लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पशुधन व दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने लखनऊ के विकास खंड मोहनलालगंज स्थित कमालपुर विचलिका गांव में स्थित गोआश्रय स्थल में 13 गोवंशों की मृत्यु की घटना का संज्ञान लिया है. उन्होंने विभागीय अधिकारियों और मोहनलालगंज के परगना अधिकारी और पुलिस विभाग के अधिकारियों के साथ गोआश्रय स्थल का निरीक्षण किया. मंत्री धर्मपाल सिंह ने निर्देश दिए कि गोआश्रय स्थल पर मनरेगा के माध्यम से टीन शेड की व्यवस्था की जाए और चारा मशीन ठीक कराई जाए.
उन्होंने सख्त रूप से निर्देशित किया कि गोआश्रय स्थलों पर हरे चारे और भूसे की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए और सभी गोशालाओं को हरे चारे की गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए हरसंभव प्रयास किये जाएं, जिससे भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न होने पाये. उन्होंने गोवंश को दिए जाने वाले हरे चारे और सूखे चारे की गुणवत्ता के संबंध में प्रदेशभर के गोआश्रय स्थलों को आवश्यक दिशा-निर्देश तत्काल जारी किए जाने के निर्देश भी दिए. निरीक्षण के बाद मंत्री धर्मपाल सिंह ने मोहनलालगंज तहसील कार्यालय में आईवीआरआई बरेली और फॉरेन्सिक लैब लखनऊ की रिपोर्ट पर अग्रिम कार्रवाई किये जाने के लिए जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार को अधिकृत कर विस्तार से जांच करने और दुर्घटना के लिए जिम्मेदारी सुनिश्चित करते हुए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि सीओ और थाने के एसएचओ स्तर के अधिकारी प्रत्येक तहसील में संबंधित परगना अधिकारी के साथ संयुक्त टीम बनाकर गोआश्रय स्थलों पर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था और अन्य आवश्यकताओं को पूरा कराने का हरंसभव प्रयास करें. उन्होंने पुलिस प्रशासन को यह भी निर्देश दिये कि छुट्टा गोवंश को छोड़ने वाले पशुपालकों को चिन्हित कर उनके खिलाफ विधिक कार्यवाही सुनिश्चित करें, जिससे छुट्टा पशुओं से होने वाली समस्याओं पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा सके.
बता दें कि कमालपुर विचलिका विकासखंड मोहनलालगंज के गोआश्रय स्थल पर संरक्षित लगभग 34 गोवंश अचानक बीमार हो गये और 14 अगस्त को 13 गोवंशों की मृत्यु हो गई थी, जबकि पशु चिकित्साधिकारियों की टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर 21 गोवंश को बचाने में सफलता प्राप्त की थी. इन मृत गोवंश का 15 अगस्त को पोस्टमार्टम कराकर विसरा सुरक्षित रखते हुए आईवीआरआई बरेली और फॉरेन्सिक लैब को जांच के लिए भेजा गया था. आईवीआरआई बरेली जांच में पाया गया कि गोवंशों की मृत्यु का कारण नाइट्रेट और नाइट्राइट विष है, जिसके कारण पशुओं की मौत हुई. यह विषाक्त पदार्थ चारे के खेत में यूरिया के अधिकाधिक प्रयोग से चरी में एकत्र हो जाता है. यह चारा खाने से पशुओं को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और उनकी असमयिक मृत्यु का खतरा बन जाता है.
मंत्री धर्मपाल सिंह ने गोआश्रय स्थल का स्थलीय निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियों को गोवंश की देखभाल और संरक्षण के लिए हरसंभव प्रयास करने के निर्देश दिए.