लखनऊ : आम के बाग में सबसे अधिक ध्यान बौर लगते समय रखना चाहिए. इन्हीं एक-दो महीने में बाग की देख-रेख करके किसान अच्छा उत्पादन पा सकते हैं. अगर आपको अपने आम को कीटों के प्रभाव से बचाना है तो जब आम कंचे के बराबर का हो जाए तभी से बागवान फलों की क्वालिटी को बरकरार रखते हुए आम में लगने वाले विभिन्न रोगों और कीटों से बचाव के इंतजाम कर लेना चाहिए. इसके लिए फ्रूट कवर बैग एक अच्छा जरिया हो सकता है. यह न सिर्फ फल को रोगों एवं कीटों से बचाएगा, बल्कि इसके प्रयोग से आम बढ़िया क्वालिटी का निकलेगा.
मुख्य उद्यान प्रभारी मलिहाबाद राजीव वर्मा बताते हैं कि मौसम के बदलाव के कारण कीट-रोगों को बढ़ने का वातावरण मिल जाता है. इस समय के तापमान में आम के बौर पर पाउडरी मिल्ड्यू जिसे खर्रा या दहिया रोग भी कहते हैं के लगने की संभावना बढ़ जाती है. गुजिया कीट भी बढ़ने लगते हैं. इनके साथ ही बाग में भुनगा, पुष्पगुच्छ मिज और बौर को झुलसा रोग भी लग सकता है. इसलिए इन रोग और कीटों से बचने के लिए बाग में सही प्रबंधन कराना जरूरी है.
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