लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की गुरुवार को दूसरे दिन की बैठक में दक्षिण के पांच राज्यों तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के पदाधिकारियों के साथ संगठन के कार्यकलापों को लेकर समीक्षा की गई. बसपा अध्यक्ष मायावती ने दक्षिण में भी पार्टी को मजबूती प्रदान करने के लिए निर्देश दिए और वहीं संगठन में भी कुछ फेरबदल किए हैं.
संगठन को बढ़ाने पर मायावती का रहा जोर
बसपा की इस बैठक में पार्टी संगठन की तैयारियों और कैडर कार्यक्रमों की प्रगति रिपोर्ट लेने के बाद मायावती ने कहा कि बीएसपी एक राजनीतिक पार्टी के साथ-साथ आत्मसम्मान और स्वाभिमान का एक अंबेडकरवादी मूवमेंट भी है. इसके लिए पूरे जी-जान से लगातार काम करते रहने की जरूरत है ताकि डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के मिशनरी लक्ष्यों को इस देश की उपेक्षित व तिरस्कृत बहुजनों के हित में प्राप्त किया जा सके. इसके लिए सर्व समाज का सहयोग व उनकी भागीदारी जरूरी है. इसके तहत ही बीएसपी हर स्तर पर सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की नीति व सिद्धांत पर कार्यरत है.
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देश के लोगों की उम्मीद की किरण है बीएसपी
मायावती ने आह्वान किया कि दक्षिण भारत के राज्यों को भी यूपी के पैटर्न पर ही कैडर के आधार पर चलकर अपनी शक्ति बढ़ाकर पहले बैलेंस ऑफ पावर बनने की कोशिश करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बीएसपी ही एकमात्र पार्टी है जो देश के सर्व समाज के करोड़ों गरीबों, मजदूरों और अन्य मेहनतकश लोगों के साथ-साथ दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की उम्मीद की किरण है.
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मायावती ने दक्षिण भारत के राज्यों में बाढ़ के कारण मची तबाही का उल्लेख करते हुए पार्टी के लोगों से गरीबों और जरूरतमंदों की हर प्रकार से मदद करने की अपील की है.