लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति-2020 के अन्तर्गत परास्नातक कार्यक्रमों में पाठयक्रम को संशोधित किए जाने को लेकर कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई. बैठक में लखनऊ विश्वविद्यालय के समस्त संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, निदेशक, समन्वयक एवं समस्त प्रभारी सम्मिलित हुए. इस प्रणाली हेतु गठित विशेष समिति के सदस्य प्रो. पूनम टण्डन, प्रो. मधुरिमा लाल एवं प्रो. पीयूष भार्गव भी उपस्थित थे.
बैठक में इन मुद्दों पर हुई चर्चा
1. नवीन परास्नातक पाठ्यक्रम के अनुसार छात्रों द्वारा एक वर्ष का अध्ययन पूर्ण किये जाने पर यदि शिक्षार्थी चाहे तो पी.जी. डिप्लोमा लेकर वह निर्गम कर सकता है. छात्र द्वारा दो वर्ष का कोर्स अध्ययन करने के उपरांत उसे पीजी की डिग्री प्रदान की जाएगी.
2. इस प्रणाली के अन्तर्गत छात्र को दो वर्ष के चार सेमेस्टरों में कुल 96 क्रेडिट पूर्ण करने होंगे.
3. इस प्रणाली का ढांचा सभी विभागों/संकायों हेतु समारूप होगा. जिससे कि भविष्य में परीक्षाफल, एडमिशन, पर्यवेक्षण, क्रेडिट स्थानान्तरण इत्यादि समस्त धाराओं में एकरूपता विश्वविद्यालय स्तर पर बनाई जा सके.
4. इस नवीन पद्वति के अन्तर्गत शिक्षार्थियों को अनिवार्य रूप से इंटर्नशिप, इन्टर एवं इन्ट्रा विभागीय प्रोग्राम एवं विविध वैकल्पित विषयों के विभिन्न प्राविधान रखा गया है. जो शिक्षण की गुणवत्ता का संवर्धन करता है.
5. इसमें कोर कोर्सेज के साथ MOOC के अन्तर्गत ऑनलाइन पठन-पाठन से छात्र-छात्राओं में ऑनलाइन डिजिलाईजेशन का पूरा प्राविधान रखा गया है.
6. नवीन पद्वति की विशेषता यह भी है कि उसमें विशेष रूप से शिक्षार्थियों के गुणवत्ता परक संवर्धन हेतु विभिन्न विषयों के सम्मिलित किए जाने से न सिर्फ उनका बौद्विक विकास अपितु उनका बहुमुखी विकास भी संभव होगा.
7. सम-सामियक, अति आवश्यक, बच्चों में प्रोफेसनल संवर्धन हेतु उन्नतशील शोध का समायोजन भी एक अनूठी पहल है.
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लखनऊ विश्वविद्यालयें ने बीएससी तृतीय सेमेस्टर के बैक पेपर का परिणाम घोषित कर दिया है. विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी दुर्गेश श्रीवास्तव जानकारी देते हुए बताया कि इस परीक्षा में कुल 318 अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया था. जिसमें प्रथम श्रेणी में 46 बच्चों ने अपनी रैंक हासिल की है. द्वितीय श्रेणी में 227 अभ्यर्थियों ने, तृतीय श्रेणी में 33 अभ्यर्थी, वहीं NE -2,10 अभ्यर्थी इस परीक्षा में फेल भी हुए हैं.