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'जबरन रिटायर' किए गए अमिताभ ठाकुर सहित 3 IPS अधिकारी

उत्तर प्रदेश के तीन आईपीएस अफसरों अमिताभ ठाकुर, राजेश कृष्ण और राकेश शंकर को सरकारी सेवा के लिए अनुपयुक्त पाते हुए 'जबरन रिटायर' कर दिया गया है.

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Published : Mar 23, 2021, 3:51 PM IST

Updated : Mar 23, 2021, 9:34 PM IST

सेवानिवृत्त किए जाने पर अमिताभ ठाकुर ने दी अपनी प्रतिक्रिया
सेवानिवृत्त किए जाने पर अमिताभ ठाकुर ने दी अपनी प्रतिक्रिया

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 3 आईपीएस अफसरों अमिताभ ठाकुर आईजी (रूल्स एवं मैनुअल) राजेश कृष्ण (सेनानायक 10 वीं बटालियन बाराबंकी) और राकेश शंकर डीआईजी (स्थापना) को सरकारी सेवा के लिए अनुपयुक्त पाया गया है. अमिताभ ठाकुर पर तमाम मामलों में जांचे लंबित हैं. वहीं राजेश कृष्ण पर आजमगढ़ में पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप है. इसके अलावा राकेश शंकर पर देवरिया शेल्टर होम प्रखंड में संदिग्ध भूमिका के आरोप थे. इस संबंध में 17 मार्च 2021 का भारत सरकार के गृह मंत्रालय की तरफ से आदेश में लिखा गया है कि "अमिताभ ठाकुर को लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए लोकहित में तत्कालिक प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पूर्व सेवानिवृत्त किए जाने का निर्णय लिया गया है."

सेवानिवृत्त किए जाने पर अमिताभ ठाकुर ने दी अपनी प्रतिक्रिया

इन 3 अफसरों पर गिरी है गाज

1 - अमिताभ ठाकुर (आईजी रूल्स एवं मैनुअल) तमाम मामलों में जांच चल रही थी.

2- राजेश कृष्ण (सेनानायक, 10 बटालियन बाराबंकी) आज़मगढ़ में पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप

3- राकेश शंकर (डीआईजी स्थापना) देवरिया शेल्टर होम प्रकरण में संदिग्ध भूमिका के आरोप थे.

उत्तर प्रदेश शासन
उत्तर प्रदेश शासन

अमिताभ ठाकुर अखिलेश सरकार और योगी सरकार की आंख की किरकिरी बने हुए थे. पिछले अखिलेश सरकार में जहां उनका पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव से बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ था. उसके बाद उनको सस्पेंड भी किया गया था. बाद में उन्होंने कोर्ट की शरण ली और उन्हें सेवा में फिर से बहाल किया गया था. अखिलेश सरकार के दौरान उन्होंने सोचा था कि आने वाली सरकार उनका प्रयोग जरूर करेगी, लेकिन आने वाली सरकार के आंख की भी किरकिरी बन गए.

असंवैधानिक तैनाती पर भी उठाए थे सवाल

आईपीएस ठाकुर ने कुछ दिनों पूर्व ही कहा था कि पूरे यूपी में शासनादेशों का उल्लंघन कर थानाध्यक्ष के रूप में निरीक्षक की जगह उपनिरीक्षक की तैनाती की जा रही है. उन्होंने अनियमित और असंवैधानिक तैनाती किए जाने पर आपत्ति जताई थी. आईपीएस अफसर ने इन तैनातियों के पीछे घूसखोरी को आधार बताया था. इस बाबत अमिताभ ठाकुर ने प्रमुख सचिव गृह को एक पत्र भी भेजा था.

BCCI को भी दे चुके हैं चुनौती


अमिताभ ठाकुर ने बीसीसीआई द्वारा राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए की गई संस्तुतियों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. उनके मुताबिक, केवल राष्ट्रीय खेल संघ ही इन खेल पुरस्कारों के लिए संस्तुति भेज सकते हैं. खेल और युवा मामले के मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त 51 खेल संघों में बीसीसीआई नहीं आता है. वह गैर-मान्यताप्राप्त पूरी तरह निजी खेल संघ है जो मान्यता प्राप्त नहीं बनना चाहता पर मान्यता प्राप्त खेल संघ की सारी सुविधाएं चाहता है. इसलिए उसे इन पुरस्कारों के लिए संस्तुति करने का अधिकार नहीं है.

विवादों से रहा है पुराना नाता

अमिताभ ठाकुर पर तमाम तरह के आरोप भी लग चुके हैं, जिसमें गाजियाबाद की एक महिला द्वारा लगाया गया दुष्कर्म का आरोप और एक सामाजिक संगठन द्वारा आय से अधिक संपत्ति का मामला काफी दिनों तक सुर्खियों में रहा था.

कवि और लेखक हैं अमिताभ ठाकुर

उत्तर प्रदेश के 1992 बैच के आईपीएस आईजी रूल्स अमिताभ ठाकुर कवि और लेखक भी हैं. उनका जन्म बोकारो बिहार झारखंड में हुआ था. शुरुआती पढ़ाई बोकारो के केंद्रीय विद्यालय से पूरी करने के बाद अमिताभ ने आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. हाल ही में उनको सरकार द्वारा जबरिया सेवानिवृत्त का नोटिस थमा दिया गया. यह नोटिस भी उन्होंने खुद ट्वीट कर ही सार्वजनिक किया.


अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट कर दी जानकारी

अमिताभ ठाकुर ने कहा - "मुझे अभी-अभी बीआरएस आदेश प्राप्त हुआ है. सरकार को अब मेरी सेवाएं नहीं चाहिए. जय हिंद ! उन्हें शायद इस बात की भनक लग चुकी थी कि सरकार से सवाल करने का खामियाजा उन्हें भुगतना जरुर पड़ेगा. आज कार्रवाई हो गई है."

साथी बन चुके एडीजी पर उन्हें नहीं मिला प्रमोशन

अमिताभ ठाकुर को इस सरकार ने प्रमोशन भी नहीं दिया था. वहीं उनके बैच के सभी साथी अधिकारी इस समय एडीजी बन चुके हैं, जबकि अमिताभ ठाकुर आज भी आईजी की पोस्ट पर ही बने हुए हैं. अमिताभ ठाकुर का जन्म बिहार के मुजफ्फरपुर में हुआ.

पत्नी भी जानी मानी सामाजिक कार्यकर्ता

वह नेशनल आईटीआई फोरम के संस्थापक हैं. उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर एक जानी-मानी सामाजिक कार्यकर्ता हैं. फेसबुक पर "आई हेट गांधी" नामक एक फेसबुक ग्रुप में महात्मा गांधी पर टिप्पणी की जा रही थी. उन्होंने इस बाबत फेसबुक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी और कुछ दिनों बाद फेसबुक से उस ग्रुप को प्रतिबंधित कर दिया गया था. उनके इस कार्य का बहुत सराहना हुई थी.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 3 आईपीएस अफसरों अमिताभ ठाकुर आईजी (रूल्स एवं मैनुअल) राजेश कृष्ण (सेनानायक 10 वीं बटालियन बाराबंकी) और राकेश शंकर डीआईजी (स्थापना) को सरकारी सेवा के लिए अनुपयुक्त पाया गया है. अमिताभ ठाकुर पर तमाम मामलों में जांचे लंबित हैं. वहीं राजेश कृष्ण पर आजमगढ़ में पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप है. इसके अलावा राकेश शंकर पर देवरिया शेल्टर होम प्रखंड में संदिग्ध भूमिका के आरोप थे. इस संबंध में 17 मार्च 2021 का भारत सरकार के गृह मंत्रालय की तरफ से आदेश में लिखा गया है कि "अमिताभ ठाकुर को लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए लोकहित में तत्कालिक प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पूर्व सेवानिवृत्त किए जाने का निर्णय लिया गया है."

सेवानिवृत्त किए जाने पर अमिताभ ठाकुर ने दी अपनी प्रतिक्रिया

इन 3 अफसरों पर गिरी है गाज

1 - अमिताभ ठाकुर (आईजी रूल्स एवं मैनुअल) तमाम मामलों में जांच चल रही थी.

2- राजेश कृष्ण (सेनानायक, 10 बटालियन बाराबंकी) आज़मगढ़ में पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप

3- राकेश शंकर (डीआईजी स्थापना) देवरिया शेल्टर होम प्रकरण में संदिग्ध भूमिका के आरोप थे.

उत्तर प्रदेश शासन
उत्तर प्रदेश शासन

अमिताभ ठाकुर अखिलेश सरकार और योगी सरकार की आंख की किरकिरी बने हुए थे. पिछले अखिलेश सरकार में जहां उनका पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव से बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ था. उसके बाद उनको सस्पेंड भी किया गया था. बाद में उन्होंने कोर्ट की शरण ली और उन्हें सेवा में फिर से बहाल किया गया था. अखिलेश सरकार के दौरान उन्होंने सोचा था कि आने वाली सरकार उनका प्रयोग जरूर करेगी, लेकिन आने वाली सरकार के आंख की भी किरकिरी बन गए.

असंवैधानिक तैनाती पर भी उठाए थे सवाल

आईपीएस ठाकुर ने कुछ दिनों पूर्व ही कहा था कि पूरे यूपी में शासनादेशों का उल्लंघन कर थानाध्यक्ष के रूप में निरीक्षक की जगह उपनिरीक्षक की तैनाती की जा रही है. उन्होंने अनियमित और असंवैधानिक तैनाती किए जाने पर आपत्ति जताई थी. आईपीएस अफसर ने इन तैनातियों के पीछे घूसखोरी को आधार बताया था. इस बाबत अमिताभ ठाकुर ने प्रमुख सचिव गृह को एक पत्र भी भेजा था.

BCCI को भी दे चुके हैं चुनौती


अमिताभ ठाकुर ने बीसीसीआई द्वारा राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए की गई संस्तुतियों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. उनके मुताबिक, केवल राष्ट्रीय खेल संघ ही इन खेल पुरस्कारों के लिए संस्तुति भेज सकते हैं. खेल और युवा मामले के मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त 51 खेल संघों में बीसीसीआई नहीं आता है. वह गैर-मान्यताप्राप्त पूरी तरह निजी खेल संघ है जो मान्यता प्राप्त नहीं बनना चाहता पर मान्यता प्राप्त खेल संघ की सारी सुविधाएं चाहता है. इसलिए उसे इन पुरस्कारों के लिए संस्तुति करने का अधिकार नहीं है.

विवादों से रहा है पुराना नाता

अमिताभ ठाकुर पर तमाम तरह के आरोप भी लग चुके हैं, जिसमें गाजियाबाद की एक महिला द्वारा लगाया गया दुष्कर्म का आरोप और एक सामाजिक संगठन द्वारा आय से अधिक संपत्ति का मामला काफी दिनों तक सुर्खियों में रहा था.

कवि और लेखक हैं अमिताभ ठाकुर

उत्तर प्रदेश के 1992 बैच के आईपीएस आईजी रूल्स अमिताभ ठाकुर कवि और लेखक भी हैं. उनका जन्म बोकारो बिहार झारखंड में हुआ था. शुरुआती पढ़ाई बोकारो के केंद्रीय विद्यालय से पूरी करने के बाद अमिताभ ने आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. हाल ही में उनको सरकार द्वारा जबरिया सेवानिवृत्त का नोटिस थमा दिया गया. यह नोटिस भी उन्होंने खुद ट्वीट कर ही सार्वजनिक किया.


अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट कर दी जानकारी

अमिताभ ठाकुर ने कहा - "मुझे अभी-अभी बीआरएस आदेश प्राप्त हुआ है. सरकार को अब मेरी सेवाएं नहीं चाहिए. जय हिंद ! उन्हें शायद इस बात की भनक लग चुकी थी कि सरकार से सवाल करने का खामियाजा उन्हें भुगतना जरुर पड़ेगा. आज कार्रवाई हो गई है."

साथी बन चुके एडीजी पर उन्हें नहीं मिला प्रमोशन

अमिताभ ठाकुर को इस सरकार ने प्रमोशन भी नहीं दिया था. वहीं उनके बैच के सभी साथी अधिकारी इस समय एडीजी बन चुके हैं, जबकि अमिताभ ठाकुर आज भी आईजी की पोस्ट पर ही बने हुए हैं. अमिताभ ठाकुर का जन्म बिहार के मुजफ्फरपुर में हुआ.

पत्नी भी जानी मानी सामाजिक कार्यकर्ता

वह नेशनल आईटीआई फोरम के संस्थापक हैं. उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर एक जानी-मानी सामाजिक कार्यकर्ता हैं. फेसबुक पर "आई हेट गांधी" नामक एक फेसबुक ग्रुप में महात्मा गांधी पर टिप्पणी की जा रही थी. उन्होंने इस बाबत फेसबुक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी और कुछ दिनों बाद फेसबुक से उस ग्रुप को प्रतिबंधित कर दिया गया था. उनके इस कार्य का बहुत सराहना हुई थी.

Last Updated : Mar 23, 2021, 9:34 PM IST
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