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CAA के खिलाफ हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय- बसपा सुप्रीमो मायावती

बसपा सुप्रीमो मायावती ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रही हिंसा पर कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण और अतिनिंदनीय है. बसपा पार्टी पीड़ितों के साथ खड़ी है.

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CAA के खिलाफ हिंसा को मायावती ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण.
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Published : Dec 16, 2019, 3:50 PM IST

लखनऊ: बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि पूरे देशभर में नये नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ लगातार उग्रता बढ़ रही है. उसे दबाने के लिए सरकारी दमन गंभीर चिंता का विषय है. मायावती ने लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है.

CAA के खिलाफ हिंसा को मायावती ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण.

मायावती ने उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की

बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने सोमवार को अपने एक बयान में कहा कि नये नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसा हुई. इसमें अलीगढ़ और दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी और पूरे जामिया इलाके में काफी बेकसूर छात्र और आमलोग शिकार हुए हैं. सरकारी संपत्ति का भी काफी नुकसान हुआ है. यह अतिदुर्भाग्यपूर्ण और अतिनिंदनीय भी है.

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि ऐसे में केंद्र की सरकार को चाहिए कि वह इन वारदातों की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराए और उनके मूलदोषी लोगों को कानून के तहत सजा दिलाए.

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि वरना यह आग पूरे देश में खासकर शिक्षण संस्थानों में भी काफी बुरी तरह से फैल सकती है. जो देश और आम जनहित में नहीं होगा.

ये भी पढ़ें:- मुगलसराय : MLA ने कानून व्यवस्था पर पुलिस की ली क्लास, कहा- महिला सुरक्षा के लिए पुलिस रहे तत्पर

उन्होंने कहा कि असम और बंगाल की तरह ही दिल्ली, अलीगढ़ विश्वविद्यालयों में इस नए कानून के खिलाफ विरोध करने वालों पर पुलिस ने बर्बरता से लाठीचार्ज किया है. इसकी फोटो अखबारों की सुर्खियों में हैं. इन घटनाओं की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.

बसपा सुप्रीमो मायावती दमनकारी कार्रवाई की बात कर रही हैं, लेकिन वे खुद बोल रही हैं. मायावती जब आप बोल सकती हैं तो हर कोई बोल सकता है. कभी भी किसी की आवाज नहीं दबाई जा रही है. बसपा सुप्रीमो मायावती को सोचना चाहिए कि अगर आवाज कभी दबाई गई तो वह इमरजेंसी के दौरान दबाई गई थी और उन्हें इस पर विचार करना चाहिए.
-सिद्धार्थ नाथ सिंह, प्रवक्ता, उप्र सरकार

लखनऊ: बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि पूरे देशभर में नये नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ लगातार उग्रता बढ़ रही है. उसे दबाने के लिए सरकारी दमन गंभीर चिंता का विषय है. मायावती ने लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है.

CAA के खिलाफ हिंसा को मायावती ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण.

मायावती ने उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की

बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने सोमवार को अपने एक बयान में कहा कि नये नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसा हुई. इसमें अलीगढ़ और दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी और पूरे जामिया इलाके में काफी बेकसूर छात्र और आमलोग शिकार हुए हैं. सरकारी संपत्ति का भी काफी नुकसान हुआ है. यह अतिदुर्भाग्यपूर्ण और अतिनिंदनीय भी है.

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि ऐसे में केंद्र की सरकार को चाहिए कि वह इन वारदातों की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराए और उनके मूलदोषी लोगों को कानून के तहत सजा दिलाए.

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि वरना यह आग पूरे देश में खासकर शिक्षण संस्थानों में भी काफी बुरी तरह से फैल सकती है. जो देश और आम जनहित में नहीं होगा.

ये भी पढ़ें:- मुगलसराय : MLA ने कानून व्यवस्था पर पुलिस की ली क्लास, कहा- महिला सुरक्षा के लिए पुलिस रहे तत्पर

उन्होंने कहा कि असम और बंगाल की तरह ही दिल्ली, अलीगढ़ विश्वविद्यालयों में इस नए कानून के खिलाफ विरोध करने वालों पर पुलिस ने बर्बरता से लाठीचार्ज किया है. इसकी फोटो अखबारों की सुर्खियों में हैं. इन घटनाओं की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.

बसपा सुप्रीमो मायावती दमनकारी कार्रवाई की बात कर रही हैं, लेकिन वे खुद बोल रही हैं. मायावती जब आप बोल सकती हैं तो हर कोई बोल सकता है. कभी भी किसी की आवाज नहीं दबाई जा रही है. बसपा सुप्रीमो मायावती को सोचना चाहिए कि अगर आवाज कभी दबाई गई तो वह इमरजेंसी के दौरान दबाई गई थी और उन्हें इस पर विचार करना चाहिए.
-सिद्धार्थ नाथ सिंह, प्रवक्ता, उप्र सरकार

Intro:लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून पर मचे बवाल पर बोलीं मायावती, सरकार दमनकारी

लखनऊ। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने केंद्र की मोदी यूपी की योगी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पूरे देश भर में और खासकर असम व पूर्वोत्तर के राज्यों पश्चिम बंगाल, दिल्ली, बिहार व यूपी समेत अन्य प्रदेशों में भी नये नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लगातार उग्रता बढ़ रहा है। उसे दबाने के लिए जारी सरकारी दमन गंभीर चिंता का विषय है। मायावती ने लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील के साथ ही पुलिस व प्रशासन से भी निष्पक्ष रूप से कार्य करने की मांग की है। बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली के पुलिस व प्रशासन एवं कानून व्यवस्था को भी लेकर अपनी काफी नाराजगी जताई है।


Body:बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने सोमवार को अपने एक बयान में कहा कि नये नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में की गई हिंसा, अलीगढ़ और दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में तथा पूरे जामिया इलाके के क्षेत्र में काफी बेकसूर छात्र व आम लोग शिकार हुए हैं, सरकारी संपत्ति का भी काफी नुकसान हुआ है। यह अति दुर्भाग्यपूर्ण व अति निंदनीय भी है। बसपा पार्टी पीड़ितों के साथ खड़ी है।

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि ऐसे में केंद्र की सरकार को चाहिए कि वह इन वारदातों की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराए और उनके मूल दोषी लोगों को कानून के तहत किसी भी कीमत पर बचने नहीं देना चाहिए। वरना यह आग पूरे देश में, खासकर शिक्षण संस्थानों में भी काफी बुरी तरह से फैल सकती है। जो देश व आम जन हित में कतई नहीं होगा। उन्होंने कहा कि असम और बंगाल की तरह ही दिल्ली अलीगढ़ विश्वविद्यालयों में इस नए कानून के खिलाफ विरोध करने वालों पर पुलिस ने बर्बरता से लाठीचार्ज किया है जिसकी फोटो अखबारों की सुर्खियों में है। इन घटनाओं की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। साथ ही इस नए कानून को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी लगातार जारी है। पूर्व सीएम ने कि आंदोलनकारियों पर एनआईए द्वारा असम के लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने पर सरकारों को पुनर्विचार करना चाहिए। क्योंकि इस प्रकार की अनुचित सरकारी कार्यवाही से लोगों में गुस्सा और भी बढ़ रहा है।

सरकार के प्रवक्ता ने कहा आपातकाल याद करें मायावती

बाईट- योगी सरकार के प्रवक्ता व मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह का कहना है कि मायावती जी दमनकारी कार्यवाही की बात कर रही हैं लेकिन मायावती जी खुद बोल रही हैं। मायावती जी जब आप बोल सकते हैं तो हर कोई बोल सकता है कभी भी किसी की आवाज नहीं दबाई जा रही है। मायावती जी को सोचना चाहिए कि अगर आवाज कभी दबाई गई तो वह इमरजेंसी के दौरान दबाई गई थी और उन्हें इस पर विचार करना चाहिए।

दिलीप शुक्ला, 9450663213


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