लखनऊः सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को स्वामित्व योजना के तहत 10 लाख 81 हजार 62 ग्रामीणों को डिजिटल माध्यम से उनके आवास का मालिकाना हक दिलाने वाला दस्तावेज (घरौनी प्रमाण-पत्र) सौंपें. ग्रामीण घरौनी प्रमाण पत्र के माध्यम से बैंकों से लोन प्राप्त करना आसान हो जाएगा. इसके साथ ही अन्य आवश्यक सेवाओं को प्राप्त करने में भी घरौनी के दस्तावेज काम आएंगे.
राज्य सरकार स्वामित्व योजना के तहत सभी 75 जनपदों में घरौनियां तैयार किए जाने का कार्य तेजी से चल रहा है. अभिलेखों को तैयार करने के लिए 1,10313 ग्रामों को चिह्नित किया गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 24 अप्रैल, 2020 से शुरू की गई स्वामित्व योजना का लाभ सीएम योगी आदित्यनाथ यूपी की ग्रामीण जनता को भी दिला रहे हैं. स्वामित्व योजना के तहत 20 जून तक प्रदेश के कुल 68641 ग्रामों में ड्रोन सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है. 23287 ग्रामों में कुल 3428305 घरौनियां तैयार हो चुकी है.
राज्य सरकार स्वामित्व योजना के तहत प्रदेश में 23 दिसम्बर 2021 तक 5 चरणों में कुल 15940 ग्रामों में 2347243 घरौनियों का वितरण कर चुकी है. सरकार ने पहले चरण में 11 अक्टूबर 2020 को 346 ग्रामों में 41731, दूसरे चरण में 25 दिसम्बर 2020 को 229 ग्रामों में 10041, तीसरे चरण में 12 फरवरी 2021 को 1001 ग्रामों में 157224, चतुर्थ चरण में 24 अप्रैल 2021 को 427 ग्रामों में 53424 और पांचवें चरण में 23 दिसम्बर 2021 को 13937 ग्रामों में 2084823 घरौनियों का वितरण किया गया है.
घरौनी प्रमाण पत्र के फायदेः आवासीय अभिलेखों बन जाने पर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सम्पत्ति संबंधी विवाद काफी कम हो जाएंगे. स्वामित्व का अभिलेख बन जाने पर न्यायालय में चल रहे विवादों का निस्तारण जल्द होगा. आबादी क्षेत्र का प्रारंभिक डाटा मिलने पर सरकार विकास की योजनाओं को आसानी से संचालित करा सकेगी. इन अभिलेखों के तैयार हो जाने पर ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय तरलता एवं वित्तीय सुदृढ़ता के साथ ही विकास की प्रक्रिया को भी गति मिलेगी.