ETV Bharat / state

UP Assembly Election 2022: राजनीति के ये राज परिवार ...फल-फूल रही नई पीढ़ी

परिवारवाद की राजनीति यूपी में खूब फल-फूल रही है. अब तो इसकी वंश बेल भी काफी बढ़ गई है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

UP Assembly Election 2022, Uttar Pradesh Assembly Election 2022, UP Election 2022 Prediction, UP Election Results 2022, UP Election 2022 Opinion Poll, UP 2022 Election Campaign highlights, UP Election 2022 live, Akhilesh Yadav vs Yogi Adityanath, up chunav 2022, UP Election 2022, up election news in hindi, up election 2022 district wise, UP Election 2022 Public Opinion, यूपी चुनाव न्यूज, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव, यूपी विधानसभा चुनाव 2022
राजनीति के ये राज परिवार ...फल-फूल रही नई पीढ़ी
author img

By

Published : Jan 28, 2022, 7:08 PM IST

Updated : Jan 28, 2022, 9:50 PM IST

हैदराबादः राजनीति में परिवारवाद को लेकर दलों में आपसी खींचतान हमेशा से होती रही है. खासकर सपा और कांग्रेस पर तो परिवारवाद के आरोप लगते रहे हैं. अगर आप राजनीति की गहराइयों में जाएंगे तो पाएंगे कि परिवारवाद तो हर दल में किसी न किसी रूप में है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

कांग्रेस ने शुरू की परंपरा

माना जाता है कि राजनीति में परिवारवाद की परंपरा नेहरू-गांधी परिवार ने शुरू की. इस परिवार से जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के रूप में तीन प्रधानमंत्री देश को मिले. इस वंश को आगे बढ़ाया सोनिया गांधी ने. अब इस परिवार में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी नई पीढ़ी के रूप में कांग्रेस को संभाल रहे हैं. इसी परिवार से मेनका गांधी और वरुण गांधी भी आते हैं. ये बात अलग हैं कि ये दोनों भाजपा से जुड़े हैं. शाहजहांपुर के दिग्गज कांग्रेसी नेता रहे स्वर्गीय कुंवर जितेंद्र प्रसाद उर्फ बड़े बाबा साहब और स्वर्गीय कुंवर जयेंद्र प्रसाद उर्फ छोटे बाबा साहब के नाम से थी. पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद रहे जितिन प्रसाद इसी परिवार से आते हैं. हालांकि जितिन प्रसाद अब हाथ का साथ छोड़कर कमल थाम चुके हैं.

मुलायम परिवार

परिवाद की राजनीति में दूसरे नंबर पर आता है मुलायम सिंह का परिवार. इस परिवार के कई सदस्य राजनीति में किसी न किसी रूप से जुड़े हुए हैं. मौजूदा समय में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सपा की कमान खुद संभाले हुए हैं. इस परिवार में उनकी बहू डिंपल यादव, प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव, प्रो. रामगोपाल यादव समेत कई ऐसे नाम हैं जिन्होंने राजनीति में अच्छी-खासी पहचान बनाई है. इसी परिवार से मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव भी आती हैं. मौजूदा समय में वह भाजपा में शामिल हो चुकीं हैं. अगर बात सपा की कि जाए तो इस दल के सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान भी राजनीति में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इस बार उन्होंने रामपुर की सीट से अपनी मां के साथ परचा भी भरा है.
ये भी पढ़ेंः UP Election 2022: भाजपा ने जारी की 91 प्रत्याशियों की सूची, देखें लिस्ट

भाजपा में भी कई परिवार

कल्याण सिंह ने अपने राजनीति में सक्रिय रहते हुए ही अपने पुत्र राजवीर सिंह उर्फ राजू भईया को राजनीति में उतार दिया था। राजवीर सिंह कल्याण सिंह के सामने ही उत्तर प्रदेश में विधायक और मंत्री बने.अब वह एटा से सांसद हैं. उनके पुत्र संदीप सिंह योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री हैं. कल्याण सिंह की बहू यानी राजवीर सिंह की पत्नी भी विधायक रही हैं. इसी तरह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह भी उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य हैं.
इसी तरह हरदोई के दिग्गज नेता नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल भी इस बार भाजपा के टिकट पर ताल ठोक रहे हैं. इसी तरह भाजपा छोड़कर जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य बदायूं से भाजपा की लोकसभा सदस्य हैं. उनके पुत्र उत्कृष्ट मौर्या रायबरेली जिले में ऊंचाहार विधानसभा क्षेत्र से विधायक उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़कर चुनाव हार चुके हैं. उत्कृष्ट की पत्नी इसी जिले के गौरा ब्लॉक की प्रमुख हैं.
इसी तरह भाजपा के विधान परिषद सदस्य दिनेश प्रताप सिंह के भाई राकेश सिंह रायबरेली जिले की हरचंदपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक हैं. उन्हीं का एक भाई अवधेश सिंह रायबरेली जिला पंचायत अध्यक्ष हैं. दिनेश सिंह के पुत्र हरचंदपुर के ब्लॉक प्रमुख हैं.
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं अदिति सिंह रायबरेली के पूर्व विधायक अखिलेश सिंह की बेटी हैं. वह इस बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी. योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री स्वाति सिंह हैं और इनके पति दयाशंकर सिंह के बारे में तो आप जानते ही होंगे.
योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री आशुतोष टण्डन भाजपा के दिग्गज नेता लालजी टंडन के बेटे हैं. नागरिक उड्डयन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नदी की पत्नी अभिलाषा नंदी प्रयागराज की मेयर हैं.गोंडा के भाजपा के लोकसभा सदस्य कीर्तिवर्धन सिंह हैं। इनके पिता आनन्द सिंह गोंडा से कई बार सांसद रहे हैं.
यूपी सरकार में मंत्री रहीं स्व. प्रेमलता कटियार की पुत्री नीलिमा कटियार योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री हैं.
कैराना के भाजपा के पूर्व सांसद स्व. हुकुम सिंह की पुत्री मृगांका सिंह भी भाजपा में सक्रिय है. हाथरस की पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय और उनके पति एवं पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय भाजपा में शामिल हैं.
चौधरी परिवार को तो जानते ही होंगे आप
यूपी की राजनीति में भूतपूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की तीसरी पीढ़ी सक्रिय है. उनके बेटे ने राष्ट्रीय लोकदल का गठन किया था. अब इस दल को उनके सुपुत्र जंयत चौधरी आगे बढ़ा रहे हैं. उनकी पत्नी चारू चौधरी के भी सक्रिय राजनीति में उतरने की चर्चा रही है लेकिन वह अभी तक राजनीति में उतरीं नहीं हैं.
बसपा भी शामिल
परिवारवाद की राजनीति के मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी कभी अपने भतीजे आकाश आनंद को आगे बढ़ाया था. वह कई बार मायावती के साथ मंचों पर भी नजर आए थे. मायावती ने उन्हें नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया था. बसपा सुप्रीमो मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं आकाश आनंद. कभी युवाओं को लुभाने के उद्देश्य से मायावती ने उन्हें बसपा का उपाध्यक्ष बनाया था लेकिन बाद में उन्होंने यह पद ले लिया था.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

हैदराबादः राजनीति में परिवारवाद को लेकर दलों में आपसी खींचतान हमेशा से होती रही है. खासकर सपा और कांग्रेस पर तो परिवारवाद के आरोप लगते रहे हैं. अगर आप राजनीति की गहराइयों में जाएंगे तो पाएंगे कि परिवारवाद तो हर दल में किसी न किसी रूप में है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

कांग्रेस ने शुरू की परंपरा

माना जाता है कि राजनीति में परिवारवाद की परंपरा नेहरू-गांधी परिवार ने शुरू की. इस परिवार से जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के रूप में तीन प्रधानमंत्री देश को मिले. इस वंश को आगे बढ़ाया सोनिया गांधी ने. अब इस परिवार में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी नई पीढ़ी के रूप में कांग्रेस को संभाल रहे हैं. इसी परिवार से मेनका गांधी और वरुण गांधी भी आते हैं. ये बात अलग हैं कि ये दोनों भाजपा से जुड़े हैं. शाहजहांपुर के दिग्गज कांग्रेसी नेता रहे स्वर्गीय कुंवर जितेंद्र प्रसाद उर्फ बड़े बाबा साहब और स्वर्गीय कुंवर जयेंद्र प्रसाद उर्फ छोटे बाबा साहब के नाम से थी. पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद रहे जितिन प्रसाद इसी परिवार से आते हैं. हालांकि जितिन प्रसाद अब हाथ का साथ छोड़कर कमल थाम चुके हैं.

मुलायम परिवार

परिवाद की राजनीति में दूसरे नंबर पर आता है मुलायम सिंह का परिवार. इस परिवार के कई सदस्य राजनीति में किसी न किसी रूप से जुड़े हुए हैं. मौजूदा समय में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सपा की कमान खुद संभाले हुए हैं. इस परिवार में उनकी बहू डिंपल यादव, प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव, प्रो. रामगोपाल यादव समेत कई ऐसे नाम हैं जिन्होंने राजनीति में अच्छी-खासी पहचान बनाई है. इसी परिवार से मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव भी आती हैं. मौजूदा समय में वह भाजपा में शामिल हो चुकीं हैं. अगर बात सपा की कि जाए तो इस दल के सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान भी राजनीति में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इस बार उन्होंने रामपुर की सीट से अपनी मां के साथ परचा भी भरा है.
ये भी पढ़ेंः UP Election 2022: भाजपा ने जारी की 91 प्रत्याशियों की सूची, देखें लिस्ट

भाजपा में भी कई परिवार

कल्याण सिंह ने अपने राजनीति में सक्रिय रहते हुए ही अपने पुत्र राजवीर सिंह उर्फ राजू भईया को राजनीति में उतार दिया था। राजवीर सिंह कल्याण सिंह के सामने ही उत्तर प्रदेश में विधायक और मंत्री बने.अब वह एटा से सांसद हैं. उनके पुत्र संदीप सिंह योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री हैं. कल्याण सिंह की बहू यानी राजवीर सिंह की पत्नी भी विधायक रही हैं. इसी तरह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह भी उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य हैं.
इसी तरह हरदोई के दिग्गज नेता नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल भी इस बार भाजपा के टिकट पर ताल ठोक रहे हैं. इसी तरह भाजपा छोड़कर जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य बदायूं से भाजपा की लोकसभा सदस्य हैं. उनके पुत्र उत्कृष्ट मौर्या रायबरेली जिले में ऊंचाहार विधानसभा क्षेत्र से विधायक उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़कर चुनाव हार चुके हैं. उत्कृष्ट की पत्नी इसी जिले के गौरा ब्लॉक की प्रमुख हैं.
इसी तरह भाजपा के विधान परिषद सदस्य दिनेश प्रताप सिंह के भाई राकेश सिंह रायबरेली जिले की हरचंदपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक हैं. उन्हीं का एक भाई अवधेश सिंह रायबरेली जिला पंचायत अध्यक्ष हैं. दिनेश सिंह के पुत्र हरचंदपुर के ब्लॉक प्रमुख हैं.
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं अदिति सिंह रायबरेली के पूर्व विधायक अखिलेश सिंह की बेटी हैं. वह इस बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी. योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री स्वाति सिंह हैं और इनके पति दयाशंकर सिंह के बारे में तो आप जानते ही होंगे.
योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री आशुतोष टण्डन भाजपा के दिग्गज नेता लालजी टंडन के बेटे हैं. नागरिक उड्डयन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नदी की पत्नी अभिलाषा नंदी प्रयागराज की मेयर हैं.गोंडा के भाजपा के लोकसभा सदस्य कीर्तिवर्धन सिंह हैं। इनके पिता आनन्द सिंह गोंडा से कई बार सांसद रहे हैं.
यूपी सरकार में मंत्री रहीं स्व. प्रेमलता कटियार की पुत्री नीलिमा कटियार योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री हैं.
कैराना के भाजपा के पूर्व सांसद स्व. हुकुम सिंह की पुत्री मृगांका सिंह भी भाजपा में सक्रिय है. हाथरस की पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय और उनके पति एवं पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय भाजपा में शामिल हैं.
चौधरी परिवार को तो जानते ही होंगे आप
यूपी की राजनीति में भूतपूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की तीसरी पीढ़ी सक्रिय है. उनके बेटे ने राष्ट्रीय लोकदल का गठन किया था. अब इस दल को उनके सुपुत्र जंयत चौधरी आगे बढ़ा रहे हैं. उनकी पत्नी चारू चौधरी के भी सक्रिय राजनीति में उतरने की चर्चा रही है लेकिन वह अभी तक राजनीति में उतरीं नहीं हैं.
बसपा भी शामिल
परिवारवाद की राजनीति के मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी कभी अपने भतीजे आकाश आनंद को आगे बढ़ाया था. वह कई बार मायावती के साथ मंचों पर भी नजर आए थे. मायावती ने उन्हें नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया था. बसपा सुप्रीमो मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं आकाश आनंद. कभी युवाओं को लुभाने के उद्देश्य से मायावती ने उन्हें बसपा का उपाध्यक्ष बनाया था लेकिन बाद में उन्होंने यह पद ले लिया था.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : Jan 28, 2022, 9:50 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.