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मानसून की देरी से जनता बेहाल, जानें मौसम का हाल - weather in up

यूपी में मानसून आने की देरी के चलते आमजन परेशान हैं. लोगों का भीषण गर्मी से बुरा हाल है. मौसम वैज्ञानिक भी देरी से मानसून आने की बात कह रहे हैं.

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Published : Jun 18, 2019, 7:41 PM IST

लखनऊ: प्रदेश में मौसम लगातार करवट बदल रहा है. दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे तापमान से आमजम परेशान हैं. हालांकि शाम ढलते ही मौसम सुहाना हो जाता है. इस वजह से लोग थोड़ा राहत महसूस कर रहे हैं. मौसम विज्ञानिकों की मानें तो यह लो प्रेशर जोन की वजह से हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद मानसून आने में अभी देरी है.

राजधानी लखनऊ के मौसम की जानकारी देतीं संवाददाता.

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसून पहले 20 जून के बाद आने वाला था, लेकिन अब इसमें डेढ़ हफ्ते की देरी होगी. जून के अंत तक मानसून आ जाएगा. मौसम वैज्ञानिकों ने इस साल कम बारिश होने के आसार जताए हैं. मानसून के देरी से आने की वजह से प्री मानसून का भी कोई इशारा नहीं मिल रहा है. मौसम विज्ञानियों का मानना है कि वाष्पीकरण के चलते शाम को मौसम सुहाना हो जाता है, लेकिन इसे प्री मानसून नहीं कहा जा सकता है.

लखनऊ विश्वविद्यालय के जियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर ध्रुवसेन सिंह ने बताया कि दिन में अधिक पारा और शाम को मौसम सुहाना इस वजह से हो रहा है, क्योंकि हमारे आसपास लो प्रेशर जोन क्रिएट हो जाता है. 21 जून को विश्व संक्रांति होती है, तब तक यह तापमान यूं ही दिन में बढ़ता रहेगा. इस समय सूर्य की किरणें अधिकतम कर्क रेखा पर पड़ती हैं. भारत में कर्क रेखा बिल्कुल बीच से होकर गुजरती है. इस वजह से सूर्य की किरणें लंबोध और सबसे अधिक पड़ती हैं.

लखनऊ: प्रदेश में मौसम लगातार करवट बदल रहा है. दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे तापमान से आमजम परेशान हैं. हालांकि शाम ढलते ही मौसम सुहाना हो जाता है. इस वजह से लोग थोड़ा राहत महसूस कर रहे हैं. मौसम विज्ञानिकों की मानें तो यह लो प्रेशर जोन की वजह से हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद मानसून आने में अभी देरी है.

राजधानी लखनऊ के मौसम की जानकारी देतीं संवाददाता.

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसून पहले 20 जून के बाद आने वाला था, लेकिन अब इसमें डेढ़ हफ्ते की देरी होगी. जून के अंत तक मानसून आ जाएगा. मौसम वैज्ञानिकों ने इस साल कम बारिश होने के आसार जताए हैं. मानसून के देरी से आने की वजह से प्री मानसून का भी कोई इशारा नहीं मिल रहा है. मौसम विज्ञानियों का मानना है कि वाष्पीकरण के चलते शाम को मौसम सुहाना हो जाता है, लेकिन इसे प्री मानसून नहीं कहा जा सकता है.

लखनऊ विश्वविद्यालय के जियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर ध्रुवसेन सिंह ने बताया कि दिन में अधिक पारा और शाम को मौसम सुहाना इस वजह से हो रहा है, क्योंकि हमारे आसपास लो प्रेशर जोन क्रिएट हो जाता है. 21 जून को विश्व संक्रांति होती है, तब तक यह तापमान यूं ही दिन में बढ़ता रहेगा. इस समय सूर्य की किरणें अधिकतम कर्क रेखा पर पड़ती हैं. भारत में कर्क रेखा बिल्कुल बीच से होकर गुजरती है. इस वजह से सूर्य की किरणें लंबोध और सबसे अधिक पड़ती हैं.

Intro:लखनऊ। मौसम लगातार करवट ले रहा है। दिन प्रतिदिन बढ़ता भीषण पारा दिन में लोगों को बेहद परेशान करता नजर आ रहा है। वहीं कुछ दिनों से शाम में मौसम सुहाना होता जा रहा है जिससे लोग राहत की सांस ले रहे हैं। मौसम विज्ञानी के अनुसार यह लो प्रेशर जोन की वजह से हो रहा है लेकिन इसके बावजूद मानसून को आने में अभी देर है।


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मौसम विज्ञानियों की अगर मानें तो मानसून से पहले 20 जून के बाद आने वाला था अब इसमें देरी होगी। इसके साथ ही बरसात भी इस वर्ष कम होगी। लखनऊ विश्वविद्यालय के जियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर ध्रुवसेन सिंह कहते हैं कि दिन में अधिकतम पारा और शाम में मौसम सुहाना इस वजह से हो रहा है क्योंकि हमारे आसपास लो प्रेशर जोन क्रिएट हो जाता है। 21 जून को विश्व संक्रांति होती है तब तक यह तापमान यूं ही दिन में बढ़ता रहेगा क्योंकि इस वक्त सूर्य की किरणें अधिकतम कर्क रेखा पर पड़ती है। भारत में कर्क रेखा बिल्कुल बीच से होकर गुजरती है जिसकी वजह से सूर्य की किरणें लंबोध और सबसे अधिक पड़ती हैं।

मौसम विज्ञानियों के अनुसार मानसून इस वर्ष 20 जून तक आने वाला था लेकिन अब इसमें डेढ़ हफ्ते की देरी होने वाली है। जून के अंत तक मानसून तो आ जाएगा लेकिन पिछले वर्षो की अपेक्षा इस वर्ष बरसात कम होगी।


Conclusion:जहां मानसून एक ओर देरी से आ रहा है वहीं प्री मानसून का भी कहीं कोई इशारा नहीं मिल रहा है। मौसम विज्ञानियों का मानना है कि वाष्पीकरण के चलते शाम तक मौसम तो सुहाना हो जाता है लेकिन इसे प्री मानसून नहीं कहा जा सकता।

पीटीसी- रामांशी मिश्रा
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