लखनऊ : मोबाइल और इंटरनेट (mobail-internet) के किस्से से पति-पत्नी के बीच रिश्तों का कनेक्शन (connection of relationships) कमजोर हो रहा है. अधिक समय तक सोशल साइट्स (social site) पर व्यस्त रहने से पति-पत्नी के बीच झगड़े (dispute between husband wife) और तकरार के किस्से आम हो गए हैं. फेसबुक, गूगल और मोबाइल फोन पर चैटिंग का शौक आए दिन पति-पत्नी के रिश्तों में दरार डाल रहा है.
शक के बाद रिश्ते टूटने की कगार तक पहुंच रहे हैं. आलम यह है कि मोबाइल की वजह से उत्पन्न इन झगड़ों से दंपति के बीच तलाक (talaq) तक की नौबत पहुंच जाती है. अगर, आप भी पत्नी को समय नहीं देकर इंटरनेट पर व्यस्त रहते हैं तो तनिक संभल जाएं. इन दिनों राजधानी स्थित पारिवारिक न्यायालय (family court) में ऐसे मामले बड़ी संख्या में पहुंचने लगे हैं. इंटरनेट के कारण तलाक के लिए आवेदन हो रहें हैं.
![परिवारिक न्यायालय लखनऊ](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-luc-01-family-court-routine-7209871_25062021124556_2506f_1624605356_704.jpg)
मोबाइल पर न रहें ज्यादा व्यस्त
परिवारिक न्यायालय के अधिवक्ताओं का कहना है कि जितने भी मामले आते हैं, उनमें पत्नियों का आरोप होता है कि उनके पति दिन भर इंटरनेट पर व्यस्त रहते हैं और परिवार के लोगों को समय नहीं देते. कई महिलाएं फेसबुक पर अन्य महिलाओं से भी बातचीत करने का पति पर आरोप लगाती हैं. हालांकि, परिवारिक न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और काउंसलर मामलों की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को मोबाइल पर ज्यादा व्यस्त न होकर परिवार के साथ समय बिताने की सलाह देते हैं, ताकि पारिवारिक रिश्तों में मधुरता और मजबूती बनी रहे.
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बढ़ रहें तलाक के केस
पारिवारिक न्यायालय की काउंसलर फरीदा जलाल बताती हैं कि राजधानी स्थित परिवारिक न्यायालय में यूपी के अन्य जिलों से भी पति-पत्नी तलाक के लिए अर्जी डालते हैं. आंकड़ों पर नजर डालें तों साल 2019 में तलाक के कुल केस 10,765 थे, जिसमें से 3,904 मामले इंटरनेट पर व्यस्त रहने के कारण दंपति में हुई नोक झोंक के शामिल थे. वहीं कोरोना काल 2020 में जारी रहे लॉकडाउन के कारण में लोग घरों में कैद थे.
इस दौरान पतियों के लिए 'टाइम पास' का अच्छा साधन इंटरनेट रहा और लॉकडाउन में महिलाएं दिनभर किचन में ही व्यस्त रहीं. साल 2020 में पारिवारिक न्यायालय में तलाक के कुल केस 12,854 आए, जिनमें इंटरनेट के कारण तलाक के 4,622 मामले रहे. अगर, बात साल 2021 की जाए तो इन छह महीनों में 3,276 मामले दर्ज हुए, जबकि जून 2021 में 01 से लेकर 24 जून तक 861 तलाक के लिए आवेदन किए गए हैं, जिसकी सुनवाई अभी कोर्ट में चल रही है.
अधिकतर तलाक की वजह बन रहा इंटरनेट
परिवारिक न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश दयाल ने बताया कि लॉकडाउन में तलाक के केस बढ़े हैं जबकि कोर्ट कुछ समय के लिए बंद भी था. मगर, फिर भी शादीशुदा जोड़े तलाक के लिए हमारे पास आते थे. परिवारिक न्यायालय में रोजाना लगभग हजार केस फाइल होते हैं जिसमें से अधिकांश तलाक लॉकडाउन के कारण इंटरनेट पर व्यस्त रहने के चलते पति से परेशान होकर महिलाएं तलाक के लिए आवेदन करती हैं.
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नोक झोंक की वजह बना इंटरनेट
पारिवारिक न्यायालय में काउंसलर फरीदा जलाल बतातीं हैं कि लोगों में सहनशीलता बिल्कुल भी नहीं रह गई है. चाहे वो महिला हो या पुरुष. रिश्ते को बचाए रखने के लिए किसी एक को नर्म होना चाहिए, लेकिन मौजूदा समय में लोग झुकना पसंद नहीं करते. लॉकडाउन के दौरान सोशल साइट पर अधिक व्यस्तता रिश्तों के टूटने की अहम वजह बना है. बतौर काउंसलर जब भी ऐसे केस आते हैं तो दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की जाती है, ताकि मामले को समझा-बुझाकर शांत किया जा सके और एक परिवार को टूटने से बचाया जा सके.
केस- 1
ऐसे रिश्ते से आजादी ही भली
यूपी के सहारनपुर जिले से शुक्रवार को पारिवारिक न्यायालय में तलाक के लिए अर्जी देने आई 29 वर्षीय महिला ने बताया कि उसका पति प्राइवेट नौकरी करता है. वो दिनभर लैपटॉप और मोबाइल में ही बिजी रहता है. महिला का आरोप है कि जो समय बचता है वो इंटरनेट पर फेसबुक, इंस्टाग्राम में बिता देता है. पति सोशल साइट्स पर अन्य लड़कियों से भी बातचीत करता है. लिहाजा, कई बार इस बात को लेकर हम दोनों में बहस भी हुई. मजबूर होकर वो अब पारिवारिक न्यायालय में तलाक के लिए अर्जी दी है. महिला के अनुसार 4 साल पूर्व ही उसकी शादी हुई थी, हालांकि अभी उसकी कोई संतान नहीं है. महिला का कहना है कि ऐसे रिश्ते से अच्छा है कि रिश्ता ही न रहे.
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केस- 2
पति का मोबाइल सर्च किया तो हुई नोकझोंक
यूपी के बलरामपुर जिले से शुक्रवार को पारिवारिक न्यायालय में तलाक के लिए आवेदन करने आई 37 वर्षीय महिला ने कहा कि इंटरनेट नहीं होता था तो लोग परिवार को समय दिया करते थे, लेकिन इस समय उसका पति मोबाइल पर ही दिन रात बिजी रहता है. कई बार कहासुनी हुई. नोक झोंक बढ़ते-बढ़ते ज्यादा बढ़ गई. महिला को आशंका है कि उसका पति फेसबुक पर किसी दूसरी महिला से बातचीत करता है. शक होने पर मोबाइल पर सर्च किया तो बात सही निकली. पति से बातचीत करके कई बार समझाने की कोशिश की गई, लेकिन उस पर इसका कोई असर नहीं हुआ. लिहाजा, वो तलाक के लिए परिवारिक न्यायालय में पहुंच गई.