लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती निकाय चुनाव में मिली करारी हार से खिन्न हैं और उन्होंने पार्टी के जिम्मेदारों पर कार्रवाई के संकेत दिए हैं. बसपा सुप्रीमो ने गुरुवार को लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय पर प्रदेशभर के नेताओं की बैठक बुलाई है. इस बैठक में निकाय चुनाव में हार की समीक्षा तो बसपा सुप्रीमो करेंगी ही, लोकसभा चुनाव को लेकर भी अभी से अपनी रणनीति तय करेंगी. बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कल की बैठक के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निकाय चुनाव में सत्ता का भरपूर इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया है.
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1. यूपी में सत्ताधारी पार्टी द्वारा जनविरोधी नीतियों, गलत कार्यकलापों आदि कमियों का चुनाव पर प्रभाव कम करने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग, इनका द्वेषपूर्ण, दमनकारी व्यवहार एवं धर्म का राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल अति-गंभीर व अति-चिन्ताजनक, जो लोकतंत्र के लिए घातक।
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— Mayawati (@Mayawati) May 17, 2023
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने ट्वीट किया कि 'यूपी में सत्ताधारी पार्टी द्वारा जनविरोधी नीतियों, गलत कार्यकलापों आदि कमियों का चुनाव पर प्रभाव कम करने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग, इनका द्वेषपूर्ण, दमनकारी व्यवहार और धर्म का राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल अति-गंभीर व अति-चिन्ताजनक है. लोकतंत्र के लिए घातक है.' इन घोर जनविरोधी चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने के लिए ठोस रणनीति बनाकर उसके हिसाब से आगे खासकर लोकसभा आम चुनाव के लिए अभी से ही तैयारी में जुट जाना होगा. इसके लिए यूपी स्टेट के सभी छोटे-बड़े पदाधिकारियों, मण्डल व ज़िला अध्यक्षों की लखनऊ में कल विशेष बैठक बुलाई गई है. बसपा सुप्रीमो इस विशेष बैठक में जिन पदाधिकारियों को निकाय चुनाव में अहम जिम्मेदारी दी गई थी उनसे हार के कारणों की जानकारी हासिल करेंगी. जिन जनपदों में मंडल कोऑर्डिनेटर और जिलाध्यक्ष मिलकर सभी सीटों पर प्रत्याशी नहीं उतार पाए ऐसे पदाधिकारियों पर कार्रवाई का चाबुक भी मायावती चला सकती हैं. मंडल कोऑर्डिनेटर पर कार्रवाई का दौर भी पार्टी हाईकमान की तरफ से शुरू हो गया है. मेरठ के मंडल कोऑर्डिनेटर प्रशांत गौतम को पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया गया है. उन पर टिकट बंटवारे के दौरान पैसे लेने के आरोप लगे थे. अब कल की बैठक में बसपा सुप्रीमो कई कड़े फैसले ले सकती हैं, जिनमें कई पदाधिकारियों की पार्टी से छुट्टी की जा सकती है तो कई के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया जा सकता है.
बता दें कि बहुजन समाज पार्टी ने नगर निगम की सभी 17 महापौर सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन 15 सीटों पर जमानत जब्त हो गई, वहीं दो सीटों पर पार्टी फाइट करने लायक नहीं रही, जबकि पिछले बार के निकाय चुनाव में पार्टी ने महापौर के दो प्रत्याशी जिताने में कामयाबी पाई थी.
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