लखनऊ: मनकामेश्वर मठ मंदिर की महंत देव्यागिरि ने 'कोरोना का शमन, घर-घर हवन' अभियान की शुरुआत आज यानि मंगलवार से की. इसकी पहल करते हुए उन्होंने प्रतिष्ठित मनकामेश्वर मठ मंदिर में औषधीय गुणों से युक्त तत्वों से महायज्ञ किया. साथ ही उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि वह भी कोरोना महामारी में हवन कर वातातरण को निर्मल बनाकर जीवन रक्षा में सहयोग करें.
इसलिए हवन करना चाहिए
मंदिर परिसर में महंत देव्यागिरि की अगुवाई में सर्वकल्याण और वातावरण शुद्धि के लिए महायज्ञ हुआ. इस अवसर पर महंत ने बताया कि शास्त्रों में वर्णित 'अग्निहोत्र' नियमित रूप से करना चाहिए. इसके सुगंधित औषधीय तत्वों की आहुति से उठे धुंए से वातावरण में विषाणु नष्ट हो जायेंगे. उन्होंने बताया कि औषधीय महत्व के तत्व न केवल प्राण वायु से हानिकारक तत्वों को समाप्त करते हैं, बल्कि चित भी आनंदित कर शरीर को निरोगी बनाते हैं. इसलिए अधिक से अधिक लोगों को नियमित हवन करना चाहिए.
इन औषधीय तत्वों से किया हवन
महंत गिरि ने बताया कि गाय के कंडों का प्रयोग करना अति लाभकारी होता है. महंत ने बताया कि यज्ञ मात्र एक धार्मिक कर्मकांड नहीं है अपितु एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है. मंदिर की सेवादार उपमा पाण्डेय ने बताया कि यज्ञ में गिलोय, कपूर, लौंग, नीम, इलायची, गुग्गल, जौ, तिल, जावित्री, जायफल, पीली सरसों, पंच मेवा, नारियल, चंदन आदि का प्रयोग किया गया.
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महंत ने की सरकार से अपील
महंत देव्यागिरी ने सरकार से अपील की है कि 5-जी का प्रशिक्षण कोरोना के संकट काल में स्थगित किया जाए. उनके अनुसार वातावरण में अनावश्यक घातक किरणों को रोकने से मानव काया की रोग प्रतिरोधकता बढ़ेगी और कोरोना पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी.