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केजीएमयू में पांच साल से डंप पड़े मेंटल हेल्थ सेंटर को मिलेगी रफ्तार

लखनऊ पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे केजीएमयू के कुलपति डॉ. विपिन पुरी, पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमान से मुलाकात की. दोनों संस्थानों में केंद्र सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रम व प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी ली. ऐसे में केजीएमयू में वर्ष 2016 से डंप पड़े सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन मेंटल हेल्थ का मसला उठा. इसके लिए केंद्र सरकार 2016 में ही पांच करोड़ रुपये जारी कर चुकी है, लेकिन राज्य सरकार से अभी जारी नहीं हुआ.

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे
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Published : Mar 2, 2021, 10:02 AM IST

लखनऊः केजीएमयू (किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज) में पांच साल से डंप पड़े मेंटल हेल्थ सेंटर को रफ्तार मिलेगी. लखनऊ पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कुलपति को आश्वासन दिया है. साथ ही विभाग के उच्चधिकारियों को जल्द बजट मुहैया कराने के निर्देश दिए.

लखनऊ पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे केजीएमयू के कुलपति डॉ. विपिन पुरी, पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमान से मुलाकात की. दोनों संस्थानों में केंद्र सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रम व प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी ली. ऐसे में केजीएमयू में वर्ष 2016 से डंप पड़े सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन मेंटल हेल्थ का मसला उठा. इसके लिए केंद्र सरकार 2016 में ही पांच करोड़ रुपये जारी कर चुकी है, लेकिन राज्य सरकार से अभी जारी नहीं हुआ.

मंत्री ने यूपी के स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को जल्द पैसा जारी करने के निर्देश दिया है. सेंटर पर कुल 33 करोड़ खर्च होंगे. इसका 60 फीसद केंद्र सरकार, 40 फीसद राज्य सरकार को वहन करना है. एक्सीलेंस सेंटर में न सिर्फ मनोरोग के बेहतर इलाज की सुविधा होगी, बल्कि कोर्सों के संचालन को भी बढ़ावा दिया जाएगा.

जिरियाट्रिक मेंटल हेल्थ सेंटर प्रोजेक्ट भी अधूरा
केंद्र सरकार ने वर्ष 2010-11 में नेशनल प्रोग्राम फॉर द इल्डरली शुरू किया था. इसके तहत देशभर में मेंटल हेल्थ सेंटर खोले जा रहे हैं. वहीं केजीएमयू ने भी जिरियाट्रिक मेंटल हेल्थ सेंटर खोलने का प्रस्ताव भेजा था. केंद्र सरकार ने सेंटर मंजूरी के साथ-साथ धन की भी स्वीकृत दे दी है. इसके भवन पर करीब तीन करोड़ 47 लाख रुपये का बजट खर्च होगा. मगर यहां वर्ष 2016 से केवल ओपीडी ही चल रही है. भर्ती की व्यवस्था नहीं हो सकी है. इस विभाग में 60 वर्ष से अधिक मरीजों के इलाज की सुविधा होनी थी.


कोरोना टीका को लेकर विपक्षियों पर हमला
मंत्री ने कोरोना टीकाकरण को लेकर अफवाह फैलाने पर विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि विपक्ष तो बार-बार कह रहा था कि भारत में बनी वैक्सीन असरदार नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कब टीका लगवाएंगे. पीएम मोदी महामारी को भगाने के लिए ठीक उसी प्रकार से स्वदेशी वैक्सीन लेकर आए जिस तरह हनुमान जी संजीवनी बूटी लेकर आए थे. यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी बारी आने पर एक वरिष्ठ नागरिक होने के नाते सहजता के साथ वैक्सीन लगवाई. यह विपक्ष के मुंह पर करारा तमाचा है.

लखनऊः केजीएमयू (किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज) में पांच साल से डंप पड़े मेंटल हेल्थ सेंटर को रफ्तार मिलेगी. लखनऊ पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कुलपति को आश्वासन दिया है. साथ ही विभाग के उच्चधिकारियों को जल्द बजट मुहैया कराने के निर्देश दिए.

लखनऊ पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे केजीएमयू के कुलपति डॉ. विपिन पुरी, पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमान से मुलाकात की. दोनों संस्थानों में केंद्र सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रम व प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी ली. ऐसे में केजीएमयू में वर्ष 2016 से डंप पड़े सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन मेंटल हेल्थ का मसला उठा. इसके लिए केंद्र सरकार 2016 में ही पांच करोड़ रुपये जारी कर चुकी है, लेकिन राज्य सरकार से अभी जारी नहीं हुआ.

मंत्री ने यूपी के स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को जल्द पैसा जारी करने के निर्देश दिया है. सेंटर पर कुल 33 करोड़ खर्च होंगे. इसका 60 फीसद केंद्र सरकार, 40 फीसद राज्य सरकार को वहन करना है. एक्सीलेंस सेंटर में न सिर्फ मनोरोग के बेहतर इलाज की सुविधा होगी, बल्कि कोर्सों के संचालन को भी बढ़ावा दिया जाएगा.

जिरियाट्रिक मेंटल हेल्थ सेंटर प्रोजेक्ट भी अधूरा
केंद्र सरकार ने वर्ष 2010-11 में नेशनल प्रोग्राम फॉर द इल्डरली शुरू किया था. इसके तहत देशभर में मेंटल हेल्थ सेंटर खोले जा रहे हैं. वहीं केजीएमयू ने भी जिरियाट्रिक मेंटल हेल्थ सेंटर खोलने का प्रस्ताव भेजा था. केंद्र सरकार ने सेंटर मंजूरी के साथ-साथ धन की भी स्वीकृत दे दी है. इसके भवन पर करीब तीन करोड़ 47 लाख रुपये का बजट खर्च होगा. मगर यहां वर्ष 2016 से केवल ओपीडी ही चल रही है. भर्ती की व्यवस्था नहीं हो सकी है. इस विभाग में 60 वर्ष से अधिक मरीजों के इलाज की सुविधा होनी थी.


कोरोना टीका को लेकर विपक्षियों पर हमला
मंत्री ने कोरोना टीकाकरण को लेकर अफवाह फैलाने पर विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि विपक्ष तो बार-बार कह रहा था कि भारत में बनी वैक्सीन असरदार नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कब टीका लगवाएंगे. पीएम मोदी महामारी को भगाने के लिए ठीक उसी प्रकार से स्वदेशी वैक्सीन लेकर आए जिस तरह हनुमान जी संजीवनी बूटी लेकर आए थे. यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी बारी आने पर एक वरिष्ठ नागरिक होने के नाते सहजता के साथ वैक्सीन लगवाई. यह विपक्ष के मुंह पर करारा तमाचा है.

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