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लखनऊ: बेरोजगार मजदूरों को खाने को लाले पड़े, पैदल तय कर रहे सफर

राजधानी लखनऊ की सड़कों पर मजदूर और उनके परिवार सामान के साथ पैदल अपने घर जा रहे थे. ईटीवी भारत की टीम ने उनसे बातचीत की तो मजदूरों ने बताया कि जिन शहरों में वह काम करने के लिए पहुंचे थे, वहां लॉकडाउन की वजह से काम बंद हो गया. ऐसे में वह अपने घर लौटने पर मजबूर हैं.

मध्यप्रदेश से पैदल अमेठी जा रहे प्रवासी मजदूर
मध्यप्रदेश से पैदल अमेठी जा रहे प्रवासी मजदूर
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Published : May 15, 2020, 7:59 AM IST

लखनऊ: कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया है. सरकार का सख्त आदेश था कि कोई भी बेवजह बाहर नहीं निकलेगा. जो जहां है वहीं रहेगा उसे सभी मूलभूत सुविधाएं वहीं पहुंचाई जाएंगी, लेकिन फिर भी हजारों लाखों की संख्या में मजदूर परिवार संग सामान लेकर पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं. यह मजदूर बड़े शहरों में रोजी रोटी के लिए गए थे लेकिन लॉकडाउन ने इन गरीबों का निवाला ही छीन लिया.

मध्यप्रदेश से पैदल अमेठी जा रहे प्रवासी मजदूर

लॉकडाउन में बंद हुआ काम

ईटीवी भारत की टीम राजधानी लखनऊ को प्रयागराज से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे पर निकली तो जगह-जगह ऐसे ही पैदल चलते, सड़क किनारे परिवार संग कुछ देर आराम करते बहुत से मजदूर मिले. मजदूरों ने बताया कि जिन बड़े शहरों में सपने लेकर परिवार संग गए थे, लॉकडाउन की वजह से अब वहां काम नहीं बचा है. पेट की भूख जब बर्दाश्त के बाहर हुई तब बिना सोचे समझे बस अपना गांव और घर याद आया. इन मजदूरों ने सरकार से मदद की गुहार भी लगाई लेकिन मदद के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिला.

भूखे-प्यासे सफर करने को हैं मजबूर

मध्य प्रदेश के इंदौर से कई परिवार उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के लिए बीती 4 मई को निकले थे. यह मजदूर इंदौर में ईंट भट्ठे में काम कर रहे थे. लॉकडाउन में सब बंद हो गया और भट्ठा मालिक ने हाथ खड़े कर दिए. सरकार से भी मदद की गुहार लगाई, लेकिन वहां भी निराशा ही मिली. रास्ते में पुलिस वालों ने किसी गाड़ी पर बैठा दिया तो कुछ दूर तक ट्रक वाला लेकर आया. सब पैसे खत्म हो गए और आधे रास्ते में ही ट्रक वाला छोड़कर निकल गया. अगर कोई खाना दे देता था तो बच्चों को खिला देते थे. यह मजदूर भूखे प्यासे ही सफर करने को मजबूर हो रहे हैं.

लखनऊ: कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया है. सरकार का सख्त आदेश था कि कोई भी बेवजह बाहर नहीं निकलेगा. जो जहां है वहीं रहेगा उसे सभी मूलभूत सुविधाएं वहीं पहुंचाई जाएंगी, लेकिन फिर भी हजारों लाखों की संख्या में मजदूर परिवार संग सामान लेकर पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं. यह मजदूर बड़े शहरों में रोजी रोटी के लिए गए थे लेकिन लॉकडाउन ने इन गरीबों का निवाला ही छीन लिया.

मध्यप्रदेश से पैदल अमेठी जा रहे प्रवासी मजदूर

लॉकडाउन में बंद हुआ काम

ईटीवी भारत की टीम राजधानी लखनऊ को प्रयागराज से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे पर निकली तो जगह-जगह ऐसे ही पैदल चलते, सड़क किनारे परिवार संग कुछ देर आराम करते बहुत से मजदूर मिले. मजदूरों ने बताया कि जिन बड़े शहरों में सपने लेकर परिवार संग गए थे, लॉकडाउन की वजह से अब वहां काम नहीं बचा है. पेट की भूख जब बर्दाश्त के बाहर हुई तब बिना सोचे समझे बस अपना गांव और घर याद आया. इन मजदूरों ने सरकार से मदद की गुहार भी लगाई लेकिन मदद के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिला.

भूखे-प्यासे सफर करने को हैं मजबूर

मध्य प्रदेश के इंदौर से कई परिवार उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के लिए बीती 4 मई को निकले थे. यह मजदूर इंदौर में ईंट भट्ठे में काम कर रहे थे. लॉकडाउन में सब बंद हो गया और भट्ठा मालिक ने हाथ खड़े कर दिए. सरकार से भी मदद की गुहार लगाई, लेकिन वहां भी निराशा ही मिली. रास्ते में पुलिस वालों ने किसी गाड़ी पर बैठा दिया तो कुछ दूर तक ट्रक वाला लेकर आया. सब पैसे खत्म हो गए और आधे रास्ते में ही ट्रक वाला छोड़कर निकल गया. अगर कोई खाना दे देता था तो बच्चों को खिला देते थे. यह मजदूर भूखे प्यासे ही सफर करने को मजबूर हो रहे हैं.

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