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कानपुर: साइकिल से झारखंड जा रहे प्रवासी मजदूर, बोले- कहीं से नहीं मिली कोई मदद - food is not available for migrant laborers

उत्तर प्रदेश के कानपुर में NH-24 से गुजरते हुए मजदूरों ने अपनी आपबीती ईटीवी भारत के साथ साझा की. ये सभी प्रवासी मजदूर साइकिल से झारखंड जा रहे हैं.

no arrangements are made for laborers
मजदूरों के लिए नही किए गए कोई इंतजाम
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Published : May 17, 2020, 7:45 PM IST

कानपुर: लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर प्रवासी मजदूरों पर साफ देखने को मिल रहा है. हाल ऐसा है कि मजदूर पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं. मजदूरों की लाख गुहार के बाद भी प्रशासन उनकी कोई सुध नहीं ले रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने कानपुर के एनएच-24 पर साइकिल से निकले प्रवासी मजदूरों से बात की.

मजदूरों के लिए नही किए गए कोई इंतजाम

मजदूरों ने बताया कि उनके लिए रहने के साथ ही रोजी-रोटी का संकट आ गया था. यहां तक की खाने के लाले पड़ गये थे. जिसके कारण वो साइकिल से घर की तरफ निकले हैं. मजदूरों का कहना है कि उनको सरकार की तरफ से किसी तरह की कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है. कई किलोमीटर का सफर करने के बाद यह मजदूर झारखंड जा रहे हैं. उनका कहना है कि अब वो कभी उस शहर या राज्य नहीं जाएंगे, जिस शहर ने उनको रहने का ठिकाना नहीं दिया.

कानपुर: लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर प्रवासी मजदूरों पर साफ देखने को मिल रहा है. हाल ऐसा है कि मजदूर पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं. मजदूरों की लाख गुहार के बाद भी प्रशासन उनकी कोई सुध नहीं ले रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने कानपुर के एनएच-24 पर साइकिल से निकले प्रवासी मजदूरों से बात की.

मजदूरों के लिए नही किए गए कोई इंतजाम

मजदूरों ने बताया कि उनके लिए रहने के साथ ही रोजी-रोटी का संकट आ गया था. यहां तक की खाने के लाले पड़ गये थे. जिसके कारण वो साइकिल से घर की तरफ निकले हैं. मजदूरों का कहना है कि उनको सरकार की तरफ से किसी तरह की कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है. कई किलोमीटर का सफर करने के बाद यह मजदूर झारखंड जा रहे हैं. उनका कहना है कि अब वो कभी उस शहर या राज्य नहीं जाएंगे, जिस शहर ने उनको रहने का ठिकाना नहीं दिया.

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