लखनऊ : उत्तर प्रदेश के विधानसभा सदस्य, विधान परिषद के सदस्यों को बढ़ी हुई विधायक निधि मिलने का इंतजार है. पिछले साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायक निधि बढ़ाकर ₹5 करोड़ रुपए किया था, लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष में इसका लाभ विधायकों को नहीं मिल पाया. अब विधायकों को इस नए वित्तीय वर्ष में बढ़े हुए विधायक निधि का लाभ मिलने की उम्मीद जगी है. वित्त विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 'बढ़ी हुई विधायक निधि विधायकों के खाते में जल्द ही भेजी जाएगी, लेकिन सबसे खास बात यह भी है कि पिछले साल की बढ़ी हुई निधि देने के बारे में अभी भी संशय बना हुआ है.'
प्रदेश के 403 विधायक और 100 विधान परिषद सदस्यों को पिछले 1 साल से बढ़ी हुई विधायक निधि का इंतजार है, लेकिन सदन में पिछले वर्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी घोषणा की थी, बावजूद इसके विधायकों के खाते में बढ़ी हुई विधायक निधि नहीं पहुंची. इसका मामला पिछले विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भी सदन में सदस्यों ने बढ़ी हुई विधायक निधि खाते में भेजने की मांग की, लेकिन सदन में सरकार की तरफ से कहा गया कि वित्तीय स्वीकृति ना हो पाने की वजह से बढ़ी हुई विधायक निधि नहीं भेजी जा सकी है, लेकिन अब आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 पहली तिमाही में विधायकों को बढ़ी हुई निधि का लाभ मिलेगा. ईटीवी भारत ने आज इस विषय पर उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना से फोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि "अब कोई संशय नहीं है कि विधायकों को बढ़ी हुई विधायक निधि नहीं मिलेगी. नियमानुसार अब वित्तीय स्वीकृति होने के साथ ही विधायकों को विधायक निधि का लाभ दिया जाएगा. बजट में भी इसका प्रावधान कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे करके सभी विधायकों के खाते में ₹5 करोड़ की विधायक निधि भेजे जाने का काम वित्त विभाग के अनुभाग से किया जाएगा और सभी विधायकों को इसका लाभ दिया जाएगा.'
'पिछले वर्ष सदन में मुख्यमंत्री के द्वारा घोषणा के बावजूद बढ़े हुए दो करोड़ रुपए की विधायक निधि न मिलने के सवाल पर वह कहते हैं कि वित्तीय स्वीकृति नहीं मिल पाई थी. बजट में भी इसका प्रावधान नहीं था क्योंकि बजट सत्र के बाद सदन में सदस्यों की मांग के आधार पर इसका एलान किया गया था, लेकिन अब कोई समस्या नहीं है. इस बार के बजट में इसका प्रावधान कर दिया गया है और इसका लाभ सभी सदस्यों को दिया जाएगा. उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के विधायकों को 3 करोड़ रुपए की विधायक निधि विकास कार्यों को कराने के लिए दी जाती थी, लेकिन पिछले साल सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायक निधि 5 करोड़ रुपए कर दी थी, लेकिन पिछले साल यह निधि नहीं मिल पाई. अब आगामी वित्तीय वर्ष में बढ़ी हुई पांच करोड़ रुपए की नीति का लाभ सब को दिए जाने की बात सरकार की तरफ से कही जा रही है, वहीं विधायक निधि बढ़ाए जाने के बावजूद 18 फीसद जीएसटी काटने का प्रावधान कर दिया गया था. जिसको लेकर विधायकों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही थी और सदन में 18 फीसद जीएसटी विधायक निधि से न काटे जाने की भी मांग की गई थी, हालांकि इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है.'