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बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेट करने का शासनादेश जारी

योगी सरकार ने बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेट करने का शासनादेश जारी किया है. आइसोलेट होने वाले मरीजों को शासन द्वारा जारी जरूरी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा.

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Published : Jul 21, 2020, 12:07 AM IST

yogi
सीएम योगी.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बिना लक्षण वाले कोरोना के मरीजों को होम आइसोलेशन में रखे जाने की घोषणा के उपरांत देर शाम स्वास्थ विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है. प्रदेश में आज से ही एसिंप्टोमेटिक मरीज होम आइसोलेट किए जा सकेंगे. आइसोलेट होने वाले मरीजों को शासन द्वारा जारी जरूरी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की तरफ से सभी जिलाधिकारियों, मंडलायुक्तों को यह आदेश भेज दिया गया है.

कई नियमों का करना होगा पालन
होम आइसोलेशन उन्हीं मरीजों को किया जा सकेगा जिसे उपचार करने वाले चिकित्सक के द्वारा लक्षण रहित रोगी के रूप में चिह्नित किया गया हो. रोगी के निवास पर खुद को आइसोलेट करने और परिजनों को क्वारंटाइन करने की सुविधा उपलब्ध हो. घर में कम से कम 2 शौचालय होना जरूरी है. ऐसे रोगी जिन की रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी कारणवश कमजोर है, वह होम आइसोलेट नहीं हो सकेंगे. एचआईवी, अंग प्रत्यारोपण, कैंसर जैसे असाध्य बीमारियों से ग्रसित रोगियों को इसमें शामिल किया गया है.

रोगी की देखरेख के लिए 24 घंटे चाहिए एक व्यक्ति
इसके साथ ही 24 घंटे रोगी की देखरेख करने के लिए एक व्यक्ति उपलब्ध हो. संपूर्ण आइसोलेशन अवधि के दौरान मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति और संबंधित चिकित्सालय के मध्य संपर्क बनाए रखना अनिवार्य होगा. देखभाल करने वाले व्यक्ति, रोगी के नजदीकी और संपर्क में रहने वाले लोगों को प्रोटोकाल का पालन करना होगा. इलाज करने वाले चिकित्सक के परामर्श के अनुसार परिवार के अन्य सदस्यों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन प्रोफाइलेक्सिस लेनी होगी.

इन एप को करना होगा डाउनलोड
इसके अलावा आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा. इस एप को ब्लूटूथ और वाईफाई के माध्यम से सदैव सक्रिय रखना होगा. इसके साथ ही इस एप में दिन में दो बार सूचना अपडेट करनी होगी. यूपी स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विकसित किए गए कोविड कवच एप को भी डाउनलोड करना होगा.

रोगी को साथ रखनी पड़ेगी किट
मरीज को अपने स्वास्थ्य के नियमित अनुभव अनुश्रवण के दायित्व को स्वीकार करना होगा. संबंधित जिले के जिला सर्विलांस अधिकारी को इसकी नियमित सूचना देनी होगी. होम आइसोलेशन में रहने वाले लक्षण विहीन कोविड-19 मरीजों को एक किट खरीद कर अपने पास रखनी होगी. इसमें पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, मास्क, ग्लव्ज, सोडियम हाइपोक्लोराइट, सॉल्यूशन और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली वस्तुएं सम्मिलित होंगी.

क्वारंटाइन गाइडलाइंस का करना होगा पालन
मरीज को एक अंडरटेकिंग देनी होगी और क्वारंटाइन गाइडलाइंस का अनुपालन करना होगा. इसपर सम्यक विचारों प्रांत उपचार प्रदान करने वाले डॉक्टर के द्वारा होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी. रोगी और देखभाल करने वाले व्यक्ति को तय प्रोटोकाल के अनुसार निर्देशों का अनुपालन करना होगा. होम आइसोलेशन में रखे गए मरीज का विवरण नियमित रूप से कोविड पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा. जिला स्तरीय अधिकारियों को इस अपडेशन का अनुसरण किया जाएगा. होम आइसोलेशन के प्रोटोकाल का उल्लंघन करने अथवा उपचार की आवश्यकता की स्थिति में रोगी को शिफ्ट करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा तत्काल निर्णय लिया जाएगा.फील्ड स्टाफ को प्रोटोकॉल के अनुसार सभी परिजनों और नजदीकी संपर्कों का अनुश्रवण और टेस्टिंग कराना होगा.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बिना लक्षण वाले कोरोना के मरीजों को होम आइसोलेशन में रखे जाने की घोषणा के उपरांत देर शाम स्वास्थ विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है. प्रदेश में आज से ही एसिंप्टोमेटिक मरीज होम आइसोलेट किए जा सकेंगे. आइसोलेट होने वाले मरीजों को शासन द्वारा जारी जरूरी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की तरफ से सभी जिलाधिकारियों, मंडलायुक्तों को यह आदेश भेज दिया गया है.

कई नियमों का करना होगा पालन
होम आइसोलेशन उन्हीं मरीजों को किया जा सकेगा जिसे उपचार करने वाले चिकित्सक के द्वारा लक्षण रहित रोगी के रूप में चिह्नित किया गया हो. रोगी के निवास पर खुद को आइसोलेट करने और परिजनों को क्वारंटाइन करने की सुविधा उपलब्ध हो. घर में कम से कम 2 शौचालय होना जरूरी है. ऐसे रोगी जिन की रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी कारणवश कमजोर है, वह होम आइसोलेट नहीं हो सकेंगे. एचआईवी, अंग प्रत्यारोपण, कैंसर जैसे असाध्य बीमारियों से ग्रसित रोगियों को इसमें शामिल किया गया है.

रोगी की देखरेख के लिए 24 घंटे चाहिए एक व्यक्ति
इसके साथ ही 24 घंटे रोगी की देखरेख करने के लिए एक व्यक्ति उपलब्ध हो. संपूर्ण आइसोलेशन अवधि के दौरान मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति और संबंधित चिकित्सालय के मध्य संपर्क बनाए रखना अनिवार्य होगा. देखभाल करने वाले व्यक्ति, रोगी के नजदीकी और संपर्क में रहने वाले लोगों को प्रोटोकाल का पालन करना होगा. इलाज करने वाले चिकित्सक के परामर्श के अनुसार परिवार के अन्य सदस्यों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन प्रोफाइलेक्सिस लेनी होगी.

इन एप को करना होगा डाउनलोड
इसके अलावा आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा. इस एप को ब्लूटूथ और वाईफाई के माध्यम से सदैव सक्रिय रखना होगा. इसके साथ ही इस एप में दिन में दो बार सूचना अपडेट करनी होगी. यूपी स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विकसित किए गए कोविड कवच एप को भी डाउनलोड करना होगा.

रोगी को साथ रखनी पड़ेगी किट
मरीज को अपने स्वास्थ्य के नियमित अनुभव अनुश्रवण के दायित्व को स्वीकार करना होगा. संबंधित जिले के जिला सर्विलांस अधिकारी को इसकी नियमित सूचना देनी होगी. होम आइसोलेशन में रहने वाले लक्षण विहीन कोविड-19 मरीजों को एक किट खरीद कर अपने पास रखनी होगी. इसमें पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, मास्क, ग्लव्ज, सोडियम हाइपोक्लोराइट, सॉल्यूशन और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली वस्तुएं सम्मिलित होंगी.

क्वारंटाइन गाइडलाइंस का करना होगा पालन
मरीज को एक अंडरटेकिंग देनी होगी और क्वारंटाइन गाइडलाइंस का अनुपालन करना होगा. इसपर सम्यक विचारों प्रांत उपचार प्रदान करने वाले डॉक्टर के द्वारा होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी. रोगी और देखभाल करने वाले व्यक्ति को तय प्रोटोकाल के अनुसार निर्देशों का अनुपालन करना होगा. होम आइसोलेशन में रखे गए मरीज का विवरण नियमित रूप से कोविड पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा. जिला स्तरीय अधिकारियों को इस अपडेशन का अनुसरण किया जाएगा. होम आइसोलेशन के प्रोटोकाल का उल्लंघन करने अथवा उपचार की आवश्यकता की स्थिति में रोगी को शिफ्ट करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा तत्काल निर्णय लिया जाएगा.फील्ड स्टाफ को प्रोटोकॉल के अनुसार सभी परिजनों और नजदीकी संपर्कों का अनुश्रवण और टेस्टिंग कराना होगा.

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