रहा है. 16 असेवित जनपदों में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज के निर्माण की कार्यवाही को राज्य सरकार आगे बढ़ा रही है.

इसे भी पढ़ें-इस वित्तीय वर्ष में यूपी सरकार को मिला 1.47 लाख करोड़ का राजस्व...पिछले साल से ज्यादा हुई कमाई

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार के कार्यों से आज देश और दुनिया आशान्वित है. प्रदेश सरकार ने सभी स्तरों पर मेडिकल की सीटों में वृद्धि की है, जिससे प्रदेश को अच्छे डॉक्टर, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता होगी. राज्य सरकार के सफल प्रयासों से आने वाले दिनों में हर जनपद में एक मेडिकल कॉलेज संचालित होगा. कार्यक्रम में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, सचिव चिकित्सा शिक्षा गौरी शंकर प्रियदर्शी, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण डॉ एनसी प्रजापति, सिद्धि विनायक ट्रस्ट एवं शांति फाउण्डेशन ट्रस्ट के पदाधिकारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में गुरुवार को उनके सरकारी आवास पर सम्भल एवं महराजगंज में पीपीपी मोड पर बनने वाले मेडिकल कॉलेज के सम्बन्ध में पीपीपी पार्टनर के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. इस अवसर पर एमओयू दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बासन्तिक नवरात्रि के पावन अवसर पर बहुप्रतिष्ठित संस्थाओं सिद्धि विनायक ट्रस्ट, बरेली एवं शांति फाउण्डेशन ट्रस्ट, महराजगंज द्वारा प्रदेश में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना के कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है. प्रदेश में पहली बार किसी मेडिकल कॉलेज की स्थापना पीपीपी मोड पर की जा रही है. चिकित्सा शिक्षा विभाग इस कार्य को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाए.

अधिकारियों के साथ बैठक करते सीएम योगी.
अधिकारियों के साथ बैठक करते सीएम योगी.


मुख्यमंत्री ने कहा कि 16 जनपदों में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज के निर्माण युद्ध स्तर पर आगे बढ़ाया जाएगा. इसी क्रम में महराजगंज एवं सम्भल में 330-330 बेड के मेडिकल कॉलेज बनाने की कार्यवाही को पारदर्शिता के साथ नेशनल मेडिकल कमिशन की शर्तों के आधार पर आगे बढ़ाया जा रहा है. प्रदेश सरकार ने पीपीपी पार्टनर शांति फाउण्डेशन एवं श्री सिद्धि विनायक ट्रस्ट के लिए क्रमशः महराजगंज एवं सम्भल में वर्ष 2024 तक मेडिकल कॉलेज की स्थापना करने का लक्ष्य तय किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ एजुकेशन को और मजबूत करने के लिए 14 जनपदों में भी मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए एमओयू पारदर्शी तरीके से शीघ्र ही सम्पन्न होंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 से प्रदेश में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को लगातार मजबूत करने का कार्य किया है. आज उत्तर प्रदेश, देश में सबसे अधिक मेडिकल कॉलेज वाला राज्य बन चुका है. विगत 70 वर्षों में प्रदेश में मात्र 12 राजकीय मेडिकल कॉलेज थे. वहीं, विगत 05 वर्षों में प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना एवं राज्य के संसाधनों से 35 नये मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया है, जिनमें से 17 मेडिकल कॉलेज संचालित हो चुके हैं. 16 नये मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिनमें अगले सत्र से प्रवेश प्रारम्भ करने का प्रयास किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि देश में सबसे अधिक आबादी के राज्य उत्तर प्रदेश के 59 जनपदों में मेडिकल कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं या उनका निर्माण किया जा रहा है. 16 असेवित जनपदों में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज के निर्माण की कार्यवाही को राज्य सरकार आगे बढ़ा रही है.

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इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार के कार्यों से आज देश और दुनिया आशान्वित है. प्रदेश सरकार ने सभी स्तरों पर मेडिकल की सीटों में वृद्धि की है, जिससे प्रदेश को अच्छे डॉक्टर, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता होगी. राज्य सरकार के सफल प्रयासों से आने वाले दिनों में हर जनपद में एक मेडिकल कॉलेज संचालित होगा. कार्यक्रम में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, सचिव चिकित्सा शिक्षा गौरी शंकर प्रियदर्शी, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण डॉ एनसी प्रजापति, सिद्धि विनायक ट्रस्ट एवं शांति फाउण्डेशन ट्रस्ट के पदाधिकारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

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