लखनऊ: भाजपा की अति महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यकारिणी गुरुवार को घोषित की गई. इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लगातार पार्टी के खिलाफ तीखे तेवर दिखा रहे पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी और उनकी मां सांसद मेनका गांधी को जगह नहीं मिली है. दोनों ही भारतीय जनता पार्टी में लंबे समय से जुड़े हुए हैं और पहले उच्च स्तरीय पदों पर रह चुके हैं. वरुण गांधी किसान आंदोलन से लेकर लखीमपुर कांड तक भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व को चुनौती देते रहे हैं.
सोशल मीडिया और अपने लिखे पत्रों के माध्यम से वह विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए नजर आए. ऐसे में वरुण और मेनका को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह न देकर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने एक बड़ा संदेश दिया है. जिसमें वरुण गांधी को आगे होने वाले बड़े एक्शनों के लिए भी तैयार रहने की मौन सलाह शामिल है.
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बता दें कि हालांकि, मेनका गांधी और वरुण गांधी को नई कार्यकारिणी से बाहर कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक, लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद वरुण गांधी लगातार योगी और मोदी सरकार पर हमलावर हैं. राष्ट्रीय कार्यकारिणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, एमएम जोशी, केन्द्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत कई दिग्गज नेताओं के नाम हैं.