ETV Bharat / state

पुराने वादे भूलकर बजट में नए वादों का झांसा: मायावती - making new promises in the budget

केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए आम बजट पर बसपा प्रमुख मायावती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पुराने वादे भूलकर जनता को नए वादों का झांसा दिया है. मायावती ने कहा कि संसद में पेश केंद्रीय बजट नए वादों के साथ जनता को लुभाने के लिए लाया गया है.

Lucknow latest news  etv bharat up news  union budget 2022  बसपा सुप्रीमो मायावती  बजट पर मायावती की प्रतिक्रिया  Mayawati spoke on Union Budget  Union Budget 2022  making new promises in the budget  forgetting old promises
Lucknow latest news etv bharat up news union budget 2022 बसपा सुप्रीमो मायावती बजट पर मायावती की प्रतिक्रिया Mayawati spoke on Union Budget Union Budget 2022 making new promises in the budget forgetting old promises
author img

By

Published : Feb 1, 2022, 2:18 PM IST

लखनऊ: केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए आम बजट पर बसपा प्रमुख मायावती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पुराने वादे भूलकर जनता को नए वादों का झांसा दिया है. मायावती ने कहा कि संसद में पेश केंद्रीय बजट नए वादों के साथ जनता को लुभाने के लिए लाया गया है. सरकार ने गत वर्षों के वादों व पुरानी घोषणाओं आदि के अमल को भूला दिया गया है. यह उचित नहीं है. केंद्र बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व किसानों की आत्महत्या जैसी गंभीर चिंताओं से मुक्त क्यों है?

इसे भी पढ़ें - Budget 2022 : लोक सभा में सीतारमण का एलान- इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं

सरकार सिर्फ अपने आप पीठ थपथपा रही है. लेकिन इससे देश का कल्याण नहीं होने वाला है. करों की मार से लोगों का जीना दुभर हो गया है. इसलिए केंद्र को प्रयास करना चाहिए था खासकर बेरोजगारी, असुरक्षा आदि के कारण लोगों में छाई तंगी, मायूसी व हताशा को कम करने की होता तो बेहतर था.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए आम बजट पर बसपा प्रमुख मायावती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पुराने वादे भूलकर जनता को नए वादों का झांसा दिया है. मायावती ने कहा कि संसद में पेश केंद्रीय बजट नए वादों के साथ जनता को लुभाने के लिए लाया गया है. सरकार ने गत वर्षों के वादों व पुरानी घोषणाओं आदि के अमल को भूला दिया गया है. यह उचित नहीं है. केंद्र बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व किसानों की आत्महत्या जैसी गंभीर चिंताओं से मुक्त क्यों है?

इसे भी पढ़ें - Budget 2022 : लोक सभा में सीतारमण का एलान- इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं

सरकार सिर्फ अपने आप पीठ थपथपा रही है. लेकिन इससे देश का कल्याण नहीं होने वाला है. करों की मार से लोगों का जीना दुभर हो गया है. इसलिए केंद्र को प्रयास करना चाहिए था खासकर बेरोजगारी, असुरक्षा आदि के कारण लोगों में छाई तंगी, मायूसी व हताशा को कम करने की होता तो बेहतर था.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.