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मायावती ने BJP-SP पर बोला हमला, उमा शंकर सिंह को बनाया विधानमंडल का नेता - samajwadi party

संविधान दिवस पर मायावती ने भाजपा-सपा पर सीधा हमला बोला है. बसपा प्रमुख मायावती ने एससी-एसटी के लोगों को सपा के प्रति आगाह किया. उन्होंने कहा कि एससी-एसटी के हित संबंधी बिल को सपा ने संसद में फाड़ दिया था और उसका विरोध जताया था. इस दौरान भाजपा सरकार पर भी सीधा हमला बोला. उन्होंने कहा कि ये सरकारें विभागों में एससी-एसटी, ओबीसी का कोटा नहीं भर रही हैं.

मायावती, बसपा प्रमुख
मायावती, बसपा प्रमुख
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Published : Nov 26, 2021, 12:20 PM IST

Updated : Nov 26, 2021, 12:52 PM IST

लखनऊ: संविधान दिवस पर मायावती ने केंद्र व अन्य राज्य सरकारों को आईना दिखाया. उन्होंने कहा कि ये सरकारें विभागों में एससी-एसटी, ओबीसी का कोटा नहीं भर रही हैं. वहीं निजी सेक्टर में आरक्षण लागू नहीं किया. इस दौरान भाजपा-सपा पर सीधा हमला बोला. वहीं पार्टी के विधायक उमा शंकर सिंह को विधानमंडल दल का नेता घोषित किया.

बसपा विधानमंडल दल के नेता रहे शाह आलम उर्फ गुड्डू ने गुरुवार को सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. ऐसे में बसपा प्रमुख मायावती ने अगले ही दिन पार्टी के बलिया-रसड़ा सीट से विधायक उमा शंकर सिंह को विधान मंडल दल का नेता घोषित कर दिया. वहीं संविधान दिवस पर केंद्र सरकार द्वारा आयोजित संसद भवन में कार्यक्रम का बहिष्कार किया. साथ ही एससी, एसटी और ओबीसी के विभागों में रिक्त पड़े पदों को आरक्षण के नियमों के आधार पर भरने की मांग की. वहीं सभी धर्मों के लिए समानता के लिये भी आवाज उठाई. साथ ही किसानों की सभी मांगे जल्द पूरा करने को भी कहा.

मायावती, बसपा प्रमुख



सपा से सावधान रहें एससी-एसटी के लोग
बसपा प्रमुख मायावती ने एससी-एसटी के लोगों को सपा के प्रति आगाह किया. उन्होंने कहा कि एससी-एसटी के हित संबंधी बिल को सपा ने संसद में फाड़ दिया था और उसका विरोध जताया था. ऐसे में यह पार्टी एससी-एसटी वर्ग की हितैषी नहीं हो सकती है. इसको लेकर सतर्क रहें.


यह भी पढ़ें- उप्र में कानून-व्यवस्था ही सामूहिक दुष्कर्म का शिकार: अखिलेश यादव



सुरक्षित सीटों पर खास फोकस

बसपा प्रमुख आगामी विधानसभा सभा चुनाव को लेकर सक्रिय हो गयी हैं. वह लगातार समीक्षा कर तैयारियों का जायजा ले रही हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला था. इस दौरान 403 में से 324 सीटें भाजपा और उसके गठबंधन दलों ने हासिल की थी. इसमें बीजेपी ने अकेले दम पर 311 सीटें जीतीं थी. अपना दल (सोनेलाल) ने 9 सीटें और कभी उसकी सहयोगी दल रहे भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी ने 4 सीटें हासिल कीं थी. यूपी में बीजेपी का यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है. इस दौरान 54 सीटों पर सपा और कांग्रेस गठबंधन ने जीत हासिल की. इसमें सपा के खाते में 47 व कांग्रेस के खाते में 7 सीटें गईं थीं. वहीं बसपा चुनाव में तीसरे नंबर पर रहीं. हाथी पर सवार होकर 19 प्रत्याशी विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे थे. अबकी बार BSP अधिक से अधिक सीट जीतने पर पार्टी फोकस कर रही है. खासकर सुरक्षित सीटों को लेकर विशेष रणनीति बनाई जा रही है.


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लखनऊ: संविधान दिवस पर मायावती ने केंद्र व अन्य राज्य सरकारों को आईना दिखाया. उन्होंने कहा कि ये सरकारें विभागों में एससी-एसटी, ओबीसी का कोटा नहीं भर रही हैं. वहीं निजी सेक्टर में आरक्षण लागू नहीं किया. इस दौरान भाजपा-सपा पर सीधा हमला बोला. वहीं पार्टी के विधायक उमा शंकर सिंह को विधानमंडल दल का नेता घोषित किया.

बसपा विधानमंडल दल के नेता रहे शाह आलम उर्फ गुड्डू ने गुरुवार को सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. ऐसे में बसपा प्रमुख मायावती ने अगले ही दिन पार्टी के बलिया-रसड़ा सीट से विधायक उमा शंकर सिंह को विधान मंडल दल का नेता घोषित कर दिया. वहीं संविधान दिवस पर केंद्र सरकार द्वारा आयोजित संसद भवन में कार्यक्रम का बहिष्कार किया. साथ ही एससी, एसटी और ओबीसी के विभागों में रिक्त पड़े पदों को आरक्षण के नियमों के आधार पर भरने की मांग की. वहीं सभी धर्मों के लिए समानता के लिये भी आवाज उठाई. साथ ही किसानों की सभी मांगे जल्द पूरा करने को भी कहा.

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सपा से सावधान रहें एससी-एसटी के लोग
बसपा प्रमुख मायावती ने एससी-एसटी के लोगों को सपा के प्रति आगाह किया. उन्होंने कहा कि एससी-एसटी के हित संबंधी बिल को सपा ने संसद में फाड़ दिया था और उसका विरोध जताया था. ऐसे में यह पार्टी एससी-एसटी वर्ग की हितैषी नहीं हो सकती है. इसको लेकर सतर्क रहें.


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सुरक्षित सीटों पर खास फोकस

बसपा प्रमुख आगामी विधानसभा सभा चुनाव को लेकर सक्रिय हो गयी हैं. वह लगातार समीक्षा कर तैयारियों का जायजा ले रही हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला था. इस दौरान 403 में से 324 सीटें भाजपा और उसके गठबंधन दलों ने हासिल की थी. इसमें बीजेपी ने अकेले दम पर 311 सीटें जीतीं थी. अपना दल (सोनेलाल) ने 9 सीटें और कभी उसकी सहयोगी दल रहे भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी ने 4 सीटें हासिल कीं थी. यूपी में बीजेपी का यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है. इस दौरान 54 सीटों पर सपा और कांग्रेस गठबंधन ने जीत हासिल की. इसमें सपा के खाते में 47 व कांग्रेस के खाते में 7 सीटें गईं थीं. वहीं बसपा चुनाव में तीसरे नंबर पर रहीं. हाथी पर सवार होकर 19 प्रत्याशी विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे थे. अबकी बार BSP अधिक से अधिक सीट जीतने पर पार्टी फोकस कर रही है. खासकर सुरक्षित सीटों को लेकर विशेष रणनीति बनाई जा रही है.


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Last Updated : Nov 26, 2021, 12:52 PM IST
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