लखनऊ: मंजिल तक पहुंचने में जाम का सामना न करना पड़े, इसलिए शहरवासी दूसरे यातायात साधनों को छोड़कर मेट्रो का रुख करते हैं, लेकिन कभी-कभी मेट्रो अन्य यातायात साधनों से भी कहीं ज्यादा जाम में फंस जाती है. हालांकि मेट्रो के जाम में फंसने की वजह अन्य यातायात साधन न होकर सिग्नल होते हैं. सोमवार की रात भी कुछ ऐसा ही हुआ, जब मेट्रो 40 मिनट तक कृष्णा नगर स्टेशन पर ही ठहरी रही. इस दौरान मेट्रो के अंदर बैठे यात्रियों का बुरा हाल हो गया.
सिग्नल ग्रीन न होने के चलते मेट्रो के दरवाजे खुले के खुले रह गए और मच्छर अंदर प्रवेश कर गए, जिससे यात्रियों की परेशानियों में इजाफा हो गया. हालांकि 40 मिनट बाद मेट्रो यात्रियों ने राहत की सांस ली. मेट्रो में मुंबई से फ्लाइट लेकर लखनऊ पहुंचे विधायक डॉ. डीजे गोंडिन भी मेट्रो में फंस गए. यात्रियों ने लखनऊ मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन में इसकी शिकायत भी दर्ज कराई है. शिकायत में कहा गया है कि पांच मेट्रो सामने से निकल गईं, लेकिन कृष्णा नगर मेट्रो स्टेशन पर खड़ी मेट्रो अपनी जगह से आगे तक नहीं बढ़ी.
मेट्रो के अंदर घुस गए मच्छर, बंद नहीं हुए दरवाजे
दरअसल, राजधानी में सुबह छह बजे से लेकर रात 10 बजे तक मेट्रो का संचालन होता है. रोजाना की तरह ही सोमवार रात 10:05 बजे आखिरी मेट्रो अमौसी एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया के लिए रवाना हुई. ट्रांसपोर्ट नगर मेट्रो स्टेशन होते हुए रात 10:10 पर मेट्रो कृष्णा नगर मेट्रो स्टेशन पर पहुंची. तीन किलोमीटर की दूरी पांच मिनट में तय करने के बाद जब मेट्रो के फिर से आगे बढ़ने का समय हुआ तो सिग्नल दगा दे गया. संचालन के लिए सिग्नल हरा नहीं होने से मेट्रो स्टेशन पर ही खड़ी रही. पांच से 10 मिनट बीत गए मेट्रो नहीं चली और इसके दरवाजे भी बंद नहीं हुए तो यात्री उतर कर मेट्रो कर्मचारियों से पूछताछ करने लगे.
दरवाजे खुले होने के चलते मच्छर मेट्रो के अंदर आ गए, जिसके बाद यात्रियों की हालत और भी खस्ता हो गई. यात्रियों ने सुरक्षाकर्मियों से जानकारी हासिल की. हालांकि सुरक्षाकर्मियों के पास भी उनके सवाल का कोई जवाब नहीं था. देखते ही देखते रात के 10:30 बज गए. कोई सूचना न मिलने पर कुछ यात्रियों ने कृष्णा नगर मेट्रो स्टेशन से बाहर का रास्ता पकड़ लिया और अन्य यातायात साधनों से वे अपनी मंजिल तक के लिए रवाना हो गए. रात 10:45 पर फिर से कृष्णा नगर से मुंशीपुलिया के लिए मेट्रो रवाना हुई.
छूट गई कृषक एक्सप्रेस
कृष्णा नगर मेट्रो स्टेशन पर 40 मिनट तक फंसे रहने से गोरखपुर रवाना होने के लिए विमान से लखनऊ पहुंचे मनोज सिंह की कृषक एक्सप्रेस छूट गई. इसके लिए उन्होंने मेट्रो को ही जिम्मेदार माना. उनका कहना था कि वह सही समय से मेट्रो स्टेशन पहुंच गए थे. अगर मेट्रो के सिग्नल ग्रीन रहे होते तो समय से पहले रेलवे स्टेशन भी पहुंच गए होते. ट्रेन भी मिस न हुई होती. फिलहाल मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन इस जांच में जुटा है कि आखिर सिग्नल ग्रीन हुआ क्यों नहीं? टेक्निकल विंग का कहना है कि तकनीकी खामी के चलते ऐसा हुआ है. अब इसे दुरुस्त किया गया है.