लखनऊ : तीन दिवसीय नो योर आर्मी मेले की शुरुआत शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मध्य कमान के सूर्या खेल परिसर की. इस दौरान सीएम योगी ने सेना के आधुनिक हथियारों को खुद देखा और अधिकारियों से उनके बारे में जानकारी हासिल की. साथ ही सीएम योगी ने इस दौरान आधुनिक राइफलें हाथ में लेकर भी देखीं और टैंकों की सवारी भी की.
सेना को करीब से जानने के लिए इस मेले का आयोजन किया गया है. आम जनता को भी इस मेले में आमंत्रित किया गया है. मेले में भारतीय सेना के अत्याधुनिक हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई है. एक से बढ़कर एक सेना के हथियार मेले में मौजूद हैं. इनमें टी 90, टी 70 टैंक, तोपें, रडार सिस्टम आदि शामिल हैं. इजराइल का रडार सिस्टम भी लोगों को अपनी तरफ आकर्षित रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेले का शुभारंभ किया.
मेले का कोई टिकट नहीं : तीन दिन के इस आर्मी मेले में गतका, सैन्य डॉग शो, फिल्म, सैन्य पाइप बैंड, मार्शल आर्ट्स, रॉक क्लाइंबिंग, रैपलिंग, भांगड़ा, कलारीपौट्टू, खुकरी नृत्य भी आकर्षण का केंद्र बनेंगे. सेना के एक से बढ़कर एक हथियार इस प्रदर्शनी में मौजूद हैं. इस बार सेना दिवस के आयोजन का दारोमदार मध्य कमान पर है. लिहाजा, आर्मी मेले में इस बार पहले से कहीं ज्यादा हथियार प्रदर्शन में लगाए गए हैं. मध्यमान के जनसंपर्क अधिकारी शांतनु प्रताप सिंह ने बताया कि तीन दिनों के इस आयोजन में आम जनता के लिए किसी तरह का कोई टिकट नहीं लगाया गया है. अपनी सेना को जानने के लिए और उनके अत्याधुनिक हथियारों को जनता करीब से देख सकती है. उनके बारे में समझ सकती है. यहां पर भारत निर्मित टैंकों का प्रदर्शन किया जा रहा है. इजराइल के भी उपकरणों का प्रदर्शन हो रहा है.
बम स्क्वायड वाहन खींच रहा लोगों का ध्यान : जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि सेना का रडार सिस्टम, ड्रोन और बम स्क्वायड वाहन लोगों को खूब आकर्षित कर रहा है. इस दौरान हेरिटेज से लेकर अत्याधुनिक तकनीक तक के हथियारों और उपकरणों की एक प्रभावशाली श्रृंखला को देख सकेंगे. प्रदर्शनी के अन्य आकर्षणों में भारतीय सेना की मार्शल आर्ट टीमों की तरफ से मनमोहक प्रदर्शन, रॉक क्लाइंबिंग और रैपलिंग प्रदर्शन, आर्मी डॉग शो, हॉट एयर बैलूनिंग और मिलिट्री पाइप बैंड की मनमोहक धुनें शामिल होंगी. यह महोत्सव युवाओं के लिए प्रेरणा हासिल करने और सशस्त्र बलों के बारे में उनकी समझ को बढ़ाने का एक अनूठा अवसर मिलेगा. इस दौरान जोनल भर्ती मुख्यालय, भारतीय सेना में विभिन्न अवसरों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए एक हेल्प डेस्क भी स्थापित करेगा. उन्होंने बताया कि इन आयोजनों के अलावा आठ राज्यों तक फैले सूर्या कमान की परिक्षेत्रों में भी कई अन्य गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं.
सीएम योगी ने किया मेले का शुभारंभ : इस दौरान सीएम ने कहा कि इस वर्ष के आयोजन के लिए प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित सेंट्रल कमांड को चुना गया है. इसके लिए प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और भारतीय सेना का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं. नो योर आर्मी मेले में आकर मुझे गर्व की अनुभूति हो रही है. हमारे युवाओं को नजदीक से हमारी सेवा को जानने और पराक्रम को नजदीक से पहचानने का अवसर प्राप्त होगा. उत्तर प्रदेश वीरों की भूमि है. देश की सुरक्षा के लिए हर लड़ाई में हमारे जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के किसी जवान के शहीद होने पर उनके परिजनों को 50 लाख रुपए और नौकरी देती है. जब हमने इनवेस्टर समिट किया था तो प्रधानमंत्री ने देश के अंदर दो डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर की घोषणा की थी. फरवरी 2020 में राजधानी में आयोजित हुए डिफेंस एक्सपो में देश और दुनिया ने भारतीय सेना के पराक्रम को देखा और परखा. झांसी में डिफेंस कॉरिडोर बन रहा है. उत्तर प्रदेश के साथ रक्षा क्षेत्र में एमओयू साइन किया है. दूसरा डिफेंस कॉरिडोर उत्तर प्रदेश में बन रहा है.
सिख रेजिमेंट की शौर्यकला का प्रदर्शन देख भावविभोर हुए सीएम योगी: पहली बार देश की राष्ट्रीय राजधानी के बाहर आयोजित हो रहे सेना दिवस के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि समारोह के लिए लखनऊ स्थित सेंट्रल कमांड को चुना जाना गर्व की बात है. यह प्रदेश के युवाओं को नजदीक से भारतीय सेना को जानने और सेना के शौर्य और पराक्रम को नजदीक से पहचानने का अवसर है. मुख्यमंत्री ने सिख रेजिमेंट के शौर्यकला प्रदर्शन को शानदार बताया. उन्होंने कहा कि ये भारत की प्राचीन कला है, जिसके जरिए हमारे पारंगत युवा आक्रांताओं को मुंहतोड़ जवाब देते थे. मंख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन युद्धकला को भारतीय सेना ने अपना हिस्सा बनाकर न सिर्फ इस शौर्यकला को सम्मान दिया है, बल्कि सिख गुरुओं के त्याग और बलिदान को भारत के युवाओं के सामने रखकर सम्मान दिया है.
सेना के पराक्रम को नजदीक से जानने का मौका: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'नो योर आर्मी' फेस्टिवल के जरिए न सिर्फ सेना के साजो-सामान और हथियारों की प्रदर्शनी देखने का अवसर हमें मिल रहा है, बल्कि इसके जरिए सेना की शक्ति, पराक्रम और राष्ट्रभक्ति की निष्ठा को भी नजदीक से जानने समझने का अवसर मिलेगा. यह सेना के हथियारों, उनकी कार्यशैली और कार्य कुशलता को भी जानने का अवसर है, जिससे जनता अनभिज्ञ रहती है. देश की सुरक्षा करते हुए हमारे जवानों ने प्रदेश का गौरव बढ़ाया है. प्रदेश सरकार वीरगति प्राप्त करने वाले जवानों के परिजनों को 50 लाख की धनराशि और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देती है.
बालिकाओं के लिए सैनिक स्कूल शुरू करने वाला यूपी पहला राज्य: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश आज प्रत्येक क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त कर रहा है. ऐसे में सेना के लिए हथियारों और साजो-सामान के मामले में भी हम तेजी के साथ आत्मनिर्भर हो रहे हैं. उन्होंने यूपी के डिफेंस कॉरिडोर और 2020 में आयोजित डिफेंस एक्सपो की भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि देश में 100 नये सैनिक स्कूल बनाए जा रहे हैं. इनमें से यूपी में 16 सैनिक स्कूल बनाए जा रहे हैं. वृंदावन में बालिकाओं के लिए सैनिक स्कूल शुरू किया गया है. उत्तर प्रदेश देश को न सिर्फ पहला सैनिक स्कूल देने वाला राज्य है, बल्कि बालिकाओं के लिए सैनिक स्कूल शुरू करने वाला भी पहला राज्य बन गया है. उन्होंने कहा कि हमारे सैनिक स्कूल को यह भी गौरव प्राप्त है कि परमवीर चक्र विजेता इसी सैनिक स्कूल का छात्र रहा है. कैप्टन मनोज पांडेय ने कारगिल के युद्ध में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. सेना का सर्वोच्च पदक परमवीर चक्र उन्हें मरणोपरांत प्रदान किया गया. सरकार ने उनकी शहादत को नमन करते हुए सैनिक स्कूल का नाम ही कैप्टन मनोज पांडेय सैनिक स्कूल किया है.
नो योर आर्मी फेस्टिवल के उद्घाटन अवसर पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मध्य कमान के कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि, मध्य कमान के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल मुकेश चड्ढा, प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, मुख्यमंत्री के प्रशासनिक सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी, पूर्व मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह समेत बड़ी संख्या में सेना के अधिकारी, जवान मौजूद रहे.
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