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सीएमओ ऑफिस की महिला कर्मचारी से छेड़छाड़ मामला, जांच पूरी होने तक पद पर बना रहेगा आरोपी अधिकारी

लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमए) कार्यालय में तैनात महिला स्वास्थ्यकर्मी से अभद्रता और धमकी देने के मामले की जांच में नया मोड़ आ गया है. जांच अधिकारी ने जांच पूरी होने तक आरोप अधिकारी को पद से हटाने की सिफारिश की है. वहीं सीएमओ ने पद पर बने रहने की बात कह रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 6, 2024, 3:32 PM IST

लखनऊ : सीएमओ ऑफिस में तैनात अफसर पर महिला कर्मचारी से अभद्रता और धमकाने के आरोपों की जांच शुरू हो गई है. जांच अधिकारी ने सीएमओ को पत्र भेज कर आरोपी अफसर को जांच पूरी होने तक पद से हटाने की मांग की है. जांच अधिकारी का कहना है कि पद पर रहते हुए आरोपी जांच को प्रभावित कर सकता है.


बता दें एनएचएम व एनयूएचएम के जिला नोडल अफसर डॉ. आरएन सिंह पर आरोप है कि उसने महिला स्वास्थ्यकर्मी पर एएनएम के पेट्रोल मद का भुगतान नियमों के विपरीत अधिक का किए जाने का दबाव बनाया था. महिला स्वास्थ्यकर्मी ने अधिक भुगतान करने से मना कर दिया था. इस पर नोडल अफसर भड़क उठे और महिला स्वास्थ्यकर्मी से अभद्रता करते हुए उसका सिर फोड़ने की धमकी दी थी. आहत महिलाकर्मी ने मामले की शिकायत सीएमओ सहित अन्य उच्चाधिकारियों से की थी. मामले की जांच एडी मंडल डॉ. सुनील को सौंपी गई है. एडी मंडल ने सीएमओ को पत्र भेजकर पूरी होने तक नोडल अफसर को पद से हटाने की सिफारिश किया है ताकि वह जांच प्रभावित न कर सके. वहीं सीएमओ नोडल के बचाव में दिख रहे हैं. वह नोडल पद से हटाने की बजाए जांच पूरी होने बाद कार्रवाई का दावा कर रहे हैं. सीएमओ डॉ. मनोज का कहना है कि जांच पूरी होने तक वह नोडल पद पर बने रहेंगे. जांच में दोषी मिलने पर उन्हें नोडल पद से हटाया जाएगा.


गेटेड कॉलोनी में नोडल ने एलॉट किया था भवन : हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के नोडल ने मड़ियांव के सत्यलोक गेटेड कॉलोनी में स्वास्थ्यकर्मी के घर पर केंद्र खुलवाया था. इसे लेकर विभाग की खूब फजीहत हुई थी. शासन से रिपोर्ट तलब हुई तो नोडल को जांच अधिकारी बना दिया गया. जांच अधिकारी ने मामले में लीपापोती करके अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी थी.


मलाईदार 14 विभागों की अकेले कमान संभाले : सीएमओ आफिस में 14 मलाईदार विभागों की कमान डॉ. आरएन सिंह को सौंपी गई है. दूसरे अफसरों पास तीन-चार विभागों की जिम्मेदारी है. आरोप है कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर समेत दूसरे विभागों के नोडल होने बाद भी केंद्रों का निरीक्षण नहीं किया जाता है. ऐसे में वेलनेस सेंटर से आए दिन डॉक्टर गायब रहते हैं. सबसे अहम बात यह है कि जांच व दवा के इंतजाम तक इनके जरिए नहीं परखे जा रहे हैं.


यह भी पढ़ें : बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय की 70 छात्राएं फूड प्वाइजनिंग का शिकार, स्वास्थ्य विभाग ने भेजी टीम

लखनऊ: झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश, नोटिस देकर पल्ला झाड़ रहा स्वास्थ्य विभाग

लखनऊ : सीएमओ ऑफिस में तैनात अफसर पर महिला कर्मचारी से अभद्रता और धमकाने के आरोपों की जांच शुरू हो गई है. जांच अधिकारी ने सीएमओ को पत्र भेज कर आरोपी अफसर को जांच पूरी होने तक पद से हटाने की मांग की है. जांच अधिकारी का कहना है कि पद पर रहते हुए आरोपी जांच को प्रभावित कर सकता है.


बता दें एनएचएम व एनयूएचएम के जिला नोडल अफसर डॉ. आरएन सिंह पर आरोप है कि उसने महिला स्वास्थ्यकर्मी पर एएनएम के पेट्रोल मद का भुगतान नियमों के विपरीत अधिक का किए जाने का दबाव बनाया था. महिला स्वास्थ्यकर्मी ने अधिक भुगतान करने से मना कर दिया था. इस पर नोडल अफसर भड़क उठे और महिला स्वास्थ्यकर्मी से अभद्रता करते हुए उसका सिर फोड़ने की धमकी दी थी. आहत महिलाकर्मी ने मामले की शिकायत सीएमओ सहित अन्य उच्चाधिकारियों से की थी. मामले की जांच एडी मंडल डॉ. सुनील को सौंपी गई है. एडी मंडल ने सीएमओ को पत्र भेजकर पूरी होने तक नोडल अफसर को पद से हटाने की सिफारिश किया है ताकि वह जांच प्रभावित न कर सके. वहीं सीएमओ नोडल के बचाव में दिख रहे हैं. वह नोडल पद से हटाने की बजाए जांच पूरी होने बाद कार्रवाई का दावा कर रहे हैं. सीएमओ डॉ. मनोज का कहना है कि जांच पूरी होने तक वह नोडल पद पर बने रहेंगे. जांच में दोषी मिलने पर उन्हें नोडल पद से हटाया जाएगा.


गेटेड कॉलोनी में नोडल ने एलॉट किया था भवन : हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के नोडल ने मड़ियांव के सत्यलोक गेटेड कॉलोनी में स्वास्थ्यकर्मी के घर पर केंद्र खुलवाया था. इसे लेकर विभाग की खूब फजीहत हुई थी. शासन से रिपोर्ट तलब हुई तो नोडल को जांच अधिकारी बना दिया गया. जांच अधिकारी ने मामले में लीपापोती करके अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी थी.


मलाईदार 14 विभागों की अकेले कमान संभाले : सीएमओ आफिस में 14 मलाईदार विभागों की कमान डॉ. आरएन सिंह को सौंपी गई है. दूसरे अफसरों पास तीन-चार विभागों की जिम्मेदारी है. आरोप है कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर समेत दूसरे विभागों के नोडल होने बाद भी केंद्रों का निरीक्षण नहीं किया जाता है. ऐसे में वेलनेस सेंटर से आए दिन डॉक्टर गायब रहते हैं. सबसे अहम बात यह है कि जांच व दवा के इंतजाम तक इनके जरिए नहीं परखे जा रहे हैं.


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