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पीडियाट्रिक वार्ड में गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चे भर्ती, जानिए चिकित्सकों ने क्या कहा

कोविड के समय में राजधानी के अस्पतालों में पीकू-नीकू वार्ड (Mockdrill of Piku Niku Ward) बनाए गए थे. इन वार्डों में गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चों को भर्ती किया जाता है.

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Published : Dec 26, 2022, 10:57 PM IST

जानकारी देतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला

लखनऊ : कोरोना वायरस की तीसरी लहर के दौरान पीकू-नीकू वार्ड (pediatric intensive care unit-Neonatal Intensive Care Unit) बनाया गया था. आखिरी बार उसी समय सभी अस्पतालों के पीकू-नीकू वार्ड का मॉकड्रिल (Mockdrill of Piku Niku Ward) हुआ था. मौजूदा समय में भी अस्पताल के पीकू वार्ड में अति गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चों को भर्ती किया जाता है. प्रदेश भर से मरीज यहां पर इलाज के लिए आते हैं. वायरल फ्लू के दौरान भी वार्ड का अच्छे से इस्तेमाल किया गया था, यही कारण था कि दूरदराज से भी मरीज यहां पर इलाज के लिए आते हैं.

सिविल अस्पताल के सीएमएस डाॅ. आरपी सिंह ने बताया कि कोविड-19 की तीसरी लहर के समय पीडियाट्रिक एवं सामान्य आईसीयू का मॉकड्रिल कराया गया था. मंगलवार को लखनऊ के सभी जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज के पीकू-नीकू वार्ड की मॉकड्रिल होगी. पीडियाट्रिक डॉ. संजय जैन ने बताया कि वार्ड में इस समय गंभीर मरीज यानी बच्चों को भर्ती किया जा रहा है. वार्ड का मुख्य उद्देश्य अति गंभीर बच्चों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के लिए है. 12 बेड का वार्ड है, जहां पर इस समय पांच गंभीर बच्चे भर्ती हैं.

देवरिया जिला की लक्ष्मीदेवी का दो साल का बेटा सिविल अस्पताल के भर्ती है. लक्ष्मीदेवी ने बातचीत के दौरान बताया कि यहां पर व्यवस्था काफी अच्छी है. बच्चे को टाइफाइड और पीलिया एक साथ हो गया था, जिसके कारण बच्चे की स्थिति काफी ज्यादा गंभीर थी. सबसे पहले देवरिया जिला अस्पताल में बच्चे को भर्ती कराया गया, जहां से बच्चे को सिविल अस्पताल लखनऊ रेफर किया गया. पिछले एक हफ्ते से बच्चा सिविल अस्पताल के पीकू वार्ड में ही भर्ती है. लक्ष्मी देवी ने बताया कि बच्चे को सांस लेने में दिक्कत परेशानी हो रही थी तो ऑक्सीजन बेड पर उसे भर्ती किया गया था. अभी स्थिति पहले से बेहतर है.

राजाजीपुरम के रहने वाले सतीश की चार साल की बच्ची सिविल अस्पताल के पीकू वार्ड में भर्ती है. बातचीत के दौरान सतीश ने बताया कि सिविल अस्पताल में अच्छा इलाज होता है. इसीलिए बच्चे को लेकर सीधे सिविल अस्पताल आए. पहले तो पीकू वार्ड में डॉक्टर भर्ती नहीं कर रहे थे, लेकिन जब बच्चे की स्थिति उन्होंने देखी तो इसके बाद नॉर्मल वार्ड से बच्ची को पीकू वार्ड में भर्ती किया गया. जहां पर उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया. फिलहाल इस समय बच्चे की तबीयत काफी ठीक है शाम को डॉक्टर डिस्चार्ज भी कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें : राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने योगी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, जानिए क्या कहा

जानकारी देतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला

लखनऊ : कोरोना वायरस की तीसरी लहर के दौरान पीकू-नीकू वार्ड (pediatric intensive care unit-Neonatal Intensive Care Unit) बनाया गया था. आखिरी बार उसी समय सभी अस्पतालों के पीकू-नीकू वार्ड का मॉकड्रिल (Mockdrill of Piku Niku Ward) हुआ था. मौजूदा समय में भी अस्पताल के पीकू वार्ड में अति गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चों को भर्ती किया जाता है. प्रदेश भर से मरीज यहां पर इलाज के लिए आते हैं. वायरल फ्लू के दौरान भी वार्ड का अच्छे से इस्तेमाल किया गया था, यही कारण था कि दूरदराज से भी मरीज यहां पर इलाज के लिए आते हैं.

सिविल अस्पताल के सीएमएस डाॅ. आरपी सिंह ने बताया कि कोविड-19 की तीसरी लहर के समय पीडियाट्रिक एवं सामान्य आईसीयू का मॉकड्रिल कराया गया था. मंगलवार को लखनऊ के सभी जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज के पीकू-नीकू वार्ड की मॉकड्रिल होगी. पीडियाट्रिक डॉ. संजय जैन ने बताया कि वार्ड में इस समय गंभीर मरीज यानी बच्चों को भर्ती किया जा रहा है. वार्ड का मुख्य उद्देश्य अति गंभीर बच्चों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के लिए है. 12 बेड का वार्ड है, जहां पर इस समय पांच गंभीर बच्चे भर्ती हैं.

देवरिया जिला की लक्ष्मीदेवी का दो साल का बेटा सिविल अस्पताल के भर्ती है. लक्ष्मीदेवी ने बातचीत के दौरान बताया कि यहां पर व्यवस्था काफी अच्छी है. बच्चे को टाइफाइड और पीलिया एक साथ हो गया था, जिसके कारण बच्चे की स्थिति काफी ज्यादा गंभीर थी. सबसे पहले देवरिया जिला अस्पताल में बच्चे को भर्ती कराया गया, जहां से बच्चे को सिविल अस्पताल लखनऊ रेफर किया गया. पिछले एक हफ्ते से बच्चा सिविल अस्पताल के पीकू वार्ड में ही भर्ती है. लक्ष्मी देवी ने बताया कि बच्चे को सांस लेने में दिक्कत परेशानी हो रही थी तो ऑक्सीजन बेड पर उसे भर्ती किया गया था. अभी स्थिति पहले से बेहतर है.

राजाजीपुरम के रहने वाले सतीश की चार साल की बच्ची सिविल अस्पताल के पीकू वार्ड में भर्ती है. बातचीत के दौरान सतीश ने बताया कि सिविल अस्पताल में अच्छा इलाज होता है. इसीलिए बच्चे को लेकर सीधे सिविल अस्पताल आए. पहले तो पीकू वार्ड में डॉक्टर भर्ती नहीं कर रहे थे, लेकिन जब बच्चे की स्थिति उन्होंने देखी तो इसके बाद नॉर्मल वार्ड से बच्ची को पीकू वार्ड में भर्ती किया गया. जहां पर उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया. फिलहाल इस समय बच्चे की तबीयत काफी ठीक है शाम को डॉक्टर डिस्चार्ज भी कर रहे हैं.

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