लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने चंद्रयान- 2 को लेकर भारतीय वैज्ञानिकों की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है और इसकी सराहना की जानी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को देशहित में काम करते रहने के लिए प्रोत्साहित भी किया.
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2. साथ ही, आगे बढ़ते रहने के लिए यह जरूरी है कि निराशा, हताशा व दुःखी कतई न हों और यह भी याद रहे कि ’गिरते हैं शहसवार मैदान-ए-जंग में, वह तिफ्ल (बच्चा) क्या गिरे जो घुटनों के बल चले’। वैज्ञनिकों को देशहित में काम करते रहने के लिए उनके हौंसले बढ़ाते रहने की जरूरत है।
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— Mayawati (@Mayawati) September 7, 20192. साथ ही, आगे बढ़ते रहने के लिए यह जरूरी है कि निराशा, हताशा व दुःखी कतई न हों और यह भी याद रहे कि ’गिरते हैं शहसवार मैदान-ए-जंग में, वह तिफ्ल (बच्चा) क्या गिरे जो घुटनों के बल चले’। वैज्ञनिकों को देशहित में काम करते रहने के लिए उनके हौंसले बढ़ाते रहने की जरूरत है।
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बता दें कि चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया. सपंर्क तब टूटा जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था. मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा कि 'चांद पर कदम रखने के लिए चन्द्रयान-2 मिशन ने समस्त भारतीय जनमानस को रोमांचित किया है. इस सम्बंध में भारतीय वैज्ञानिकों खासकर ’इसरो’ के वैज्ञानिकों ने अबतक जो भी सफलता प्राप्त की है, वह गर्व करने लायक है व उसकी सराहना की जानी चाहिए.'
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आगे उन्होंने कहा है कि 'आगे बढ़ते रहने के लिए यह जरूरी है कि निराशा, हताशा व दुखी कतई न हों और यह भी याद रहे कि ’गिरते हैं शहसवार मैदान-ए-जंग में, वह तिफ्ल (बच्चा) क्या गिरे जो घुटनों के बल चले’. वैज्ञनिकों को देशहित में काम करते रहने के लिए उनके हौंसले बढ़ाते रहने की जरूरत है.