लखनऊ : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिनहट (चिनहट सीएचसी) पर आशा बहुओं और डॉक्टरों के बीच की तकरार का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. डीजी हेल्थ के कार्यालय से मंगलवार को सीएचसी चिनहट में दो सदस्यीय टीम पहुंची. टीम के पहुंचने की सूचना पर काफी संख्या में आशा बहूएं भी इकट्ठा हो गईं. टीम ने पांच घंटे से अधिक समय तक सीएचसी परिसर में गुजारे. आशा बहुओं का आरोप है कि टीम को साक्ष्य जुटाने के लिए मरीजों व आशा कार्यकर्ताओं के बयान लेने चाहिए. इसके इतर टीम आशा व मरीज को समय देने के बजाए वह आरोपी डॉक्टरों के साथ ही अधिक समय गुजारते रहे. जांच में शिथिलता पर आशा बहुओं में आक्रोश है.
बता दें, चिनहट की आशा बहुओं ने डॉक्टर दंपती पर गंभीर आरोप लगाते हुए सीएचसी, सीएमओ कार्यालय तक अगस्त में प्रदर्शन किया था. यही नहीं कार्रवाई न होने और उल्टा उन लोगों पर ही स्वास्थ्य विभाग के अफसरों द्वारा दबाव बनाए जाने से नाराज आशा बहुओं ने मुख्यमंत्री के जनता दरबार में पहुंच कर सीएम योगी से शिकायत की थी. जनता दरबार से भी जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. आशा बहुओं का आरोप है कि डाॅक्टर दंपती पर लगाए गए आरोपों के साक्ष्य उन लोगों के अलावा मरीजों तक ने दिए हैं, लेकिन मामले में जांच के नाम पर औपचारिकता करते हुए सिर्फ टालमटोल और देरी की जा रही है, जिससे मामला दब जाए.
सीएमओ की टीम ने 15 दिन पहले जांच की थी. मंगलवार को डीजी हेल्थ की ओर से गठित दो सदस्यीय टीम मंगलवार सुबह 11 बजे चिनहट सीएचसी पहुंची थी. इसमें एक महिला व पुरुष अफसर शामिल रहे. आशाओं का आरोप है कि वह सभी सुबह 11 बजे से पहले ही जानकारी मिलने पर पहुंच गई थीं, लेकिन टीम के सदस्य सुबह 11 बजे पहुंचने पर सीधे अधीक्षक के कमरे में चले गए. वहां अधीक्षक व महिला डॉक्टर से ही करीब दो घंटे तक बात करते रहे. बाद में बाहर निकले सदस्यों ने मरीजों और आशाओं से बात करने के बजाए सीएचसी परिसर को देखा. काफी समय गुजारने के बाद थोड़ी देर आशाओं से बात की. उसके बाद टीम चली गई. जबकि सारे साक्ष्य सीएचसी के मरीज व आशा बार-बार दे रही हैं.
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