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डिवाइडर पर रात गुजारने वाले बुजुर्ग को पुलिस की पहल पर मिले अपने

राजधानी लखनऊ की मोहनलालगंज कोतवाली पुलिस की पहल पर 10 साल पहले परिवार से बिछड़ गए बुजुर्ग को उसके अपने मिल गए. बुजुर्ग कई दिन से हाईवे पर भूख-प्यास झेलकर दिन गुजार रहे थे.

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मोहनलालगंज कोतवाली पुलिस ने बुजुर्ग को परिवार से मिलवाया.
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Published : Dec 18, 2020, 6:13 PM IST

लखनऊ : मोहनलालगंज में हाईवे के डिवाइडर पर पिछले 20 दिन से जो बुजुर्ग भूख प्यास झेलकर दिन रात गुजार रहे थे, उसे गुरुवार को मोहनलालगंज पुलिस की पहल पर अपने मिल गए. गुरुवार को बुजुर्ग बबलू के परिजन उसे अपने साथ घर ले गए. वहीं बबलू को लेने आए परिवार के लोगों ने कहा कि ये दस साल पहले दिल्ली में बिछड़ गए थे.

जरदोजी कारीगर था बुजुर्ग
मोहनलालगंज तहसील की चौखट पर पिछले 20 दिनों से एक बुजुर्ग हाईवे के डिवाइडर पर गंदे कपड़ों से लिपटा हुआ भूखे पेट अपनी जिंदगी के दिन गिन रहा था. हाईवे से गुजरने वाले लोग भी उसे विक्षिप्त समझकर अनदेखा कर वहीं से निकल जाया करते थे. इस मामले की पूरी खबर प्रकाशित हुई तो जिम्मेदारों ने संज्ञान लिया. इसके बाद डिवाइडर पर लेटे बुजुर्ग से उससे बातचीत कर उससे उसका नाम पता पूछा. जिस पर उसने अपना नाम कादिर उर्फ बबलू थाना सुलतानपुर घोष और जिला फतेहपुर बताया. इसके बाद इंस्पेक्टर मोहनलालगंज जीडी शुक्ला एसआई राजेन्द्र यादव ने परिजनों का पता लगाने के लिए पड़ताल शुरू की. आखिरकार उसके परिजनों से बात हुई तो उन्हें फोटो भेजी. इस पर उन लोगों ने पहचान की और उसे लेने के लिए गुरुवार को मोहनलालगंज कोतवाली आ गए.

ये भी पढ़ें : फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रहे दिव्यांग की गुहार, हमें घर पहुंचा दो सरकार

10 साल पहले अपनों से बिछड़ गए बबलू
बताया जा रहा है कि परिजन उसकी हालत देख पहले उसे नहलाए. उसके बाद खाना खिलाकर उसका हालचाल लिया. बबलू के चाचा अमीनुद्दीन ने बताया कि बबलू अपने पिता के साथ दिल्ली में रहकर जरदोजी कारीगरी का काम करता था. वहीं से ये नशे की लत के चक्कर में अपनों से बिछड़ गया. उसकी तलाश के लिए काफी जतन भी किए. पर कहीं पता न लगने पर हम थक हारकर बैठ गए. आज इसे पाकर काफी खुशी है. इसके लिए परिजनों ने मोहनलालगंज पुलिस और खबर लिखने वालों का आभार प्रकट किया.

लखनऊ : मोहनलालगंज में हाईवे के डिवाइडर पर पिछले 20 दिन से जो बुजुर्ग भूख प्यास झेलकर दिन रात गुजार रहे थे, उसे गुरुवार को मोहनलालगंज पुलिस की पहल पर अपने मिल गए. गुरुवार को बुजुर्ग बबलू के परिजन उसे अपने साथ घर ले गए. वहीं बबलू को लेने आए परिवार के लोगों ने कहा कि ये दस साल पहले दिल्ली में बिछड़ गए थे.

जरदोजी कारीगर था बुजुर्ग
मोहनलालगंज तहसील की चौखट पर पिछले 20 दिनों से एक बुजुर्ग हाईवे के डिवाइडर पर गंदे कपड़ों से लिपटा हुआ भूखे पेट अपनी जिंदगी के दिन गिन रहा था. हाईवे से गुजरने वाले लोग भी उसे विक्षिप्त समझकर अनदेखा कर वहीं से निकल जाया करते थे. इस मामले की पूरी खबर प्रकाशित हुई तो जिम्मेदारों ने संज्ञान लिया. इसके बाद डिवाइडर पर लेटे बुजुर्ग से उससे बातचीत कर उससे उसका नाम पता पूछा. जिस पर उसने अपना नाम कादिर उर्फ बबलू थाना सुलतानपुर घोष और जिला फतेहपुर बताया. इसके बाद इंस्पेक्टर मोहनलालगंज जीडी शुक्ला एसआई राजेन्द्र यादव ने परिजनों का पता लगाने के लिए पड़ताल शुरू की. आखिरकार उसके परिजनों से बात हुई तो उन्हें फोटो भेजी. इस पर उन लोगों ने पहचान की और उसे लेने के लिए गुरुवार को मोहनलालगंज कोतवाली आ गए.

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10 साल पहले अपनों से बिछड़ गए बबलू
बताया जा रहा है कि परिजन उसकी हालत देख पहले उसे नहलाए. उसके बाद खाना खिलाकर उसका हालचाल लिया. बबलू के चाचा अमीनुद्दीन ने बताया कि बबलू अपने पिता के साथ दिल्ली में रहकर जरदोजी कारीगरी का काम करता था. वहीं से ये नशे की लत के चक्कर में अपनों से बिछड़ गया. उसकी तलाश के लिए काफी जतन भी किए. पर कहीं पता न लगने पर हम थक हारकर बैठ गए. आज इसे पाकर काफी खुशी है. इसके लिए परिजनों ने मोहनलालगंज पुलिस और खबर लिखने वालों का आभार प्रकट किया.

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