लखनऊ: राजधानी लखनऊ में लगातार कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है. इसे सिस्टम की लापरवाही कहें या अधिकारियों का नकारापन लगातार बढ़ रहे संक्रमण को रोक पाने में सरकारी अमला पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है. यही कारण है कि श्मशान घाटों पर बड़ी संख्या में लोग अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने आ रहे हैं और यहां भी उन्हें समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है.
राजधानी लखनऊ में लगातार स्थिति भयावह हो रही है. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी सरकार के मंत्री आशुतोष टंडन सहित लगभग दो दर्जन आईएएस अधिकारी भी संक्रमित हैं. बावजूद इसके जिला प्रशासन न तो मरीजों को बेड उपलब्ध करा पा रहा है और न ही वेंटिलेटर. हद तो तब हो गई जब राजधानी में अपना इलाज कराने आने वाले लोगों को एंबुलेंस भी नहीं मिल पा रही है और यही कारण है कि लगातार बड़ी संख्या में मरीज अस्पतालों के दरवाजे पर दम तोड़ रहे हैं.
श्मशान घाटों पर उमड़ रहा मेला
राजधानी लखनऊ की घटिया स्वास्थ्य व्यवस्था की भेंट लगातार बड़ी संख्या में लोग चढ़ रहे हैं और यही कारण है कि लगातार श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार करने वाले लोगों की लाइन लग रही हैं. राजधानी लखनऊ के बैकुंठ धाम, भैंसा कुंड, गुलाला घाट पर लगातार अंतिम संस्कार करने वाले लोगों की लाइन लग रही है. सबसे दुखद बात यह है कि यहां घाटों पर लोगों को लकड़ियां तक नहीं मिल पा रही है, जिसके कारण लोगों को बाजार से लकड़ियों की खरीद करनी पड़ रही है. नगर निगम प्रशासन और जिला प्रशासन इन घाटों पर लकड़ियां भी नहीं उपलब्ध करा पा रहा है, जिसके कारण लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
इसे भी पढ़ें-फिर लौटा कोरोना का खौफ, दिल्ली-मुंबई से आ रही ट्रेनें फुल, खिड़कियों से घुस रहे यात्री
बैकुंठ धाम पर पहुंची 36 डेड बॉडी
राजधानी लखनऊ के श्मशान घाटों पर बड़ी संख्या में डेड बॉडी पहुंच रही हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जहां बैकुंठ धाम पर बुधवार देर रात्रि तक 36 डेड बॉडी पहुंची. वहीं राजधानी के सभी घाटों पर कल 173 डेड बॉडी पहुंची थी. कल 173 डेड बॉडी में से 73 कोरोना संक्रमित जबकि बाकी नॉर्मल थी. ऐसे में समझा जा सकता है कि राजधानी लखनऊ की स्थिति कितनी भयावह है.
जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन लगातार श्मशान घाटों पर लकड़ियों की उपलब्धता की बातें कर रहा है. पर आज भी बड़ी संख्या में लोगों को लकड़ियों की व्यवस्था खुद करनी पड़ रही है. इस बारे में नगर निगम के अधिकारियों का दावा है कि घाटों पर लकड़ियों की पर्याप्त व्यवस्था है. वही अंतिम संस्कार कराने आए लोगों का कहना है कि नगर निगम के सारे दावे झूठे हैं.