लखनऊः राजधानी के गोसाईगंज थाना क्षेत्र स्थित मदरसे में दो मासूम बच्चों को जंजीर से बांधने का मामला सामने आया है. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों बच्चों की जंजीर को खुलवाया है. हालांकि बच्चों के पिता ने कहा कि मदरसे में पढ़ने के बजाय बच्चे भाग जाते थे. इसलिए मौलाना से शक्ति करने के लिए कहा गया था.
राजधानी के गोसाईगंज थाना क्षेत्र का ये मामला है. जहां एक मदरसे में दो बच्चों के पैरों को जंजीर से बांधा गया था. ग्रामीणों की नजर पड़ी तो उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी. पुलिस ने दोनों बच्चों को बंधन से मुक्त करवाया और मौलाना को साथ लेकर थाने चली गई.
पुलिस के मुताबिक शुक्रवार दोपहर जानकारी मिली कि गोसाईगंज के शिवलर स्थित मदरसे में बच्चों को जंजीर से बांधकर रखा गया है. इसपर मौके पर पहुंची पुलिस की टीम को मदरसे के स्टाफ ने रोकने की कोशिश की. लेकिन पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए अंदर प्रवेश कर लिया. इस दौरान उन्होंने देखा कि बच्चों को जंजीर में बांधकर रखा गया था. जिसके बाद उन्हें जंजीर से मुक्त कराकर बाहर लाया गया. साथ ही मदरसे के मौलाना मोहम्मद रियाज को भी पकड़कर थाने ले जाया गया.
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गोसाईगंज इंस्पेक्टर शैलेन्द्र गिरी ने बताया कि एक बच्चा गोसाईगंज निवासी शेरा का है. दूसरा बाराबंकी निवासी असलम का बेटा है. शेरा ने थाने पहुंचकर बताया कि बेटा पढ़ने नहीं जाता था. इसलिए मदरसे में रखा था. वहां से बार-बार वो भाग रहा था, जिसकी वजह से सख्ती करने के लिए बोला था. उन्होंने बताया कि असलम को भी बाराबंकी से बुलाया गया है. मौलाना को थाने पर बैठाया गया है. परिजनों ने मौलाना के खिलाफ कोई तहरीर नहीं दी है, बल्कि थाने पर मौलाना के बचाव में प्रार्थना पत्र दिया है कि मौलाना की कोई गलती नहीं है. उन्हें ऐसा करने के लिए हमने ही कहा था.