लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव द्वारा उत्तर प्रदेश में आलू किसानों की समस्याओं और आलू की कीमतों को लेकर सवाल खड़ा करने के बाद योगी सरकार ने आज सफाई दी है. सरकार में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रदेश में किसानों को उचित मूल्य दिया जा रहा है. केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित 650 रुपए प्रति क्विंटल आलू के दाम निर्धारित किए गए हैं. प्रदेश में किसानों का हित पूरी तरह सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि दस लाख टन आलू किसानों से खरीदेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो इस लक्ष्य को हम और भी बढ़ा सकते हैं.
कुछ राजनीतिक दलों द्वारा किसानों को भ्रमित करने की बात कही जा रही है. आलू किसान इस समय सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम प्रदेश के किसानों खासकर आलू किसानों का कुछ भी अहित नहीं होने देंगे. किसानों का आलू पूरा खरीदा जाएगा और जो राजनीतिक दल किसानों को भ्रमित कर रहे हैं, उन राजनीतिक दलों की सरकार के दौरान आलू किसान किस प्रकार से परेशान होते रहे हैं, यह सबने देखा है. आलू सड़कों पर सड़ता हुआ नजर आता था, यह सब कोई देखता रहा है. आज प्रदेश में आलू किसानों की स्थिति बेहतर हुई है. राजनीतिक दलों की दाल नहीं गल रही है. इस वजह से इस तरीके के आरोप लगाए जा रहे हैं.
मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि देश के कुल आलू उत्पादन में यूपी का 35 प्रतिशत उत्तर प्रदेश में होता है. किसानों ने पहले से भी बेहतर आलू उत्पादन किया है. 155 लाख मीट्रिक टन आलू का उत्पादन था 2017 में और 2023 में 282 लाख मीट्रिक टन के उत्पादन का अनुमान है. हमारे पास पर्याप्त भंडारण क्षमता मौजूद है. सरकार किसानों को उचित मूल्य 650 रुपए प्रति क्विंटल मुहैया करा रही है. कहा कि सरकार ने कोल्ड स्टोरेज को लेकर भी पर्याप्त प्रयास किए हैं. गैर जनपद में भंडारण पर 100 रुपए प्रति क्विंटल की मदद दी जाएगी.
मंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश का आलू और अन्य उत्पाद दुनिया भर में जा रहा है. किसानों का मूल्य न गिर पाए इसलिए न्यूनतम मूल्य घोषित किया गया है. बाजार में भाव में गिरावट हुई तो सरकार खुद आलू खरीदेगी. फिलहाल बाजार में किसान का आलू 845 रुपए कुंतल के अच्छे मूल्य पर बिक रहा है, जबकि केंद्र सरकार की ओर से 650 रुपए का न्यूनतम मूल्य निर्धारित हुआ है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग भ्रमित करने वाले बयान दे रहे हैं. पिछली सरकारों में आलू सड़कों पर सड़ता था.
बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत न्यूनतम 650 रुपए प्रति क्विंटल की दर से आलू के लिए मूल्य निर्धारित किया गया है. इससे किसानों को लाभ होगा. मटका बाजार में किसानों को इससे अधिक दाम भी मिल रहे हैं लेकिन जब बाजार में किसानों को आलू नहीं खरीदा जा सकेगा तो हम 650 रुपए प्रति क्विंटल की दर से किसानों का आलू खरीदेंगे हमने इसको लेकर लक्ष्य निर्धारित किया है. उन्होंने कहा कि दस लाख टन आलू किसानों से खरीदेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो इस लक्ष्य को हम और भी बढ़ा सकते हैं.
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