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बाढ़ का कहर: औरैया में टूटा 25 साल का रिकार्ड, बाढ़ में फंसे संत को पुलिसकर्मियों ने सुरक्षित निकाला - many districts of uttar pradesh affected by floods

यूपी में मानसून लगातार सक्रिय है. जिसकी वजह से प्रदेश के कई इलाकों में बारिश हो रही है. यूपी के औरैया जिले में बाढ़ ने पिछले 25 साल का रिकार्ड तोड़ दिया. जिससे 2 दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हुए.

बाढ़ का कहर.
बाढ़ का कहर.
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Published : Aug 8, 2021, 2:03 PM IST

Updated : Aug 8, 2021, 2:24 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोगों को 4-5 दिनों तक बारिश का सितम झेलना पड़ेगा. मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार आज पूर्वांचल के जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है. यूपी में मानसून लगातार सक्रिय है. जिसकी वजह से प्रदेश के कई इलाकों में बारिश हो रही है. शनिवार को बलिया, सुलतानपुर, औरैया, मेरठ और आगरा जिलों में भारी बारिश हुई.

औरैया जिले में यमुना नदी में बाढ़ से जनपद के ग्रामीण इलाकों में हाहाकार मचा हुआ है. मौजूदा हालात में यमुना नदी खतरे के निशान से 4 मीटर ऊपर बह रही है. जिस कारण जिले के करीब दो दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं. जिनमें आधा दर्जन से अधिक गांव पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं. जिसको लेकर एसडीआरएफ टीम बाढ़ में फंसे लोगों के रेस्क्यू में लगी हुई है. जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ अन्य लोग भी बाढ़ पीड़ितों के खाने पीने का इंतजाम कर रहे है.

जानकारी देते डीएम सुनील कुमार वर्मा.

औरैया के ये 9 गांव पूरी तरह हुए जलमग्न

जनपद की अजीतमल तहसील के 9 गांव सिकरौडी, गोहानीकला, जुहीखा, तातारपुर, गूंज, बीझलपुर, अस्ता असेवता आदि गांव पूरी तरह जलमग्न हो चके है. इन गांवों में लोगों के मकान पूरी तरह या तो डूब चुके हैं या क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

दरअसल, औरैया जिले में 5 नदियों का संगम है. जिसमे चंबल नदी, पहुज नदी, क्वारी नदी, सिंध नदी भी शामिल है. सभी नदियां यमुना नदी में आ कर मिलती हैं. जिस कारण औरैया की स्थिति और ज्यादा भयावह हो गई है. वहीं सरकारी मदद से ग्रामीण संतुष्ट नहीं हैं.

बाढ़ ने तोड़ा 25 वर्ष पहले का रिकॉर्ड

औरैया में बाढ़ ने 1996 का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. 1996 में यमुना का जल स्तर 118.18 दर्ज किया गया था. लेकिन इस बार 118.92 तक जल स्तर पहुंच चुका है. हालांकि शनिवार व रविवार को जलस्तर मामूली रूप से कम हुआ है. लेकिन, स्थिति अब भी भयावह बनी हुई है.

डीएम सुनील कुमार वर्मा ने ​प्रत्येक गांव के लिए एक नोडल अधिकारी राहत और बचाव कार्य की मॉनिटरिंग के लिए लगा दिया है. साथ ही सभी लोगों को खाने-पीने का सामान उपलब्ध कराया जा रहा है और आपदा राहत के पैकेट भी वितरित किए जा रहे हैं. फिलहाल अभी बारिश और अन्य नदियों के जल स्तर में वृद्धि न हुई तब भी हालात सामान्य होने में एक सप्ताह का समय लगने की उम्मीद जताई जा रही है.

बाढ़ पीड़ितों की मदद को आगे आ रहे समाजसेवी

यमुना नदी में आई बाढ़ की चपेट में आए ग्रामीणों की मदद के लिए समाजसेवी भी बढ़-चढ़कर पीड़ितों की मदद कर रहे है. समाजसेवी बाढ़ पीड़ितों को खाद्य सामग्री के साथ-साथ दवा एवं अन्य सामग्री की वितरित कर रहे है.

बाढ़ में फंसे संत को पुलिसकर्मियों ने सुरक्षित निकाला

आगरा: मध्यप्रदेश और राजस्थान में बारिश के चलते चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. उफान आने से तटवर्ती इलाकों के गांव बाढ़ की चपेट में आने से प्रभावित हुए हैं. जिसके कारण बिहारी इलाकों के गांव में भारी परेशानी का सामना लोगों को करना पड़ रहा है. तो वहीं बासौनी थाना क्षेत्र के गांव पुरा बासौनी में एक मंदिर बाढ़ के पानी से चारों तरफ से गिर गया. जिस पर निवास करने वाले संत साधु पुजारी रामशरण गिरी चारों तरफ से पानी से घिर गए. कहीं निकलने का रास्ता नहीं होने के चलते बाबा खाने-पीने के लिए भी परेशान हो गए.

बाढ़ में फंसे संत को पुलिसकर्मियों ने सुरक्षित निकाला.

ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची थानाध्यक्ष दीपक चंद्र दीक्षित ने थाने पर तैनात नियुक्त तैराक वॉलिंटियर पुलिसकर्मी कॉन्स्टेबल जितेंद्र कुशवाहा, गोपाल, रणवीर सिंह ने पानी में कूदकर तैराकी करते हुए मंदिर तक पहुंचे और ट्यूब की मदद से साधु को बैठाकर रेस्क्यू कर ग्रामीणों की मदद से सुरक्षित बाढ़ के पानी से बाहर निकाला तो वहीं सोशल मीडिया पर पुलिस कर्मियों द्वारा साधु को सुरक्षित निकालने का रेस्क्यू करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. जिस पर पुलिस कर्मियों के कार्य की ग्रामीणों ने जमकर सराहना की है.

इसे भी पढे़ं- UP WEATHER FORECAST: पूर्वांचल में भारी बारिश की चेतावनी, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोगों को 4-5 दिनों तक बारिश का सितम झेलना पड़ेगा. मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार आज पूर्वांचल के जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है. यूपी में मानसून लगातार सक्रिय है. जिसकी वजह से प्रदेश के कई इलाकों में बारिश हो रही है. शनिवार को बलिया, सुलतानपुर, औरैया, मेरठ और आगरा जिलों में भारी बारिश हुई.

औरैया जिले में यमुना नदी में बाढ़ से जनपद के ग्रामीण इलाकों में हाहाकार मचा हुआ है. मौजूदा हालात में यमुना नदी खतरे के निशान से 4 मीटर ऊपर बह रही है. जिस कारण जिले के करीब दो दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं. जिनमें आधा दर्जन से अधिक गांव पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं. जिसको लेकर एसडीआरएफ टीम बाढ़ में फंसे लोगों के रेस्क्यू में लगी हुई है. जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ अन्य लोग भी बाढ़ पीड़ितों के खाने पीने का इंतजाम कर रहे है.

जानकारी देते डीएम सुनील कुमार वर्मा.

औरैया के ये 9 गांव पूरी तरह हुए जलमग्न

जनपद की अजीतमल तहसील के 9 गांव सिकरौडी, गोहानीकला, जुहीखा, तातारपुर, गूंज, बीझलपुर, अस्ता असेवता आदि गांव पूरी तरह जलमग्न हो चके है. इन गांवों में लोगों के मकान पूरी तरह या तो डूब चुके हैं या क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

दरअसल, औरैया जिले में 5 नदियों का संगम है. जिसमे चंबल नदी, पहुज नदी, क्वारी नदी, सिंध नदी भी शामिल है. सभी नदियां यमुना नदी में आ कर मिलती हैं. जिस कारण औरैया की स्थिति और ज्यादा भयावह हो गई है. वहीं सरकारी मदद से ग्रामीण संतुष्ट नहीं हैं.

बाढ़ ने तोड़ा 25 वर्ष पहले का रिकॉर्ड

औरैया में बाढ़ ने 1996 का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. 1996 में यमुना का जल स्तर 118.18 दर्ज किया गया था. लेकिन इस बार 118.92 तक जल स्तर पहुंच चुका है. हालांकि शनिवार व रविवार को जलस्तर मामूली रूप से कम हुआ है. लेकिन, स्थिति अब भी भयावह बनी हुई है.

डीएम सुनील कुमार वर्मा ने ​प्रत्येक गांव के लिए एक नोडल अधिकारी राहत और बचाव कार्य की मॉनिटरिंग के लिए लगा दिया है. साथ ही सभी लोगों को खाने-पीने का सामान उपलब्ध कराया जा रहा है और आपदा राहत के पैकेट भी वितरित किए जा रहे हैं. फिलहाल अभी बारिश और अन्य नदियों के जल स्तर में वृद्धि न हुई तब भी हालात सामान्य होने में एक सप्ताह का समय लगने की उम्मीद जताई जा रही है.

बाढ़ पीड़ितों की मदद को आगे आ रहे समाजसेवी

यमुना नदी में आई बाढ़ की चपेट में आए ग्रामीणों की मदद के लिए समाजसेवी भी बढ़-चढ़कर पीड़ितों की मदद कर रहे है. समाजसेवी बाढ़ पीड़ितों को खाद्य सामग्री के साथ-साथ दवा एवं अन्य सामग्री की वितरित कर रहे है.

बाढ़ में फंसे संत को पुलिसकर्मियों ने सुरक्षित निकाला

आगरा: मध्यप्रदेश और राजस्थान में बारिश के चलते चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. उफान आने से तटवर्ती इलाकों के गांव बाढ़ की चपेट में आने से प्रभावित हुए हैं. जिसके कारण बिहारी इलाकों के गांव में भारी परेशानी का सामना लोगों को करना पड़ रहा है. तो वहीं बासौनी थाना क्षेत्र के गांव पुरा बासौनी में एक मंदिर बाढ़ के पानी से चारों तरफ से गिर गया. जिस पर निवास करने वाले संत साधु पुजारी रामशरण गिरी चारों तरफ से पानी से घिर गए. कहीं निकलने का रास्ता नहीं होने के चलते बाबा खाने-पीने के लिए भी परेशान हो गए.

बाढ़ में फंसे संत को पुलिसकर्मियों ने सुरक्षित निकाला.

ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची थानाध्यक्ष दीपक चंद्र दीक्षित ने थाने पर तैनात नियुक्त तैराक वॉलिंटियर पुलिसकर्मी कॉन्स्टेबल जितेंद्र कुशवाहा, गोपाल, रणवीर सिंह ने पानी में कूदकर तैराकी करते हुए मंदिर तक पहुंचे और ट्यूब की मदद से साधु को बैठाकर रेस्क्यू कर ग्रामीणों की मदद से सुरक्षित बाढ़ के पानी से बाहर निकाला तो वहीं सोशल मीडिया पर पुलिस कर्मियों द्वारा साधु को सुरक्षित निकालने का रेस्क्यू करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. जिस पर पुलिस कर्मियों के कार्य की ग्रामीणों ने जमकर सराहना की है.

इसे भी पढे़ं- UP WEATHER FORECAST: पूर्वांचल में भारी बारिश की चेतावनी, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

Last Updated : Aug 8, 2021, 2:24 PM IST
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