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यूपी की जेलों में बंद एक लाख से ज्यादा कैदियों का हो चुका है कोरोना टेस्ट

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Published : Sep 4, 2020, 3:53 AM IST

यूपी की जेलों में बंद कैदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए शुरुआती दिनों से ही जेल प्रशासन सक्रिय रहा है. बात आंकड़ों की करें तो अब तक जेल प्रशासन जेलों में बंद 1,04,680 कैदियों का कोरोना टेस्ट करवा चुका है.

जेलों में बंद अब तक 1,04,680 कैदियों का हो चुका है कोरोना टेस्ट.
जेलों में बंद अब तक 1,04,680 कैदियों का हो चुका है कोरोना टेस्ट.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जेल प्रशासन जेलों में बंद अब तक 1,04,680 कैदियों का कोरोना टेस्ट करवा चुका है. वहीं प्रदेश की जेलों में बंद अब तक कुल 5000 कैदी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें से वर्तमान में 1949 केस एक्टिव हैं, जबकि अन्य बंदी कोरोना से ठीक हो चुके हैं. वहीं अभी तक एक भी बंदी की कोरोना संक्रमण से मौत नहीं हुई है.

  • अब तक 1,04,680 कैदियों का हो चुका है कोरोना टेस्ट.
  • अब तक प्रदेश में कुल 5000 कैदी मिले कोरोना संक्रमित.
  • प्रदेश में एक भी कैदी की कोरोना से नहीं हुई मौत.
  • प्रदेश में अभी भी 1949 केस हैं एक्टिव.

दरअसल, कैदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए जेल प्रशासन ने शुरुआती दौर से ही प्रयास किए हैं. जेलों में संक्रमण फैलने न पाए, इसको लेकर परिजनों से कैदियों की मुलाकात पर रोक लगाई गई. अस्थायी जेलों का निर्माण कराने के साथ ही जेलों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया गया. इसके अलावा बंदियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के मकसद से जेल में आयुष काढ़ा, योग व व्यायाम पर भी जोर दिया गया. ये जेल प्रशासन के प्रयासों की ही देन है कि प्रदेश की जेलों में बंद एक भी कैदी की मौत कोरोना से अब तक नहीं हुई है.

डीजी जेल आनंद कुमार ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शुरुआती दिनों से ही जेल प्रशासन ने मुस्तैदी बरती है. इससे बचाव के लिए बड़ी संख्या में अस्थायी जेलों का निर्माण कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कराया जा रहा है. साथ ही उनका कहना था कि हमने अपने संसाधनों का प्रयोग करते हुए लाखों मास्क व हजारों PPE किट बनाकर कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम में योगदान भी दिया है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जेल प्रशासन जेलों में बंद अब तक 1,04,680 कैदियों का कोरोना टेस्ट करवा चुका है. वहीं प्रदेश की जेलों में बंद अब तक कुल 5000 कैदी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें से वर्तमान में 1949 केस एक्टिव हैं, जबकि अन्य बंदी कोरोना से ठीक हो चुके हैं. वहीं अभी तक एक भी बंदी की कोरोना संक्रमण से मौत नहीं हुई है.

  • अब तक 1,04,680 कैदियों का हो चुका है कोरोना टेस्ट.
  • अब तक प्रदेश में कुल 5000 कैदी मिले कोरोना संक्रमित.
  • प्रदेश में एक भी कैदी की कोरोना से नहीं हुई मौत.
  • प्रदेश में अभी भी 1949 केस हैं एक्टिव.

दरअसल, कैदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए जेल प्रशासन ने शुरुआती दौर से ही प्रयास किए हैं. जेलों में संक्रमण फैलने न पाए, इसको लेकर परिजनों से कैदियों की मुलाकात पर रोक लगाई गई. अस्थायी जेलों का निर्माण कराने के साथ ही जेलों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया गया. इसके अलावा बंदियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के मकसद से जेल में आयुष काढ़ा, योग व व्यायाम पर भी जोर दिया गया. ये जेल प्रशासन के प्रयासों की ही देन है कि प्रदेश की जेलों में बंद एक भी कैदी की मौत कोरोना से अब तक नहीं हुई है.

डीजी जेल आनंद कुमार ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शुरुआती दिनों से ही जेल प्रशासन ने मुस्तैदी बरती है. इससे बचाव के लिए बड़ी संख्या में अस्थायी जेलों का निर्माण कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कराया जा रहा है. साथ ही उनका कहना था कि हमने अपने संसाधनों का प्रयोग करते हुए लाखों मास्क व हजारों PPE किट बनाकर कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम में योगदान भी दिया है.

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