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मंत्री सुरेश खन्ना बोले- थानों में पीड़ित तो छोड़िए रिटायर्ड DSP-ASP भी कॉल करने से है डरते

लखनऊ में आयोजित संगोष्ठी कार्यक्रम में मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि थानों में बदलाव की जरूरत है. क्योंकि आजकल पीड़ित तो छोड़िए रिटायर्ड DSP-ASP भी किसी थानों में कॉल करने से डरते हैं.

मंत्री सुरेश खन्ना
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 27, 2023, 9:43 PM IST

मंत्री सुरेश खन्ना बोले- थानों में पीड़ित तो छोड़िए रिटायर्ड DSP-ASP भी कॉल करने से है डरते

लखनऊ: नवगठित पीपीएस एसोसिएशन का संगोष्ठी कार्यक्रम रविवार को डायल 112 मुख्यालय में आयोजित किया गया. संगोष्ठी में पीपीएस संवर्ग के प्रमोशन, वेतन सहित अन्य मांगों को उठाया गया. इस मौके पर योगी सरकार के मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि वर्तमान में थानों की स्थिति में बहुत बदलाव लाने की जरूरत है. क्योंकि लोग थाने जाने से डरते है. यहां तक रिटायर्ड डिप्टी एसपी या एएसपी भी थानों में कॉल करने से डरते है. कार्यक्रम में मुख्य अथिति कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण, डीजीपी विजय कुमार शामिल हुए. इस मौके पर पीपीएस एसोसिएशन अध्यक्ष शशि शेखर सिंह सहित बड़ी संख्या में पीपीएस पदाधिकारी मौजूद रहे.


पीपीएस संगोष्ठी में पहुंचे मंत्री सुरेश खन्ना ने अधिवेशन की सफलता की बधाई और शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि यूपी में आज पब्लिक नजरिया बदला है. जब से सीएम योगी बने है, तब से प्रदेश का ग्राफ हर क्षेत्र में ऊपर की ओर जा रहा है. इसमें अहम रोल लॉ एंड ऑर्डर का है. पुलिस की छवि प्रदेश और देश के बाहर भी अच्छी बनी है, इसका लोग उदहारण देते है. मंत्री सुरेश खन्ना ने आगे कहा कि उन्हे अक्सर अहसास होता है कि थानों की जो कार्यशैली है उसपर गहन चिंतन और मंथन होना चाहिए.

वर्तमान समय में कोई रिटायर्ड एसपी, डीएसपी से ये कहा जाए कि थाने में बात करलो, तो वो साहस नहीं जुटा पाते हैं. सामान्यता पीड़ित व्यक्ति थाने जाता है उसके लिए संवेदनशीलता जरूरी है. पीड़ित और अपराधी के साथ कैसे व्यवहार होना चाहिए. इस पर विचार करने की आवश्यकता है. थाने पर आज लोग शिकायत लिखाने से डरते है. वो कोशिश करते है कि किसी ऐसे व्यक्ति की सिफारिश करने के बाद ही थाने जाए जो पहुंच रखता हो. इस बर्ताव में बदलाव की आवश्यकता है.


वहीं, इस मौके पर डीजीपी विजय कुमार ने कहा कि पीपीएस अफसरों के प्रमोशन को लेकर, "मैं जल्द कुछ करूंगा, सैटिसफेक्शन के लिए प्रमोशन जरूरी होता है. जिसका कार्य अच्छा नहीं उसे छोड़कर अन्य अधिकारियो का प्रमोशन होना चाहिए. मैं मानता हूं, वेतन विसंगति ये गंभीर समस्या है. अन्य राज्य की अपेक्षा इसे ठीक करने की आवश्यकता है". वहीं, कैडर रिव्यू समय-समय पर होना चाहिए जो रेणुका मिश्र समिति के सुझाव है इस पर विचार किया जाएगा.

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लखनऊ: नवगठित पीपीएस एसोसिएशन का संगोष्ठी कार्यक्रम रविवार को डायल 112 मुख्यालय में आयोजित किया गया. संगोष्ठी में पीपीएस संवर्ग के प्रमोशन, वेतन सहित अन्य मांगों को उठाया गया. इस मौके पर योगी सरकार के मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि वर्तमान में थानों की स्थिति में बहुत बदलाव लाने की जरूरत है. क्योंकि लोग थाने जाने से डरते है. यहां तक रिटायर्ड डिप्टी एसपी या एएसपी भी थानों में कॉल करने से डरते है. कार्यक्रम में मुख्य अथिति कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण, डीजीपी विजय कुमार शामिल हुए. इस मौके पर पीपीएस एसोसिएशन अध्यक्ष शशि शेखर सिंह सहित बड़ी संख्या में पीपीएस पदाधिकारी मौजूद रहे.


पीपीएस संगोष्ठी में पहुंचे मंत्री सुरेश खन्ना ने अधिवेशन की सफलता की बधाई और शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि यूपी में आज पब्लिक नजरिया बदला है. जब से सीएम योगी बने है, तब से प्रदेश का ग्राफ हर क्षेत्र में ऊपर की ओर जा रहा है. इसमें अहम रोल लॉ एंड ऑर्डर का है. पुलिस की छवि प्रदेश और देश के बाहर भी अच्छी बनी है, इसका लोग उदहारण देते है. मंत्री सुरेश खन्ना ने आगे कहा कि उन्हे अक्सर अहसास होता है कि थानों की जो कार्यशैली है उसपर गहन चिंतन और मंथन होना चाहिए.

वर्तमान समय में कोई रिटायर्ड एसपी, डीएसपी से ये कहा जाए कि थाने में बात करलो, तो वो साहस नहीं जुटा पाते हैं. सामान्यता पीड़ित व्यक्ति थाने जाता है उसके लिए संवेदनशीलता जरूरी है. पीड़ित और अपराधी के साथ कैसे व्यवहार होना चाहिए. इस पर विचार करने की आवश्यकता है. थाने पर आज लोग शिकायत लिखाने से डरते है. वो कोशिश करते है कि किसी ऐसे व्यक्ति की सिफारिश करने के बाद ही थाने जाए जो पहुंच रखता हो. इस बर्ताव में बदलाव की आवश्यकता है.


वहीं, इस मौके पर डीजीपी विजय कुमार ने कहा कि पीपीएस अफसरों के प्रमोशन को लेकर, "मैं जल्द कुछ करूंगा, सैटिसफेक्शन के लिए प्रमोशन जरूरी होता है. जिसका कार्य अच्छा नहीं उसे छोड़कर अन्य अधिकारियो का प्रमोशन होना चाहिए. मैं मानता हूं, वेतन विसंगति ये गंभीर समस्या है. अन्य राज्य की अपेक्षा इसे ठीक करने की आवश्यकता है". वहीं, कैडर रिव्यू समय-समय पर होना चाहिए जो रेणुका मिश्र समिति के सुझाव है इस पर विचार किया जाएगा.

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