लखनऊ : मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के समक्ष सोमवार को गजेटियर के सम्बन्ध में प्रजेंटेशन किया गया. मुख्य सचिव ने कहा कि 'विगत कई वर्षों से गजेटियर में कोई अपडेशन का कार्य नहीं हुआ. उन्होंने सभी जनपदों के गजेटियर को आगामी 31 मार्च, 2024 तक अपडेट करने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि गजेटियर एक स्टैंडर्ड फारमेट पर होने के साथ-साथ पूरी तरह डिजिटलीकृत हो, जिससे गजेटियर को कभी भी अपडेट किया जा सके.'
बैठक में बताया गया कि जिला गजेटियरों के डिजिटाइजेशन की योजना के अर्न्तगत उपलब्ध सभी 50 जनपदों के गजेटियरों की स्कैनिंग की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गयी है. विभागीय वेबसाइट तैयार करने का कार्य यूपी डेस्को के माध्यम से किया जा रहा है, जिसे एक माह के भीतर लांच कर दिया जायेगा तथा 25 जनपदों (महोबा, कन्नौज, अमेठी, सोनभद्र, चन्दौली, चित्रकूट, महराजगंज, औरैया, मऊ, हाथरस, संतकबीरनगर, हापुड़, शामली, कासगंज, श्रावस्ती, कौशाम्बी, अमरोहा, गौतमबुद्धनगर, बागपत, कुशीनगर, अम्बेडकर नगर, संत रविदासनगर, संभल, बलरामपुर एवं सिद्धार्थनगर) में गजेटियरों का कार्य प्रगति पर है. उल्लेखनीय है कि जिला गजेटियर की विषयवस्तु में जनपद की सामाजिक, आर्थिक, ऐतिहासिक, राजनैतिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक आदि सूचनाओं को एक स्थान पर सरल एवं सीधी भाषा में प्रस्तुत करने का एक माध्यम है तथा जन सामान्य के लिए सन्दर्भ ग्रन्थ एवं विशेषज्ञों के लिए सूचना स्रोत के रूप में महत्वपूर्ण संकलन है.
बैठक में बताया गया कि जिला गजेटियर्स विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा प्रदेश के समस्त जिलों के जिला गजेटियर्स प्रकाशन का कार्य किया जाता है. गजेटियर्स के प्रकाशन में प्रयुक्त सभी विषयों की सूचनाओं का संकलन जिलाधिकारी द्वारा प्रेषित सूचनाओं से किया जाता है. सूचनाओं के संकलन के लिए जिले को प्रश्नावली प्रेषित की जाती है, जिसके आधार पर जिले द्वारा सूचनाएं एकत्र कर विभाग को प्रेषित की जाती हैं. प्राप्त सूचनाओं के आधार पर ही गजेटियर का संकलन किया जाता है. बैठक में अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद मनीषा त्रिघाटिया, सचिव पर्यावरण आशीष तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी आदि उपस्थित थे.