लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा के चुनाव होने हैं, जिसको लेकर अभी से राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी तेज हो गई है. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, सभी पार्टियां अपने जातिगत समीकरण को संतुलित करने में लग गई हैं. इसी के तहत बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ब्राह्मण कार्ड खेला है. इस समय ब्राह्मण जाति के लोगों की योगी सरकार के प्रति आक्रोश को देखते हुए मायावती ने अपने सरकार में मंत्री रहे रंगनाथ मिश्रा को बड़ी जिम्मेदारी दी है.
मायावती ने रंगनाथ मिश्रा को पूर्वी उत्तर प्रदेश का मुख्य जोनल कोऑर्डिनेटर बनाया है. रंगनाथ मिश्रा बहुजन समाजवादी पार्टी के काफी पुराने नेता हैं और मायावती की सरकार में कई मंत्रालय संभाल चुके हैं. पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्रा भदोही जिले के औराई विधानसभा के निवासी हैं. इतना ही नहीं वह औराई से विधायक भी रह चुके हैं. ऐसे में उनके जरिए बसपा ब्राह्मण जाति के वोटों को साधने की कोशिश में है. पिछले लोकसभा चुनाव में उन्हें सपा बसपा का संयुक्त प्रत्याशी भी बनाया गया था. यह सूचना जैसे ही, उनको मिली कि वह पूर्वी उत्तर प्रदेश के मुख्य जोनल कोऑर्डिनेटर बनाए गए हैं उन्होंने ट्विटर पर बसपा सुप्रीमो मायावती का आभार व्यक्त किया.
रंगनाथ मिश्रा को यह बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद माना जा रहा है कि एक बार फिर से ब्राह्मण गठजोड़ को मजबूती मिलेगी. जिस तरीके से पहले बहुजन समाज पार्टी में ब्राह्मण प्रत्याशी और नेताओं की बाहुलता थी वह फिर से बन सकती है. ऐसे में इस बार के चुनावों में ब्राह्मण प्रत्याशी और नेताओं को ज्यादा संख्या में बसपा से टिकट मिलने की संभावना भी है. मायावती का यह फैसला आने वाले पंचायत चुनाव और विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
इस फैसले का क्या असर होता है यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन जिस तरीके से सोशल मीडिया पर बीजेपी का ब्राह्मणों द्वारा विरोध किया जा रहा है, ऐसे समय में बहुजन समाजवादी पार्टी का यह फैसला उनके लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है.