लखनऊ: राजधानी के जिला जेल में मेडिकल स्टाफ की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जेल के फार्मासिस्ट आशीष कुमार ने 35 कैदियों को सिट्रीज़ीन दवा की जगह हुबहू दिखने वाली हैलोपेरीडोल दे दिया था, जिसकी वजह से कैदियों की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी. फिलहाल कैदियों को जेल के ही अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है.
जेल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट एनके वर्मा ने ईटीवी भारत से बताया कि कैदियों को दाद, खाज, खुजली आदि के लिए सिट्रीजीन टेबलेट दी जाती है, लेकिन फार्मासिस्ट आशीष कुमार ने बिना पढ़े ही हूबहू दिखने वाली हैलोपैरीडोल टेबलेट दे दी थी, जिसके बाद अचानक कैदियों को सुस्ती आने लगी और उनके हाथ और पैरों में भी ऐंठन शुरू हो गई थी.
मेडिकल सुप्रीटेंडेंट एनके वर्मा ने कहा कि सभी कैदियों का इलाज तुरंत ही शुरू कर दिया गया था. फिलहाल अभी 18 कैदी जेल के ही अस्पताल में एडमिट हैं, जहां उनका इलाज चल रहा है. एहतियात के लिए हमने साइकेट्रिस्ट को भी बुलाया है, जिससे गलत दवा खाने वाले कैदियों की मानसिक स्थिति का पता लगाया जा सके और जो इलाज किया जा रहा है, क्या वह सही है, इसकी भी जांच की जा सके.
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जेल अधीक्षक आशीष तिवारी ने इस पूरे मामले पर बताया कि यह एक बहुत बड़ी लापरवाही है. फार्मासिस्ट के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है. भविष्य में ऐसी कोई त्रुटि न हो, इसका भी पूरा ध्यान रखा जाएगा.