लखनऊ : लखनऊ नगर निगम में आए दिन कोई न कोई घोटाला सामने आता ही रहता है. शुक्रवार को भी अखबारों में ऐसा यह घोटाला सामने आया है. जिसमें एक मकान के हाउस टैक्स का एक करोड़ का बकाया दिखाया गया था. बाद में उसे 10 लाख में सेटल कर दिया गया, बाकी ₹90 लाख क्यों और किस आधार पर माफ किए गए इसका कोई जवाब किसी के पास नहीं है. जो आरोप आम आदमी पार्टी की ओर से लगाए गए हैं. शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में पार्टी की मेयर पद के प्रत्याशी अंजू भट्ट व प्रदेश प्रवक्ता वैभव महेश्वरी भाजपा पर जमकर हमला बोला.
गौरव माहेश्वरी ने कहा कि हाउस टैक्स में सही या गलत टैक्स बनाकर करोड़ों का खेल किया जाता है. लखनऊ नगर निगम में हाउस टैक्स के नाम पर वसूली का खेल चल रहा है. हाउस टैक्स चाहे सही या गलत बना हो उसे सेटल करने के नाम पर अधिकारी व कर्मचारी मिलकर खेल कर रहे हैं. इसी का एक ताजा उदाहरण शुक्रवार को अखबारों में देखने को मिला जब एक करोड़ का हाउस टैक्स को 10 लाख रुपये में सेटल किया गया. ये तो सिर्फ एक उदाहरण है. हाउस टैक्स के नाम पर लखनऊ नगर निगम में सालों से वसूली का खेल होता आ रहा है. भाजपा की ट्रिपल इंजन की सरकार इस पूरे खेल में शामिल है. नगर निगम में भाजपा ने भ्रष्टाचार का अड्डा बना रखा है. 140 करोड़ का बजट लखनऊ में कूड़ा उठाने के लिए है, पर कमीशन तय न होने के कारण कंपनी काम नहीं कर पा रही है. जिस कारण से लखनऊ के दो लाख घरों से कूड़ा नहीं उठ रहा है. भाजपाई हमें अनुभवहीन और नया होने का आरोप लगा रहे हैं. मैं भाजपा के नेताओं से पूछना चाहूंगा कि क्या हमें भ्रष्टाचार व घोटाला करने का अनुभव चाहिए. हम काम करने के लिए आए हैं और उसी पर जनता से वोट मांग रहे हैं.
घोस्ट कंपनियों के माध्यम से किए जा रहे घोटाले
आप नेता व मेयर प्रत्याशी अंजू भट्ट प्रेस वार्ता में कहा कि अगर उनकी पार्टी चुनाव जीतकर आती है तो पहले ही दिन से लखनऊ नगर निगम में व्याप्त सभी भ्रष्टाचार ओं की जांच कराई जाएगी. उन्होंने मौजूदा मेयर पर आरोप लगाया कि वह सिर्फ रिबन काटने में व्यस्त हैं जब भी अधिकारी व नेता भ्रष्टाचार के नए आयाम गढ़ रहे हैं. लखनऊ नगर निगम आरोप लगाया कि कोरोना से बचाव के लिए सैनिटाइजेशन करने के लिए 200 से अधिक लोगों के नाम पर ₹12 करोड़ का फंड जारी किया गया. यह व्यक्ति कौन हैं, कहां रहते हैं इसके बारे में नगर निगम के पास कोई जानकारी नहीं है. यह केवल घोस्ट कंपनियों के नाम पर घोटाले की बस एक कड़ी है. इस तरह से ना जाने कितनी घोस्ट कंपनियां बनाकर लखनऊ नगर निगम में घोटाले किए जा रहे हैं.