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एएलएस एम्बुलेंस में मरम्मत का अभाव, वेंटीलेटर समेत कई उपकरण खराब

अतिगंभीर मरीजों की शिफ्टिंग के लिए सरकार ने एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) सेवा शुरु की. लेकिन मरम्मत के अभाव में इन जीवन रक्षक वाहनों की सांसें फूल रही है. ऐसे में मरीजों का जीवन दांव पर लग रहा है.

वेंटीलेटर समेत कई उपकरण खराब
वेंटीलेटर समेत कई उपकरण खराब
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Published : Oct 22, 2021, 9:55 PM IST

लखनऊः अति गंभीर मरीजों की शिफ्टिंग के लिए सरकार ने एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) सेवा शुरू की है. लेकिन मरम्मत के अभाव में इन जीवन रक्षक वाहनों की सांसें फूल रही हैं. स्थिति ये है कि कई वाहनों में वेंटीलेटर से लेकर स्ट्रेचर तक खराब हैं.

लखीमपुर के गोला निवासी जफीना बेगम उम्र 50 की गुरुवार रात तबीयत खराब हो गई. परिजन उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. डॉक्टरों ने भर्ती कर प्राथमिक उपचार किया. इसके बाद हालत गंभीर बताकर मरीज को एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस से शुक्रवार दोपहर ट्रॉमा सेंटर भेज दिया. यहां बेड खाली न होने पर मरीज को बलरामपुर अस्पताल भेज दिया. दोपहर करीब तीन बजे मरीज को लेकर एम्बुलेंस बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी पहुंची. अस्पताल के स्टॉफ ने एम्बुलेंस के स्ट्रेचर पर मरीज को लाने को कहा. ऐसे में एम्बुलेंस में तैनात ईएमटी ने स्ट्रेचर का पहिया टूटा होने का हवाला दिया. इसके बाद इमरजेंसी से स्ट्रेचर तलाशा गया. वहीं ऑक्सीजन सिलेंडर सपोर्ट से मरीज को वार्ड में शिफ्ट किया गया. परिजन के मुताबिक एम्बुलेंस में वेंटीलेटर भी खराब था. सामान्य ऑक्सीजन सपोर्ट पर मरीज को लाया गया. इससे मरीज की हालत बिगड़ती गयी.

यूपी में 250 एएलएस एम्बुलेंस हैं. जिलों में 2 से लेकर चार तक एम्बुलेंस की तैनाती की जा रही. एक तरफ एम्बुलेंस की तादाद कम है. वहीं दूसरी ओर ये एम्बुलेंस वीआईपी ड्यूटी में लगा दी जाती है. लिहाजा समय पर जहां मरीजों को एम्बुलेंस नहीं मिल पाती है. वहीं जब मिलती है, तो खराब उपकरण होने की वजह से जान पर आफत बन जाती है.

इसे भी पढ़ें- है नमन उनको...काकोरी कांड के महानायक अमर शहीद अशफाक उल्ला खां की जयंती पर विशेष

हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को सेवा का लाभ मिले. सरकार ने हाल में ही एम्बुलेंस हैंडओवर की है. कुछ एम्बुलेंस और मेडिकल उपकरणों को रिप्लेस करने हैं. इसको लेकर प्रयास जारी है.

लखनऊः अति गंभीर मरीजों की शिफ्टिंग के लिए सरकार ने एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) सेवा शुरू की है. लेकिन मरम्मत के अभाव में इन जीवन रक्षक वाहनों की सांसें फूल रही हैं. स्थिति ये है कि कई वाहनों में वेंटीलेटर से लेकर स्ट्रेचर तक खराब हैं.

लखीमपुर के गोला निवासी जफीना बेगम उम्र 50 की गुरुवार रात तबीयत खराब हो गई. परिजन उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. डॉक्टरों ने भर्ती कर प्राथमिक उपचार किया. इसके बाद हालत गंभीर बताकर मरीज को एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस से शुक्रवार दोपहर ट्रॉमा सेंटर भेज दिया. यहां बेड खाली न होने पर मरीज को बलरामपुर अस्पताल भेज दिया. दोपहर करीब तीन बजे मरीज को लेकर एम्बुलेंस बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी पहुंची. अस्पताल के स्टॉफ ने एम्बुलेंस के स्ट्रेचर पर मरीज को लाने को कहा. ऐसे में एम्बुलेंस में तैनात ईएमटी ने स्ट्रेचर का पहिया टूटा होने का हवाला दिया. इसके बाद इमरजेंसी से स्ट्रेचर तलाशा गया. वहीं ऑक्सीजन सिलेंडर सपोर्ट से मरीज को वार्ड में शिफ्ट किया गया. परिजन के मुताबिक एम्बुलेंस में वेंटीलेटर भी खराब था. सामान्य ऑक्सीजन सपोर्ट पर मरीज को लाया गया. इससे मरीज की हालत बिगड़ती गयी.

यूपी में 250 एएलएस एम्बुलेंस हैं. जिलों में 2 से लेकर चार तक एम्बुलेंस की तैनाती की जा रही. एक तरफ एम्बुलेंस की तादाद कम है. वहीं दूसरी ओर ये एम्बुलेंस वीआईपी ड्यूटी में लगा दी जाती है. लिहाजा समय पर जहां मरीजों को एम्बुलेंस नहीं मिल पाती है. वहीं जब मिलती है, तो खराब उपकरण होने की वजह से जान पर आफत बन जाती है.

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हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को सेवा का लाभ मिले. सरकार ने हाल में ही एम्बुलेंस हैंडओवर की है. कुछ एम्बुलेंस और मेडिकल उपकरणों को रिप्लेस करने हैं. इसको लेकर प्रयास जारी है.

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