लखनऊः राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (11 मई) के उपलक्ष्य में राजधानी लखनऊ के सीएसआईआर (वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद) की शाखा एनबीआरआई (राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान) और आईआईटीआर (इंडियन इंस्टिट्यूट आफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च) की ओर से मंगलवार को वेबीनार का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गनाइजेशन) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनंत नारायण भट्ट रहे. इनके अलावा देश के और भी तमाम वैज्ञानिक इस वेबीनार में शामिल रहे. इस दौरान 'स्वदेशी कोविड रोधी औषधि के विकास' विषय पर चर्चा की गई.
मुख्य अतिथि ने बताई महत्वपूर्ण बातें
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डीआरडीओ के इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंस विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनंत नारायण भट्ट भी वर्चुअल माध्यम से जुड़े. उन्होंने कोरोना के संबंध में महत्वपूर्ण बातें बताईं. बताते चलें कि डॉ. अनंत नारायण भट्ट, डीआरडीओ द्वारा बनाई गई कोरोना की स्वदेशी दवा 2 DG की खोज करने वाली टीम के मुख्य सदस्यों में से एक हैं.
इसे भी पढ़ेंः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एचएएल कोविड-19 अस्पताल का किया निरीक्षण
संक्रमण बढ़ने से रोकती है 2डीजी
डॉक्टर भट्ट ने डीआरडीओ द्वारा तैयार की गई कोरोना संक्रमण की स्वदेशी दवा 2dg के बारे में बताते हुए कहा कि इस दवा में वायरल संक्रमण के गुणन को कम करने की क्षमता है. वहीं, इस औषधि से वायरस आसपास की अन्य कोशिकाओं को फिर से संक्रमित करने की क्षमता भी खो देता है. इसके फलस्वरूप शरीर में मौजूद वायरस अन्य कोशिकाओं को संक्रमित नहीं कर पाता. डॉक्टर भट्ट ने बताया कि यह दवा वायरस के गुणन को रोकने के साथ-साथ उसकी बाहरी प्रोटीन आवरण की संरचना को भी प्रभावित करती है, जिसकी वजह से नए उत्पन्न हुए वायरस आसपास की कोशिकाओं को संक्रमित करने में असमर्थ हो जाते हैं. डॉक्टर ने बताया कि इस दवा को मनुष्यों पर आगे परीक्षण के लिए ड्रग जनरल कंट्रोल ऑफ इंडिया से क्लीनिकल परीक्षण की मंजूरी मिल चुकी है. वहीं इस औषधि में कैंसर जैसी घातक बीमारियों को भी रोकने के गुण होने के कारण भविष्य में कैंसर के उपचार के लिए किया जा सकता है.