लखनऊः अल्पसंख्यक राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने शनिवार को बयान जारी कर कहा है कि योगी सरकार ने अपने चार साल के कार्यकाल में ही अल्पसंख्यकों को लाभ पहुंचाने के मामले में पिछली सभी सरकारों को पीछे छोड़ दिया है. प्रदेश में सपा, बसपा हो या कोई और, किसी भी सरकार के पांच साल में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए इतना काम नहीं हुआ है. योगी सरकार ने केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं के अलावा अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण के लिए पिछली सरकारों से 68 हजार 402 करोड़ ज्यादा धनराशि दी है.
मोहसिन रजा ने कहा कि विपक्ष भाजपा पर अल्पसंख्यक विरोधी होने का निराधार आरोप लगाता रहा है. लेकिन सच्चाई यह है कि सपा, बसपा और कांग्रेस की सरकार योगी सरकार की तरह अल्पसंख्यकों के लिए काम नहीं किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था मुस्लिम बच्चों के एक हाथ में लैपटॉप हो दूसरे हाथ में कुरान. उसी तरह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अल्पसंख्यक समाज के युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों सबके लिए काम किया है.
सीएम खुद अल्पसंख्यक समाज के विकास पर रखते हैं नजर
मोहसिन रजा ने कहा कि सीएम योगी अन्य विभागों की तरह अल्पसंख्यक विभाग पर भी नजर रखते हैं. समुदाय के कल्याण के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं की लगातार समीक्षा करते हैं. योगी सरकार ने अपने बजट में हर साल अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए हजारों करोड़ रुपये दिए हैं.उन्होंने कहा कि यूपी में अल्पसंख्यकों की आबादी 17 से 19 फीसदी है और इस समाज को योजनाओं का लाभ 30 से 35 फीसदी मिल रहा है. सरकार का दावा है कि प्रधानमंत्री आवास, सौभाग्य, उज्जवला, खाद्यान्न योजना, आयुष्मान भारत या मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना सहित किसी भी योजना में आबादी के हिसाब से देखेंगे, तो अल्पसंख्यक समाज को उससे कई गुना ज्यादा लाभ मिल रहा है.
अल्पसंख्यक बाहुल्य जिलों के 12 लाख लोगों को 21 हजार करोड़ मिले
यूपीएसएलडीसी के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 21 जिले बागपत, बहराइच, बलरामपुर, बाराबंकी, बदायूं, बरेली, शाहजहांपुर, बिजनौर, बुलन्दशहर, अमरोहा, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, मेरठ, गाजियाबाद, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, श्रावस्ती और सिद्धार्थनगर अल्पसंख्यक बाहुल्य के रूप में चिह्नित हैं. इन जिलों में वित्त वर्ष 2020-21 में दिसंबर तक अल्पसंख्यक समुदाय के 12 लाख 26 हजार 499 लोगों को 21 हजार 406.04 करोड़ दिए गए हैं. यह कुल प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत दिए गए लोन का क्रमशः 12.015 (खाते) और 14.44 फीसदी (धनराशि) है. जबकि पूरे प्रदेश में प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत एक करोड़ 57 लाख 59 हजार 712 कमजोर वर्गों को कुल तीन लाख 69 हजार 270 करोड़ दिए गए हैं.
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नौ फीसदी अल्पसंख्यकों को दिया गया लोन
अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण की योजनाओं को प्रधानमंत्री के 15 सूत्रीय कार्यक्रम में भी शामिल किया गया है. इन समुदायों को प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत कमजोर वर्गों के लिए अलग-अलग श्रेणी में लोन देने के लिए वर्गीकृत किया गया है. साथ ही इन्हें प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत कुल लोन का 15 प्रतिशत तक देने के निर्देश हैं. जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में दिसंबर तक बैंकों ने पूरे प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय के 20 लाख 34 हजार 654 लोगों को 53 हजार 325.88 करोड़ दिए गए हैं, जो कुल प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत दिए गए लोन का क्रमशः 24.43 फीसदी (खाते) और 20.07 फीसदी (धनराशि) है.
यूपीएसएलडीसी के आंकड़ों के मुताबिक पिछली सरकार में स्थिति
वित्त वर्ष | करोड़ (रुपये) |
2012 | 1348508 |
2012 | 1348508 |
2013 | 1466169 |
2014 | 1569779 |
2015 | 1680417 |
2016 | 1785989 |
कुल | 3,50,862 |
योगी सरकार में स्थिति
वित्त वर्ष | करोड़ (रुपये) |
2017 | 1890574 |
2018 | 19101786 |
2018 | 19101786 |
2019 | 20109180 |
2020-21 | 117724 |
कुल | 4,19,264 |