लखनऊ: दिल्ली बॉर्डर पर कृषि बिल को लेकर किसानों का आंदोलन बदस्तूर जारी है. सरकार पर दबाव डालने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने 6 फरवरी को देश भर में 3 घंटे के चक्का जाम की घोषणा की थी. इसको लेकर सभी बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी, लेकिन आखिरी समय पर राकेश टिकैत ने एलान किया कि दिल्ली एनसीआर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं होगा और इन जिलों में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा और शांतिपूर्ण प्रदर्शन होगा.
मुजफ्फरनगर में राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
जनपद मुजफ्फरनगर में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं और किसानों ने सैकड़ों की संख्या में सदर तहसील में पहुंचकर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन को एक ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम सौंपा. प्रदर्शन के दौरान किसानों ने सरकार से मांग की कि सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कृषि कानून बिल को सरकार वापस ले और एमएसटी पर कानून बनाकर गन्ने का दाम 350 रुपये कुंतल करे. इन सभी मांगो के साथ किसानों ने 7 सूत्रीय ज्ञापन जिला प्रशासन को देकर प्रदर्शन समाप्त किया.
बांदा में पशोपेश में रहे किसान
बुंदेलखंड किसान यूनियन के बैनर तले सैकड़ों की तादात में किसान जिले के अतर्रा कस्बे में पहुंचे. यहां ये किसान झांसी-मिर्जापुर नेशनल हाइवे पर चक्का जाम करने के उद्देश्य से पहुंचे थे. यहां पर किसान दोपहर में झण्डे और बैनर लेकर इकट्ठे हुए, लेकिन चक्का जाम करना है या नहीं इसकी स्थिति साफ न होने के चलते ये दिनभर दूसरे किसान संगठनों के लोगों से गाइडलाइन पता करते रहे. यहां पर किसान शाम तक पशोपेश में पड़े रहे.
सहारनपुर में दस सूत्रीय ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा
सहारनपुर के देवबन्द में किसानों ने महापंचायत का आयोजन किया और ज्ञापन देकर अपनी मांगे सरकार के सामने रखीं. इस दौरान किसानों ने प्रधानमंत्री के नाम 10 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन उपजिलाधिकारी देवबन्द को सौंपा. सुरक्षा की दृष्टि से यहां पुलिस प्रशासन अलर्ट रहा. किसानों ने कहा कि जब तब सरकार बिल वापिस नहीं लेगी, तब तक किसान चुप नहीं बैठेगा.
कौशांबी में भी किसानों ने शंतिपूर्णं तरीके से किया प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशांबी में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान वह पैदल मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे और राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा. भारतीय किसान यूनियन ने मांग की कि किसानों पर थोपे गए काले कानून को सरकार जल्द से जल्द वापस लें, अन्यथा किसान सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा. इसके साथ ही उन्होंने कई अन्य मुद्दों पर भी ज्ञापन सौंपा है.
बहराइच में उग्र रूप लेगा आंदोलन
बहराइच में कई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में कृषि बिल के खिलाफ राष्ट्रपति के नाम एक संबोधित ज्ञापन एसडीएम सदर को सौंपा. उन्होंने तीनों काले कानून कृषि बिल को वापस लिए जाने की मांग की. किसानों ने कहा कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुईं तो आगे आंदोलन उग्र रूप लेगा.
बरेली में जिला अधिकारी कार्यालय पर सौंपा ज्ञापन
सरकार द्वारा बनाए गए किसान विरोधी तीनों कानूनों को वापस लेने एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून लाने की मांग करते हुए किसानों ने शांतिपूर्णं ढंग से प्रदर्शन किया. इस दौरान किसान एकता संघ के मंडल प्रभारी डॉक्टर रवि नागर के नेतृत्व में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी कार्यालय पर सौंपा.
बुलंदशहर में भाकियू के पदाधिकारियों ने डीएम को सौंपा ज्ञापन
बुलंदशहर में कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर शनिवार को भारतीय किसान यूनियन के एनसीआर महासचिव मांगेराम त्यागी के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करते हुए डीएम कार्यालय में पहुंचकर एडीएम प्रशासन रवींद्र कुमार को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन देने के बाद मांगेराम त्यागी के नेतृत्व में किसान डीएम रविंद्र कुमार से मिले. किसानों ने कहा कि कृषि कानून को सरकार वापस ले अन्यथा आंदोलन जारी रहेगा. इस दौरान जिलाध्यक्ष बब्बन चौधरी, युवा भाकियू के जिलाध्यक्ष शैलेंद्र आर्य, पूर्व विधायक होशियार सिंह सहित अन्य भाकियू कार्यकर्ता मौजूद रहे.
चंदौली में सपा के पदाधिकारी को किया गया अरेस्ट
नए कृषि कानून को लेकर दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन को देखते हुए पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड़ में है. चक्का जाम के आह्वान पर जिले भर की पुलिस बॉर्डर पर तैनात है. उपद्रव के आरोप में कुछ सपा के पदाधिकारी को अरेस्ट भी किया गया. इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से भी सरकार के विरोध में बैठक कर तीनों किसान बिल वापस लेने की मांग की गई.
रायबरेली में सुबह से ही बरती जा रही सतर्कता
शनिवार को सुबह से ही चक्का जाम को लेकर प्रशासनिक अमला सतर्क दिखा. रायबरेली शहर के प्रमुख चौराहों पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स की मौजूदगी देखी गई. शहर के डिग्री कॉलेज चौराहे पर सीओ सिटी अंजनी चतुर्वेदी के अलावा शहर कोतवाल अतुल सिंह मौजूद रहे. यातायात समेत अन्य व्यवस्थाओं पर पैनी नजर रखते हुए किसी भी प्रकार के अवरोध पर सुबह से ही नजर बनाए हुए थे. हालांकि जब व्यवस्थाएं सामान्य दिखीं, तब दोपहर बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली.
वाराणसी में 'किसान बिल वापस करो' के समर्थन में सुभासपा
जिला अधिकारी वाराणसी के माध्यम से यूपी के राज्यपाल और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन देने का कार्य किया गया. पत्रक में सुभासपा ने किसानों के आंदोलन को समर्थन करते हुए केंद्र सरकार द्वारा किसान विरोधी बिल को तुरंत वापस लेने की मांग की है. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मंडल अध्यक्ष रमेश राजभर के नेतृत्व में वाराणासी के शास्त्री घाट पर मुख्य वक्ता महानगर प्रभारी जागेश्वर राजभर ने कहा कि केंद्र सरकार अन्नदाताओं के साथ हिटलरशाही कर रही है. उन्होंने कहा कि किसान देश की जान और भारत की पहचान है, इनके ऊपर अंकुश लगाकर भाजपा अपने गले मे फांसी का फंदा डाल रही है.
किसानों का शांतिपूर्ण आंदोलन चलता रहेगा
मऊ में नए कृषि कानून के विरोध में शनिवार को केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन के द्वारा सभी तहसीलों पर प्रदर्शन किया गया. इसके साथ ही एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर तीनों नए कानून वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून बनाने की मांग की. प्रदर्शन में कहा गया कि शहीद किसानों को मुआवजा देने के साथ ही कृषि कानून को वापस लिया जाए. जब तक कानून वापस नहीं होगा तब तक किसानों का शांतिपूर्ण आंदोलन चलता रहेगा.
सीतापुर में डीएम और एसपी ने हालात का लिया जायजा
जिले में किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए जिलाधिकारी विशाल भरद्वाज और पुलिस अधीक्षक आरपी सिंह पूरे जिले की मॉनिटरिंग करते नजर आए और अधिकारियों से पल-पल की अपडेट लेते रहे. डीएम और एसपी ने खैराबाद स्थित टोल प्लाजा पर भ्रमणसील होकर हालात का जायजा लिया. किसानों ने महमूदाबाद, महोली और मास्टर बाग कस्बे में जोरदार प्रदर्शन कर अपनी मांगों को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. किसानों ने मांग की कि तीनों कृषि कानून बिल को वापस लें. प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा.
सरकार के खिलाफ हुई नारेबाजी
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंद वशिष्ठ के आवास पर शनिवार सुबह से ही भारी पुलिस बल की तैनाती कर उन्हें नजरबंद कर दिया गया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ किसानों के समर्थन में चक्का जाम करने के लिए निकलने से पहले ही पुलिस ने उनके आवास को घेर लिया और उन्हें बाहर जाने से रोक दिया. कार्यकर्ताओं ने इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. नारेबाजी और प्रदर्शन के बाद आयोजित हुई सभा में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने तय किया कि वह राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन भेजेंगे.
मुजफ्फरनगर में एसडीएम सदर को सौंपा ज्ञापन
भाकियू के विरोध प्रदर्शनों की कड़ी में चक्का जाम वापस होने के बाद तमाम स्थानों पर भाकियू कार्यकर्ताओं ने तहसील मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया. इस दौरान कृषि कानूनों को वापस लेने तथा अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन दिया गया. सदर तहसील परिसर में भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने विभिन्न मांगों को लेकर एक ज्ञापन एसडीएम सदर दीपक कुमार को सौंपा. ज्ञापन सौंपने वालों में सैकड़ों किसान यूनियन के कार्यकर्ता मौजूद रहे.
बहराइच में भाकियू कार्यकर्ताओं ने टोल प्लाजा के पास किया प्रदर्शन
कैसरगंज में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को कैसरगंज के ऐनी अलहियापुर के निकट स्थित टोल प्लाजा के निकट रना प्रदर्शन किया. इस दौरान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन उप जिलाधिकारी महेश कुमार कैथल व क्षेत्राधिकारी शंकर प्रसाद को ज्ञापन सौंपा.