लखनऊ: योगी सरकार में मंत्री असीम अरुण(Minister Aseem Arun) इन दिनों समाज कल्याण विभाग को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने(Corruption free social welfare department) के लिए प्रयासरत नजर आ रहे हैं. मंत्री असीम अरुण की ओर से सभी जिला समाज कल्याण अधिकारियों सहित अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए प्रयास करने की बात कही है. साथ ही अधिकारियों को लिखे गए पत्र में मंत्री असीम अरुण ने अधिकारियों को भ्रष्टाचार पर लगाम के लिए टिप्स दिए हैं. मंत्री का कहना है कि इन टिप्स का पालन कर काफी हद तक विभाग में भ्रष्टाचार की संभावनाओं को समाप्त किया जा सकता है.
लेकिन, इस प्रमोशन में मेरे लिए अचरज की बात थी कि जब चार उप निदेशक के पद खाली थे. तो, केवल तीन का ही प्रमोशन क्यों किया गया. जानकारी करने पर पता चला कि 15 अधिकारियों की सेवा अवधि पूरी होने के बाद भी सभी को प्रमोशन नहीं मिल सका. क्योंकि 12 अधिकारियों की पदोन्नति संभव ही नहीं थी. इन अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में केस, आर्थिक अपराध शाखा की जांच या प्रशासनिक जांच चल रही थी. यह अत्यंत खेद जनक स्थिति है और सोचने का विषय है कि आखिर ऐसा क्यों.
अपने पत्र पर मंत्री आगे लिखते हैं मैंने थोड़ा समझने की कोशिश की, तो पता चला कि पिछली सरकार में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत समाज कल्याण अधिकारियों के खिलाफ मिली है. प्रमोशन तो छोड़िए जेल जाने की नौबत है. समाज कल्याण अधिकारी के संवर्ग में 122 अधिकारी हैं जिनमें से केवल लगभग 35 बेदाग हैं. कुछ ऐसे ही स्थिति अन्य संवर्ग की है.
अपने पत्र में असीम अरुण ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए 6 बिंदु का जिक्र किया है. अधिकारियों से भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए राय भी मांगी है. असीम अरुण ने अपने विभाग समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए आंतरिक विजिलेंस का सशक्तिकरण, सिद्धांत वादी पारदर्शी कार्य संस्कृति का विकास, भ्रष्टाचार की शिकायत लेने का चैनल और त्वरित जांच प्रबंध, पुरानी शिकायतों का शीघ्र निस्तारण, सिस्टम आधारित भ्रष्टाचार निवारण, न मजबूरी न बहाना बिंदुओ पर काम करते हुए भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की योजना तैयार की है.
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