लखनऊ : मास्टर प्लान में सैटेलाइट के जारी किए जा रहे बड़े बदलावों के तहत अब लखनऊ में अवैध कब्जों की निगरानी सैटेलाइट के माध्यम से हो जाएगी जो कि ऑनलाइन नक्शा पास करते समय साफ देखा जा सकेगा. ऐसे में अवैध कब्जे के आधार पर फर्जी कागज बनाकर मानचित्र पास करना असंभव हो जाएगा. अगर कोई किसी अवैध कब्जे का फर्जी कागज बनाकर ऑनलाइन मानचित्र आवेदन करेगा तो इसको पास करते समय सॉफ्टवेयर गड़बड़ी को पकड़ लेगा. जिससे मानचित्र कभी स्वीकृत नहीं हो पाएगा. इसके अलावा मैन्युअल भी इस सॉफ्टवेयर के अधिकारी शहर के विभिन्न स्थलों को साफ देख सकेंगे. जहां जो भू उपयोग राजस्व अभिलेखों में दर्ज है उसे पर कोई अवैध कब्जा या अन्य तरह का निर्माण तो नहीं है. जिससे एक्शन लेना काफी आसान हो जाएगा.
लखनऊ विकास प्राधिकरण की पिछली बोर्ड मीटिंग में इस संबंध में बड़ा फैसला किया गया था. इसके तहत सिटी डेवलपमेंट प्लान को भी मास्टर प्लान के लिए आउट में शामिल किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त सब मास्टर प्लान में सभी लैंड उसे राजस्व अभिलेखों में जैसे दर्ज हैं वैसे ही अपलोड किए गए हैं. उदाहरण के तौर पर कहीं अगर वन भूमि पर कब्जा किया गया है उसे पर रिहायशी निर्माण हो चुका है. इसके बावजूद मास्टर प्लान पर वन क्षेत्र साफ दिखाई देगा. जिससे यह स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि इस जगह पर जमीन पर कब्जा किया जा चुका है. इसके बाद में मास्टर प्लान को लैंड उसे के हिसाब से पुनः व्यवस्थित किया जा सकता है.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि निश्चित तौर पर हम रिवाइज मास्टर प्लान में सभी लैंडयूज को उसी हिसाब से दर्ज कर रहे हैं जैसे कि वे राजस्व अभिलेखों में दर्ज किया जा चुके हैं. वन, तालाब, हरित क्षेत्र, चारागाह और ऐसे ही अन्य प्राकृतिक संसाधनों का विशेष तौर पर उल्लेख किया जाएगा. इसको सुपर इंपोज करके देखा जा सकेगा. जिससे अवैध कब्जे और अवैध निर्माण के नक्शे पास करना लगभग असंभव हो जाएगा. भले ही कितने ही फर्जी कागज बनवा लिए जाएं. इस व्यवस्था को अब हम तेजी से लागू करने जा रहे हैं.
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