ETV Bharat / state

मायावती बोलीं, बुलडोजर से हमेशा गरीबों को ही क्यों उजाड़ती रहती हैं सरकारें?

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कहा कि हमेशा सरकारों के निशाने पर गरीब ही रहते हैं. बुलडोजर से हमेशा ही गरीबों को ही सरकारें हर जगह उजाड़ती रहती हैं.

etv bharat
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती
author img

By

Published : Aug 7, 2022, 2:53 PM IST

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को देश की राजधानी दिल्ली में दिल्ली यूनिट के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली के साथ ही अन्य राज्यों के कार्यकर्ताओं के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए. साथ ही विपक्षियों पर निशाना साधते हुए कहा कि हमेशा सरकारों के निशाने पर गरीब ही रहते हैं. बुलडोजर से हमेशा ही गरीबों को ही सरकारें हर जगह उजाड़ती रहती हैं. फिर चाहे उत्तर प्रदेश हो या मध्य प्रदेश, गुजरात हो या फिर असम. यही कल्चर अब राजधानी दिल्ली में भी शुरू कर दिया गया है. बुलडोजर की विध्वसंक और विभाजक राजनीतिक खेल से मुक्ति जरूरी है. ऐसी सरकारों को उखाड़ फेंकने की जरूरत है. बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता पूरी ताकत से जुटे रहें. गरीबों के बीच जाएं और पार्टी को मजबूत कर उन्हें न्याय दिलाएं.

बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि बुलडोजर कल्चर से न्यायालय जरूर राहत दिला रहा है, जिससे लोगों को सहूलियत मिलती है, नहीं तो देश की राजधानी दिल्ली के लोग भी बुलडोजर का विध्वंस और इसका आतंक झेलते. उन्होंने कहा कि पूरा देश जबरदस्त महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी के कठिन हालात से गुजर रहा है लेकिन सरकार इन मामलों में घोर अनदेखी और उदासीन है.

यह भी पढ़ें- शिया पीजी कॉलेज में शिक्षक के साथ मारपीट, ये अल्टीमेटम जारी

मायावती ने कहा कि दिल्ली की तरक्की और शान के लिए सारा जीवन अपना खून पसीना बहाकर दो वक्त की रोटी कमाने और परिवार का पेट पालने वाले लाखों प्रवासी मेहनतकश समाज के लोगों का कोरोना, लॉकडाउन के समय में सरकारों ने कोई मदद नहीं की. उन्हें बेसहारा, बेआसरा और तंगी से बेहाल छोड़ दिया था, जिससे उन्हें घर वापसी का सैकड़ों किलोमीटर का लंबा सफर पैदल ही तय करना पड़ा था, जो कि कभी नहीं भुलाया जा सकता.

मायावती ने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार का विकास का ढिंढोरा इनके लिए रेगिस्तान में पानी की तलाश जैसा ही है. दोनों सरकारों के आपसी अहंकार और टकराव के कारण जनता पिसती है. दिल्ली ज्यादातर गलत और नकारात्मकता के मामले में चर्चा में रहती है. साथ ही मायावती ने सवाल किया कि क्या यही देश हित है? बता दें कि बैठक के दौरान मायावती ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि पार्टी संगठन को चुस्त-दुरुस्त और मजबूत जनाधार को अपेक्षा के अनुरूप बढ़ाकर सत्ता में दलित और अन्य उपेक्षित वर्गों की प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी. इसके लिए कार्यकर्ता पूरी मेहनत और लगन से जनता की सहायता करें.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को देश की राजधानी दिल्ली में दिल्ली यूनिट के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली के साथ ही अन्य राज्यों के कार्यकर्ताओं के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए. साथ ही विपक्षियों पर निशाना साधते हुए कहा कि हमेशा सरकारों के निशाने पर गरीब ही रहते हैं. बुलडोजर से हमेशा ही गरीबों को ही सरकारें हर जगह उजाड़ती रहती हैं. फिर चाहे उत्तर प्रदेश हो या मध्य प्रदेश, गुजरात हो या फिर असम. यही कल्चर अब राजधानी दिल्ली में भी शुरू कर दिया गया है. बुलडोजर की विध्वसंक और विभाजक राजनीतिक खेल से मुक्ति जरूरी है. ऐसी सरकारों को उखाड़ फेंकने की जरूरत है. बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता पूरी ताकत से जुटे रहें. गरीबों के बीच जाएं और पार्टी को मजबूत कर उन्हें न्याय दिलाएं.

बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि बुलडोजर कल्चर से न्यायालय जरूर राहत दिला रहा है, जिससे लोगों को सहूलियत मिलती है, नहीं तो देश की राजधानी दिल्ली के लोग भी बुलडोजर का विध्वंस और इसका आतंक झेलते. उन्होंने कहा कि पूरा देश जबरदस्त महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी के कठिन हालात से गुजर रहा है लेकिन सरकार इन मामलों में घोर अनदेखी और उदासीन है.

यह भी पढ़ें- शिया पीजी कॉलेज में शिक्षक के साथ मारपीट, ये अल्टीमेटम जारी

मायावती ने कहा कि दिल्ली की तरक्की और शान के लिए सारा जीवन अपना खून पसीना बहाकर दो वक्त की रोटी कमाने और परिवार का पेट पालने वाले लाखों प्रवासी मेहनतकश समाज के लोगों का कोरोना, लॉकडाउन के समय में सरकारों ने कोई मदद नहीं की. उन्हें बेसहारा, बेआसरा और तंगी से बेहाल छोड़ दिया था, जिससे उन्हें घर वापसी का सैकड़ों किलोमीटर का लंबा सफर पैदल ही तय करना पड़ा था, जो कि कभी नहीं भुलाया जा सकता.

मायावती ने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार का विकास का ढिंढोरा इनके लिए रेगिस्तान में पानी की तलाश जैसा ही है. दोनों सरकारों के आपसी अहंकार और टकराव के कारण जनता पिसती है. दिल्ली ज्यादातर गलत और नकारात्मकता के मामले में चर्चा में रहती है. साथ ही मायावती ने सवाल किया कि क्या यही देश हित है? बता दें कि बैठक के दौरान मायावती ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि पार्टी संगठन को चुस्त-दुरुस्त और मजबूत जनाधार को अपेक्षा के अनुरूप बढ़ाकर सत्ता में दलित और अन्य उपेक्षित वर्गों की प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी. इसके लिए कार्यकर्ता पूरी मेहनत और लगन से जनता की सहायता करें.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.