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जानिए, मतगणना के दौरान किन सीटों पर टिकी रहीं बीजेपी की नजरें

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Published : May 24, 2019, 1:34 PM IST

उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर गुरुवार को मतगणना के दौरान भाजपा के रणनीतिकारों की नजरें टिकी रहीं. पूरे दिन मतगणना के दौरान बीजेपी कार्यालय पर बने कंट्रोल रूम से इन सीटों का हाल जिम्मेदार नेता पूछते रहे. इन सभी में भाजपा के लिए सबसे खास सीटों में से अमेठी थी.

डॉ. तरुणकांत, मीडिया कोऑर्डिनेटर, यूपी बीजेपी.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर गुरुवार को मतगणना के दौरान भाजपा के रणनीतिकारों की नजरें टिकी रहीं. पार्टी के प्रत्याशियों के वोट कभी कम तो कभी ज्यादा होते रहे. पूरे दिन मतगणना के दौरान बीजेपी कार्यालय पर बने कंट्रोल रूम से इन सीटों का हाल जिम्मेदार नेता पूछते रहे. वहीं पल-पल की रिपोर्ट प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल को दी जा रही थी.

यूपी के कई सीटों पर भाजपा की टिकी रहीं नजरें.
  • भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे खास सीटों में से अमेठी थी. यहां से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा की स्मृति ईरानी चुनाव लड़ रही थीं.
  • शुरुआती रुझान में स्मृति ईरानी को बढ़त मिली. कुछ ही देर बाद राहुल गांधी ने स्मृति ईरानी को पीछे कर दिया.
  • दोपहर तक यह सिलसिला कई बार ऊपर नीचे हुआ. इसके बाद यह उतार-चढ़ाव स्मृति के लिए जीत में तब्दील हो गया.
  • कन्नौज सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के सामने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुब्रत पाठक चुनाव लड़ रहे थे. सुब्रत पाठक, डिंपल यादव के सामने इससे पहले भी चुनाव लड़ चुके थे.
  • इस सीट पर भी पूरे दिन सबकी नजर गड़ी रही. शुरुआती रुझानों में कभी बीजेपी तो कभी समाजवादी पार्टी आगे रही, लेकिन दोपहर बाद डिंपल यादव पिछड़ने लगीं तो पिछड़ती ही गईं.
  • ऐसे ही बलिया सीट से भाजपा प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह मस्त, बदायूं से संघमित्र मौर्य, फिरोजाबाद से चंद्रसेन जादौन, श्रावस्ती से दद्दन मिश्रा, मछली शहर से भोलानाथ, सुल्तानपुर से मेनका गांधी और बागपत से डॉ. सत्यपाल सिंह की सीट मैदान में थे.
  • इसके अलावा यूपी बीजेपी अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय की सीट भी काफी हद तक फंसी हुई थी. इस सीट पर जातीय समीकरण डॉ. पांडेय के लिए चुनौती बन गया था.

करीब 10 सीटें ऐसी रही हैं जिन पर हम चुनाव हार रहे थे. केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार के कामकाज के साथ-साथ संगठन का जनता से मजबूत संपर्क की वजह पूरी तरह से आश्वस्त थे कि उन सभी जगहों पर जीत दर्ज करेंगे और वही हुआ.
-डॉ. तरुणकांत, मीडिया कोऑर्डिनेटर, यूपी बीजेपी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर गुरुवार को मतगणना के दौरान भाजपा के रणनीतिकारों की नजरें टिकी रहीं. पार्टी के प्रत्याशियों के वोट कभी कम तो कभी ज्यादा होते रहे. पूरे दिन मतगणना के दौरान बीजेपी कार्यालय पर बने कंट्रोल रूम से इन सीटों का हाल जिम्मेदार नेता पूछते रहे. वहीं पल-पल की रिपोर्ट प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल को दी जा रही थी.

यूपी के कई सीटों पर भाजपा की टिकी रहीं नजरें.
  • भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे खास सीटों में से अमेठी थी. यहां से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा की स्मृति ईरानी चुनाव लड़ रही थीं.
  • शुरुआती रुझान में स्मृति ईरानी को बढ़त मिली. कुछ ही देर बाद राहुल गांधी ने स्मृति ईरानी को पीछे कर दिया.
  • दोपहर तक यह सिलसिला कई बार ऊपर नीचे हुआ. इसके बाद यह उतार-चढ़ाव स्मृति के लिए जीत में तब्दील हो गया.
  • कन्नौज सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के सामने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुब्रत पाठक चुनाव लड़ रहे थे. सुब्रत पाठक, डिंपल यादव के सामने इससे पहले भी चुनाव लड़ चुके थे.
  • इस सीट पर भी पूरे दिन सबकी नजर गड़ी रही. शुरुआती रुझानों में कभी बीजेपी तो कभी समाजवादी पार्टी आगे रही, लेकिन दोपहर बाद डिंपल यादव पिछड़ने लगीं तो पिछड़ती ही गईं.
  • ऐसे ही बलिया सीट से भाजपा प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह मस्त, बदायूं से संघमित्र मौर्य, फिरोजाबाद से चंद्रसेन जादौन, श्रावस्ती से दद्दन मिश्रा, मछली शहर से भोलानाथ, सुल्तानपुर से मेनका गांधी और बागपत से डॉ. सत्यपाल सिंह की सीट मैदान में थे.
  • इसके अलावा यूपी बीजेपी अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय की सीट भी काफी हद तक फंसी हुई थी. इस सीट पर जातीय समीकरण डॉ. पांडेय के लिए चुनौती बन गया था.

करीब 10 सीटें ऐसी रही हैं जिन पर हम चुनाव हार रहे थे. केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार के कामकाज के साथ-साथ संगठन का जनता से मजबूत संपर्क की वजह पूरी तरह से आश्वस्त थे कि उन सभी जगहों पर जीत दर्ज करेंगे और वही हुआ.
-डॉ. तरुणकांत, मीडिया कोऑर्डिनेटर, यूपी बीजेपी

Intro:लखनऊ। उत्तर प्रदेश की करीब दर्जनभर लोकसभा सीटों पर आज मतगणना के दौरान भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकारों की सांसे टिकी रही। पार्टी के प्रत्याशियों के वोट कभी कम तो कभी ज्यादा होने के साथ ही भाजपा नेताओं की धड़कन भी घट बढ़ रही थी। पूरे दिन मतगणना के दौरान बीजेपी कार्यालय पर बने कंट्रोल रूम से इन सीटों का हाल जिम्मेदार नेता पूछते रहे। पल पल की रिपोर्ट प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल को दी रही थी।


Body:इसमें भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे खास सीटों में से अमेठी जहां से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा की स्मृति ईरानी चुनाव लड़ रही थी। शुरुआती रुझान में स्मृति ईरानी को बढ़त मिली। कुछ ही देर बाद राहुल गांधी ने स्मृति ईरानी को पिछाड़ दिया। इसके बाद स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को पीछे किया। दोपहर तक यह सिलसिला कई बार ऊपर नीचे हुआ। उसके बाद यही उतार-चढ़ाव सीधे स्मृति के लिए जीत में तब्दील हुई।

कन्नौज सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के सामने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुब्रत पाठक चुनाव लड़ रहे थे। सुब्रत पाठक डिंपल यादव के सामने इससे पहले भी चुनाव लड़ चुके थे। इस सीट पर भी पूरे दिन सबकी नजर गड़ी रही। शुरुआती रुझानों में कभी बीजेपी तो कभी समाजवादी पार्टी आगे रही लेकिन दोपहर बाद डिंपल यादव पिछड़ने लगीं तो पिछड़ती ही गयीं।

ऐसे ही बलिया सीट से भाजपा प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह मस्त, बदायूं से संघमित्र मौर्य, फिरोजाबाद से चंद्रसेन जादौन, श्रावस्ती से दद्दन मिश्रा, मछली शहर से भोलानाथ, सुल्तानपुर से मेनका गांधी और बागपत से डॉक्टर सत्यपाल सिंह की सीट फसी हुई थी। कई बार भाजपा प्रत्याशी हार की कगार पर पहुंच कर जीत दर्ज किये। इसके अलावा यूपी बीजेपी अध्यक्ष डॉ महेंद्र नाथ पांडेय की सीट भी काफी हद तक फसी हुई थी। इस सीट पर जातीय समीकरण डॉ पांडेय के लिए चुनौती बन गया था।

बाईट- यूपी बीजेपी के मीडिया कोऑर्डिनेटर डॉ तरुणकांत ने कहा कि करीब 10 सीटें ऐसी हैं रही हैं जिन पर राजनीतिक विश्लेषक हमे चुनाव हरा रहे थे। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार औए राज्य की योगी सरकार के कामकाज के साथ संगठन का जनता के बीच मजबूत संपर्क की वजह हम पूरी तरह से आश्वस्त थे कि उन सभी जगहों पर जीत दर्ज करेंगे। वही हुआ।


Conclusion:
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