लखनऊ: केंद्र और प्रदेश की सरकार भले ही शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लाख दावे करती हो, लेकिन धरातल पर ये दावे खोखले नजर आते हैं. राजधानी के गाजीपुर बलराम प्राथमिक विद्यालय में मासूम बच्चों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. विद्यालय में जर्जर बिल्डिंग के जिस बरामदे में मासूम बच्चों को बैठाकर मिड डे मील खिलाया जाता है, उसकी दीवार कब गिर जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता.
जिम्मेदारों को स्कूल की दशा नहीं आती नजर
अब ऐसे में राजधानी लखनऊ के शिक्षा विभाग की लापरवाही सामने आती है. वो भी तब जब शिक्षा विभाग के सचिवालय, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सभी मंत्री गण यहां पर रहते हैं. वहीं अध्यापिका अर्चना चौधरी का कहना है कि हम जर्जर बिल्डिंग की शिकायत कर चुके हैं और यह पहले से ही अनुपयुक्त बिल्डिंग घोषित कर दी गई है, लेकिन पर्याप्त रूम न होने और चारों तरफ गंदगी होने के कारण हमें मजबूरी में बच्चों को इस बिल्डिंग में बिठाना पड़ता है. इस पूरे मामले की पड़ताल के लिए हमने लखनऊ बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉक्टर अमरकांत सिंह से जानकारी जुटाई तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं है.
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मैं एक साल पहले गाजीपुर प्राथमिक विद्यालय में गया था. तब तो ऐसी कोई समस्या नहीं थी और बरामदा भी ठीक-ठाक था. ऐसा कोई मामला नहीं है.
-डॉ. अमरकांत सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
बाद में जब उनसे पूछा गया कि अगर ऐसा कोई मामला संज्ञान में आता है तो आप क्या करेंगे तो उन्होंने इस मामले को संज्ञान में लेकर सुधार करने की बात कही. वहीं सूबे के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना से विद्यालय की मूलभूत सुविधाओं से सम्बन्धित सवाल पूछा गया तो उन्होंने कोई संतोष जनक जवाब नहीं दिया. अब यह देखने वाली बात होगी कि राजधानी लखनऊ में प्रशासन की यह लापरवाही कितनी बड़ी गलती को दावत दे रही है.