लखनऊ: उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर गुरुवार को मतगणना के दौरान भाजपा के रणनीतिकारों की नजरें टिकी रहीं. पार्टी के प्रत्याशियों के वोट कभी कम तो कभी ज्यादा होते रहे. पूरे दिन मतगणना के दौरान बीजेपी कार्यालय पर बने कंट्रोल रूम से इन सीटों का हाल जिम्मेदार नेता पूछते रहे. वहीं पल-पल की रिपोर्ट प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल को दी जा रही थी.
- भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे खास सीटों में से अमेठी थी. यहां से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा की स्मृति ईरानी चुनाव लड़ रही थीं.
- शुरुआती रुझान में स्मृति ईरानी को बढ़त मिली. कुछ ही देर बाद राहुल गांधी ने स्मृति ईरानी को पीछे कर दिया.
- दोपहर तक यह सिलसिला कई बार ऊपर नीचे हुआ. इसके बाद यह उतार-चढ़ाव स्मृति के लिए जीत में तब्दील हो गया.
- कन्नौज सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के सामने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुब्रत पाठक चुनाव लड़ रहे थे. सुब्रत पाठक, डिंपल यादव के सामने इससे पहले भी चुनाव लड़ चुके थे.
- इस सीट पर भी पूरे दिन सबकी नजर गड़ी रही. शुरुआती रुझानों में कभी बीजेपी तो कभी समाजवादी पार्टी आगे रही, लेकिन दोपहर बाद डिंपल यादव पिछड़ने लगीं तो पिछड़ती ही गईं.
- ऐसे ही बलिया सीट से भाजपा प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह मस्त, बदायूं से संघमित्र मौर्य, फिरोजाबाद से चंद्रसेन जादौन, श्रावस्ती से दद्दन मिश्रा, मछली शहर से भोलानाथ, सुल्तानपुर से मेनका गांधी और बागपत से डॉ. सत्यपाल सिंह की सीट मैदान में थे.
- इसके अलावा यूपी बीजेपी अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय की सीट भी काफी हद तक फंसी हुई थी. इस सीट पर जातीय समीकरण डॉ. पांडेय के लिए चुनौती बन गया था.
करीब 10 सीटें ऐसी रही हैं जिन पर हम चुनाव हार रहे थे. केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार के कामकाज के साथ-साथ संगठन का जनता से मजबूत संपर्क की वजह पूरी तरह से आश्वस्त थे कि उन सभी जगहों पर जीत दर्ज करेंगे और वही हुआ.
-डॉ. तरुणकांत, मीडिया कोऑर्डिनेटर, यूपी बीजेपी